‘जब हीरो गुप्तांग दिखाते थे तो तुम क्या करती थी’: रश्मि ही नहीं, कंगना के लिए भी घृणा दिखा चुका है हिंदूफोबिक अभिजीत सरकार
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मेंबर डॉ. अभिजीत सरकार के कुछ पुराने ट्वीटस वायरल हो रहे हैं। इनमें वह देश की एक राजनीतिक पार्टी और कंगना रनौत तथा पायल घोष जैसी अभिनेत्रियों के लिए अपनी कुंठा दिखा रहा है। इससे पहले रश्मि सामंत को निशाना बनाने के कारण सरकार चर्चा में रहा था। हिंदू पहचान के कारण निशाना बनाए जाने के बाद पिछले दिनों सामंत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
वायरल हो रहे ट्वीटस में से एक में अभिजीत सरकार ने कंगना रनौत के लिए कहा है कि वह अपनी कुछ ‘खास तस्वीरें’ ऋतिक रौशन को भेजती थीं और अब वह वही फोटो पार्टी के हर नेता को भी भेजती है? अभिजीत का ये ट्वीट 3 जनवरी 2021 का है।
इसके बाद एक ट्वीट 22 सितंबर 2020 का है। कंगना ने तब अनुराग कश्यप के खिलाफ सेक्शुअल मिसकंडक्ट के आरोप लगाने वाली पायल घोष के समर्थन में एक ट्वीट किया था।
ट्वीट में कंगना ने कहा था, “पायल घोष ने जो कुछ भी कहा है, कई बड़े हीरोज ने मेरे साथ भी वैसा किया था, अचानक वैन या कमरे का दरवाजा बंद करके अपना गुप्तांग को दिखा देना या पार्टी में डांस फ्लोर पर दोस्ताना डांस के दौरान उनकी जीभ को आपके मुँह से लगा देना, काम के लिए अपॉइंटमेंट लेना और घर आकर तुम्हारे साथ जोर-जबरदस्ती करना।”
कंगना का यह ट्वीट पायल घोष के आरोपों के समर्थन में था। दोनों अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड के काले सच पर बेबाकी से बात रखी थी। लेकिन अभिजीत सरकार ने उन्हें सराहने के बजाय पहले कंगना से पूछा कि जब हीरो उन्हें गुप्तांग दिखाते थे, तो वो क्या करती थी। फिर पायल घोष के आरोपों को पेड कहते हुए पूछा, “क्या अनुराग कश्यप पर इल्जाम लगाने के लिए कोई राजनीतिक पार्टी तुम पर दबाव बना रही है? मैं बस जानने के इच्छुक हूँ।”
पायल के अन्य ट्वीट में जिसमें उन्होंने कहा था, “जो लोग कह रहे हैं कि ये सब राजनीति के लिए कर रही हूँ और मैं हालातों का फायदा उठा रही हूँ। वो पहले कल्पना करें कि यहाँ तुम्हारी बहन या बेटी मेरी जगह हो सकती थी या तुम्हारी माँ भी हो सकती थी…तब आकर बात करो।” इस ट्वीट पर भी सरकार ने राजनीतिक पार्टी को बीच में घसीटा और कहा कि हमारी माँ-बहनें तुम्हारी पार्टी में नहीं हैं, इसलिए वह सुरक्षित हैं।
रश्मि सामंत के ख़िलाफ़ हिंदूविरोधी अभियान का नेतृत्व
अभिजीत ऑक्सफोर्ड यूनवर्सिटी के इतिहास विभाग के फैकल्टी सदस्य हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक ऐसे हिंदूविरोधी अभियान का नेतृत्व किया जिसके कारण स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रश्मि को इस्तीफा देना पड़ा था। रश्मि को बदनाम करने के लिए कुछ ट्वीट्स वायरल किए गए थे।
हालाँकि अब अभिजीत सरकार खुद अपने पुराने ट्वीट के कारण सोशल मीडिया पर लताड़े जा रहे हैं। उनके ट्वीट्स से साफ पता चलता है कि वे हिंदूफोबिक हैं जो मानता है कि बिना बीफ खाए हिंदू तरक्की नहीं कर सकता।
उनके अनुसार ऑक्सफोर्ड में दिवाली पर हिंदुओं को बीफ परोस दिया गया तो हल्ला करने की क्या जरूरत थी। वह कहते हैं कि ये देशी लोग 1857 के बाद से एक इंच आगे नहीं बढ़े हैं। ऐसे ही सरस्वती पूजन के दिन सरकार ने सोशल मीडिया पर बताया था कि बचपन में उन्होंने तमाम सरस्वती प्रतिमाएँ तोड़ी थीं।
अभिजीत सरकार के विरुद्ध ग्लोबल हिंदू फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश शर्मा ने शिकायत भी दायर की है। पुलिस ने बताया है कि अभिजीत के ख़िलाफ उन्हें शिकायत मिली है। उनपर आरोप है कि उन्होंने रश्मि के परिवार की तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी। पोस्ट में की गई टिप्पणी जाँच के दायरे में हैं।
पिछले दिनों वामपंथी और हिंदू विरोधी प्रोपगेंडाबाजों ने ऑक्सफोर्ड में रश्मि सामंत के यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष पद पर जीत के बाद उन्हें घेरना शुरू किया था। तरह-तरह के इल्जाम लगा कर उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया था। उनके ख़िलाफ़ इस्लामोफोबिक, ट्रांसफोबिक होने के इल्जाम लगाए गए थे। साथ ही उन्हें हिंदू होने के लिए भी निशाना बनाया गया था। उनकी हालत ऐसी कर दी गई थी कि 24000 यूरो फीस चुकाने के बावजूद वह तंग होकर भारत आ गईं और मानसिक रूप से परेशान होने के कारण अस्पताल में भी भर्ती रहीं। रश्मि सामंत अपने साथ हुए नस्लीय भेदभाव के कारण इतनी दुखी हैं कि उन्हें अब ऑक्सफोर्ड जाना सुरक्षित नहीं लगता।
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