पायल घोष का अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप : ‘उसने अपने C**k को जबरन मेरी Vagina में डालने की कोशिश की’
अमीर खुसरो ने कभी किसी जमाने, जब समय प्रगतिशील नहीं था, जब कविता का मतलब क्रांति और लिबरल का मतलब भ्रान्ति नहीं होता था, तब एक बड़ी ही सुंदर पंक्ति लिखी थी, जिसे कव्वाल हबीब पेंटर ने भी अपने अंदाज में बड़ी खूबी से प्रस्तुत कर, अमर कर दिया –
“बहुत कठिन है डगर पनघट की..”
समय बदला और अब शायद अमीर खुसरो अपनी पंक्तियों में फेरबदल करने को विवश हैं। अब ये पंक्तियाँ कुछ ऐसी हैं –
“बहुत कठिन है डगर फेमिनिज्म की…”
अमीर खुसरो ने अपनी ऐतिहासिक पंक्तियों में यह बड़ा बदलाव हर आए दिन किसी न किसी ‘स्मैश पैट्रिआर्कि’ गिरोह के प्रगतिशील – नारीवादी, उदारवादी, लाहौरवादी और लहसुनवादी के यौन उत्पीड़न का आरोपित निकल जाने पर किया है। इस बार अमीर खुसरो को बॉलीवुड के एक प्रगतिशील निर्देशक अनुराग कश्यप पर लगे #मीटू (MeToo) के आरोपों ने दर्द दिया है।
दरअसल, बॉलीवुड अभिनेत्री पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर MeToo के आरोप लगाए हैं और खुलासा किया है कि अनुराग कश्यप ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। लेकिन जिनके ‘-इज़्म’ ऑड-ईवन की तर्ज पर काम करते हैं, वह इस यौन शोषण का साल तलाश रहे हैं। विनोद कापरी जैसे ‘फेमिनाजियों’ ने अनुराग कश्यप द्वारा किए गए इस यौन उत्पीड़न का साल तलाश लिया है। यानि जब देश में #Metoo चल रहा था, तब भी कोई अभिनेत्री इतना अधिक खुलकर नहीं अपनी बात नहीं रख रहीं थीं, जितना अधिक खुलकर पायल घोष अनुराग पर आरोप लगा रही है।
जिस समय देश में #Metoo चल रहा था, तब एक नायिका ने स्पष्ट कहा था कि "पहले तो मर्दों के साथ सोती हैं...."
अभिनेत्री पायल घोष ने दावा किया है कि फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने बताया कि अनुराग कश्यप ने उन्हें सहज करने के लिए उनसे कहा था कि इंडस्ट्री में फिल्म निर्माताओं और अभिनेत्रियों के बीच शारीरिक संबंध आम बात है। पायल घोष ने आगे कहा कि ऐसा आदमी अब महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए बोल रहा है, वह एक ‘f***ing hypocrite’ है।
@anuragkashyap72 has forced himself on me and extremely badly. @PMOIndia @narendramodi ji, kindly take action and let the country see the demon behind this creative guy. I am aware that it can harm me and my security is at risk. Pls help! https://t.co/1q6BYsZpyx
— Payal Ghosh (@iampayalghosh) September 19, 2020
दो कौड़ी के डायरेक्टर अब तेरा वो हाल होगा जो तेरे भाई जानका होने वाला है, सालो तुम सबको जनता रोड़ पर नही ला दिए तब बोलना। तुम जैसे को जनता अपने सामने नाचती है, समझे ना तुम्हारी औकाद अब पता चलेगी। 😡😡😡
— Gaurav (@im_gauravkeshri) September 19, 2020
पायल घोष ने कहा, “मैं अनुराग से बात करने के अगले दिन उनसे मिलने गई। वह शराब पी रहा था। मिलने के बाद वह मुझे दूसरे कमरे में ले गया। वहाँ उसने अपनी ज़िप खोली और मेरी सलवार कमीज खोलकर मेरी योनि (vagina) के अंदर अपने c**k (penis) को जबरदस्ती डालने की कोशिश की। उन्होंने मुझसे इस तरह बात की जैसे फिल्म इंडस्ट्री में शारीरिक संबंध बनाना गलत नहीं था। उन्होंने कहा कि हुमा कुरैशी, ऋचा चड्डा और मही गिल जैसी अभिनेत्रियाँ हमेशा उनसे फोन पर संपर्क में रहती हैं।” आगे अनुराग कश्यप, पायल घोष से कहता है, “जब भी मैं उन्हें बुलाता हूँ, वह दौड़कर आती है और मेरा c**k (penis) चूसती है।”
देखिए वीडियो :
पायल घोष ने कहा कि वह पूरी बात से असहज थीं और यह कहकर भागने में सफल रहीं कि वह वापस आ जाएँगी और फिर उसके साथ अच्छा वक्त बिताएँगी, लेकिन फिलहाल वह उससे दूर जाना चाहती हैं। पायल घोष ने कहा कि जो कुछ भी हुआ, उस पर जब तक उन्होंने काबू नहीं पा लिया, अनुराग कश्यप ने उन्हें स्पष्ट रूप से हमेशा यही बताने की कोशिश की कि शारीरिक संबंध बनाना बहुत ही सामान्य बात है।
आगे पायल घोष ने कहा, “अगले दिन उसने मुझे फिर से बुलाया। उन्होंने कहा कि वह मुझसे कुछ चर्चा करना चाहते हैं। मैं उसके यहाँ गई। वह व्हिस्की या स्कॉच पी रहा था। बहुत बदबू आ रही थी। हो सकता है कि वह चरस, गाँजा या ड्रग्स हो, मुझे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है लेकिन मैं बेवकूफ नही हूँ।” इसके बाद वो लोग दूसरे कमरे में गए, जहाँ पर कथित तौर पर यह घटना हुई।
अनुराग कश्यप ने अभी आरोपों का जवाब नहीं दिया है। उनकी तरफ से प्रतिक्रिया आना अभी बाकी है। पायल घोष ने ये आरोप एबीएन तेलुगु को दिए साक्षात्कार में लगाए। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर भी इस इंटरव्यू को शेयर करते हुए पीएम मोदी से फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की अपील की। पायल घोष ने हाल ही में कहा था कि वह सुशांत सिंह राजपूत की जिम की दोस्त थी और उनके लिए यह विश्वास करना मुश्किल है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली।
अवलोकन करें :-
अनुराग कश्यप पर #मीटू के आरोप लगते ही अब महिलाओं का ही चरित्र चित्रण करने वाले इस नारीवादी गैंग ने एक और बात साबित कर दी है, वो ये कि जिस प्रकार से पुलिस की लाठी के किसी नास्तिक वामपंथी के पृष्ठभाग पर पड़ते ही सबसे पहले उसका मजहब बाहर निकल आता है, ठीक उसी प्रकार से, यौन उत्पीड़न में घिरते ही नारीवादियों के भीतर का वो ‘पुरुष’ बाहर निकल आता है, जिससे लड़ने के लिए इन्होने ‘स्मैश पैट्रिआर्की’ गिरोह ज्वाइन किया था। यानी, अनुराग कश्यप जैसा फेमिनिस्ट जब खुद किसी महिला का उत्पीड़न करता है, उसे तब जाकर पता चलता है कि वह जिस मर्द के खिलाफ नारीवादी बना था, वो मर्द वह खुद ही था।
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