सुपरस्टार रजनीकांत को भारत सरकार ने 51वें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इससे पहले 2018 में ये अवॉर्ड अमिताभ बच्चन को और 2017 में विनोद खन्ना को दिया गया था। 2016 में इस प्रतिष्ठित सम्मान से फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ को नवाजा गया था। इसी तरह 2015 में मनोज कुमार व के विश्वनाथ, 2014 में शशि कपूर, 2013 में गुलजार और 2012 में प्राण को ये सम्मान मिला था।
भारतीय सिनेमा के जनक धुंदीराज गोविंद फाल्के के सम्मान में उनके बाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सबसे गौरवपूर्ण तथा प्रतिष्ठित पुरस्कार का नाम दिया गया। यह वह व्यक्ति हैं जिन्होंने पहली भारतीय फीचर फिल्म वर्ष 1913 में ‘राजा हरिश्चंद्र’ का निर्माण किया था। दादासाहेब फाल्के ने 19 वर्ष की अवधि में 95 फिल्में तथा 26 लघु फिल्में बनाई थीं। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में फिल्मी हस्तियों के योगदान को सम्मान देने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 1969 में शुरू किया गया था।
इस पुरस्कार की पहली विजेता देविका रानी थीं। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार फिल्मी हस्तियों को भारतीय सिनेमा के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, प्रमाणपत्र, सिल्क स्क्रोल तथा एक शॉल दिया जाता है। रजनीकांत की उम्र 70 से अधिक हो चुकी है और वो इस उम्र में भी ‘2.0’, ‘पेट्टा’ और ‘दरबार’ जैसी सुपरहिट फ़िल्में दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घोषणा पर ख़ुशी जताते हुए कहा, “वो कई पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में ऐसा कार्य किया है, जैसा विरले ही कर पाए हैं। उनका व्यक्तित्व काफी प्यारा है और उन्होंने पर्दे पर विभिन्न प्रकार के किरदार निभाए हैं। ये रजनीकांत हैं। ये काफी ख़ुशी की बात है कि ‘थलाइवा’ को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई।”
Popular across generations, a body of work few can boast of, diverse roles and an endearing personality...that’s Shri @rajinikanth Ji for you.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2021
It is a matter of immense joy that Thalaiva has been conferred with the Dadasaheb Phalke Award. Congratulations to him.
हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।
— नंदकिशोर वाल्मीकि (@NandkishoreVal1) April 1, 2021
हालाँकि, कई लोगों ने इसे तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़ा। रजनीकांत भी राजनीतिक दल बना कर चुनाव में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के कारण उन्होंने अपने फैसले को बदल दिया। जब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर से ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 5 लोगों की ज्यूरी नाम तय करती है, इसमें राजनीति कहाँ से आ गई?
उन्होंने कहा कि रजनीकांत पिछले 5 दशक से फ़िल्मी दुनिया पर राज कर रहे हैं और लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। रजनीकांत के प्रशंसकों की एसोसिएशन रजनी मक्कल मण्ड्राम (Rajini Makkal Mandram) की तमिलनाडु में 65,000 इकाइयाँ हैं, जो उनके राजनीति में जाने के बाद पार्टी का हिस्सा बनने वाली थीं। अब तमिलनाडु में सभी पार्टियाँ उन्हें रिझाने में लगी हुई है। अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने भी उन्हें बधाई दी है। इससे पहले दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड विजेताओं की सूची इस प्रकार है:
वर्ष (समारोह) | नाम | फिल्म इंडस्ट्री |
---|---|---|
2018 (66 वां) | अमिताभ बच्चन | हिन्दी |
2017 (65वां) | विनोद खन्ना | हिन्दी |
2016 (64वां) | कसिनाथुनी विश्वनाथ | तेलुगू |
2015 (63वां) | मनोज कुमार | हिन्दी |
2014 (62वां) | शशि कपूर | हिन्दी |
2013 (61वां) | गुलजार | हिन्दी |
2012 (60वीं) | प्राण | हिन्दी |
2011 (59वां) | सौमित्र चटर्जी | बंगाली |
2010 (58वां) | के. बालचन्दर | तमिलतेलुगू |
2009 (57वां) | डी. रामानायडू | तेलुगू |
2008 (56वां) | वी. के. मूर्ति | हिन्दी |
2007(55वां) | मन्ना डे | बंगालीहिन्दी |
2006 (54वां) | तपन सिन्हा | बंगालीहिन्दी |
2005 (53वां) | श्याम बेनेगल | हिन्दी |
2004 (52वां) | अडूर गोपालकृष्णन | मलयालम |
2003 (51वां) | मृणाल सेन | बंगाली |
2002 (50वां) | देव आनन्द | हिन्दी |
2001 (49वां) | यश चोपड़ा | हिन्दी |
2000 (48वां) | आशा भोसले | हिन्दीमराठी |
1999 (47वां) | ऋषिकेश मुखर्जी | हिन्दी |
1998 (46वां) | बी. आर. चोपड़ा | हिन्दी |
1997 (45वां) | कवि प्रदीप | हिन्दी |
1996 (44वां) | शिवाजी गणेशन | तमिल |
1995 (43वां) | राजकुमार | कन्नड़ |
1994 (42वीं) | दिलीप कुमार | हिन्दी |
1993 (41वां) | मजरूह सुल्तानपुरी | हिन्दी |
1992 (40वां) | भूपेन हजारिका | असमिया |
1991 (39वां) | भालजी पेंढारकर | मराठी |
1990 (38वां) | अक्कीनेनी नागेश्वर राव | तेलुगू |
1989 (37वां) | लता मंगेशकर | हिन्दी, मराठी |
1988 (36वां) | अशोक कुमार | हिन्दी |
1987 (35वां) | राज कपूर | हिन्दी |
1986 (34वां) | बी. नागी. रेड्डी | तेलुगू |
1985 (33वां) | वी. शांताराम | हिन्दीमराठी |
1984 (32वां) | सत्यजीत रे | बंगाली |
1983 (31वां) | दुर्गा खोटे | हिन्दीमराठी |
1982 (30वां) | एल. वी. प्रसाद | हिन्दीतमिलतेलुगू |
1981 (29वां) | नौशाद | हिन्दी |
1980 (28वां) | पैडी जयराज | हिन्दीतेलुगू |
1979 (27वां) | सोहराब मोदी | हिन्दी |
1978 (26वां) | रायचन्द बोराल | बंगालीहिन्दी |
1977 (25वां) | नितिन बोस | बंगालीहिन्दी |
1976 (24वां) | कानन देवी | बंगाली |
1975 (23वां) | धीरेन्द्रनाथ गांगुली | बंगाली |
1974 (22वां) | बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी | तेलुगू |
1973 (21वां) | रूबी मयेर्स (सुलोचना) | हिन्दी |
1972 (20वां) | पंकज मलिक | बंगाली एवं हिन्दी |
1971 (19वां) | पृथ्वीराज कपूर | हिन्दी |
1970 (18वां) | बीरेन्द्रनाथ सिरकर | बंगाली |
1969 (17वां) | देविका रानी | हिन्दी |
रजनीकांत मुख्यतः तमिल फिल्मों में काम करते हैं लेकिन किसी जमाने में उन्होंने डेढ़ दर्जन से भी अधिक हिंदी फिल्मों में भी काम किया था। बॉलीवुड में उनकी ‘अंधा कानून’, ‘हम’ और ‘चालबाज’ जैसी फ़िल्में हिट रही थीं। रेखा और श्रीदेवी जैसी अभिनेत्रियों के साथ उनकी जोड़ी को खासा पसंद किया जाता था। उन्होंने तमिल में कई ब्लॉकबस्टर दिए हैं। साथ ही वो तेलुगु, बांग्ला और अंग्रेजी फिल्मों का हिस्सा भी रहे हैं।
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