आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कुछ लोग राजनीति में आते ही हैं देश का माहौल ख़राब करने, जो कदम-कदम पर तुष्टिकरण को अपनाने में लेशमात्र भी संकोच नहीं करते। अभी संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में "जय श्रीराम" बोलने वालों को जेल भेजने का भाजपा ने भरपूर लाभ उठाते हुए, अपनी हर चुनावी रैली में "जय श्रीराम" के नारे लगाकर स्पष्ट रूप से माहौल गरमा दिया था, जिसकी जिम्मेदार कोई अन्य नहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही हैं। गनीमत थी कि ममता ने बाबरी मस्जिद पर कुछ नहीं बोला, अन्यथा भाजपा 350+ होती।
दरअसल मोदी विरोध में समस्त विपक्ष इतना संकुचित हो गया था कि सरकार के देशहित में उठाए हर कदम पर उंगली उठाकर मोदी को बहुमत के पास पहुंचाते रहे। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने पर भाजपा को 200+ और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने पर 272+ के पास पहुंचा दिया था। यदि गंभीरता से चुनाव का अवलोकन किया जाए तो परिणाम यही निकलकर आएगा कि "यह चुनाव तुष्टिकरण के विरुद्ध था"। देशहित में उठाए कदमों के सबूत मांगने वालों को जनता ने अच्छा जवाब दिया है।
कहाँ हैं मोदी को राष्ट्रधर्म सिखाने वाले?
इतना सबकुछ होने के बावजूद, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने कुछ नहीं सीखा। अब मिले समाचार के अनुसार अपने मुस्लिम वोट बैंक को खिसकते देख, ईद के पावन अवसर पर अल्पसंख्यक सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस में वृद्धि कर फिर तुष्टिकरण की राजनीति खेल रही है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा केवल अल्पसंख्यकों को मिलने वाली अतिरिक्त राशि पर रोक लगाई जाती है, समस्त #intolerance, #moblynching, #awardvapsi, #not in my name आदि गैंग अपने बिलों से बाहर आकर अराजकता फ़ैलाने में सक्रिय हो जाएंगे। कहाँ हैं मोदी को राष्ट्रधर्म सिखाने वाले? दुर्गा पूजन और मूर्ति विसर्जन पर करने वाली इसी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्ञात हो, मुख्यमंत्री बनने पर इमामों के वेतन में वृद्धि की थी। अब इसे तुष्टिकरण नहीं कहा जाये तो क्या नाम दिया जाये।
पश्चिम बंगाल सरकार ने ईद से पहले अल्पसंख्यक कर्मचारियों का बोनस बढ़ाने का फैसला किया है. वेस्ट बंगाल गर्वनमेंट की तरफ से किए गए निर्णय के अनुसार 30,000 रुपये तक की सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को इससे सीधा फायदा होगा. नए आदेश के अनुसार 30,000 तक की सैलरी वाले कर्मचारियों का बोनस बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है. ममता बनर्जी सरकार की तरफ से यह कदम ईद से पहले कर्मचारियों की खुश करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
बोनस में 200 रुपये का इजाफा हुआ
इससे पहले बोनस 3800 रुपये था. इस तरह कर्मचारियों को बोनस की रकम में 200 रुपये का फायदा होगा. अल्पसंख्यक कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को ममता सरकार की तरफ से बोनस का भुगतान दुर्गा पूजा से पहले किया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों को बोनस का भुगतान लेफ्ट फ्रंट सरकार के समय से किया जाता है. इस बार ईद 5 या 6 जून को होने की संभावना है.
प्रत्यैक कर्मचारी को मिलेंगे 4000 रुपये
सरकार की तरफ से बोनस का भुगतान केवल ऐसे कर्मचारियों को किया जाएगा जिनका वेतन 30,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा नहीं है. ऐसे कर्मचारियों को 4,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से बोनस का भुगतान किया जाएगा. नय नियम वित्त वर्ष 2018-19 से लागू होगा.
कुछ लोग राजनीति में आते ही हैं देश का माहौल ख़राब करने, जो कदम-कदम पर तुष्टिकरण को अपनाने में लेशमात्र भी संकोच नहीं करते। अभी संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में "जय श्रीराम" बोलने वालों को जेल भेजने का भाजपा ने भरपूर लाभ उठाते हुए, अपनी हर चुनावी रैली में "जय श्रीराम" के नारे लगाकर स्पष्ट रूप से माहौल गरमा दिया था, जिसकी जिम्मेदार कोई अन्य नहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही हैं। गनीमत थी कि ममता ने बाबरी मस्जिद पर कुछ नहीं बोला, अन्यथा भाजपा 350+ होती।
दरअसल मोदी विरोध में समस्त विपक्ष इतना संकुचित हो गया था कि सरकार के देशहित में उठाए हर कदम पर उंगली उठाकर मोदी को बहुमत के पास पहुंचाते रहे। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने पर भाजपा को 200+ और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने पर 272+ के पास पहुंचा दिया था। यदि गंभीरता से चुनाव का अवलोकन किया जाए तो परिणाम यही निकलकर आएगा कि "यह चुनाव तुष्टिकरण के विरुद्ध था"। देशहित में उठाए कदमों के सबूत मांगने वालों को जनता ने अच्छा जवाब दिया है।
कहाँ हैं मोदी को राष्ट्रधर्म सिखाने वाले?
इतना सबकुछ होने के बावजूद, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने कुछ नहीं सीखा। अब मिले समाचार के अनुसार अपने मुस्लिम वोट बैंक को खिसकते देख, ईद के पावन अवसर पर अल्पसंख्यक सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस में वृद्धि कर फिर तुष्टिकरण की राजनीति खेल रही है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा केवल अल्पसंख्यकों को मिलने वाली अतिरिक्त राशि पर रोक लगाई जाती है, समस्त #intolerance, #moblynching, #awardvapsi, #not in my name आदि गैंग अपने बिलों से बाहर आकर अराजकता फ़ैलाने में सक्रिय हो जाएंगे। कहाँ हैं मोदी को राष्ट्रधर्म सिखाने वाले? दुर्गा पूजन और मूर्ति विसर्जन पर करने वाली इसी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्ञात हो, मुख्यमंत्री बनने पर इमामों के वेतन में वृद्धि की थी। अब इसे तुष्टिकरण नहीं कहा जाये तो क्या नाम दिया जाये।
पश्चिम बंगाल सरकार ने ईद से पहले अल्पसंख्यक कर्मचारियों का बोनस बढ़ाने का फैसला किया है. वेस्ट बंगाल गर्वनमेंट की तरफ से किए गए निर्णय के अनुसार 30,000 रुपये तक की सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को इससे सीधा फायदा होगा. नए आदेश के अनुसार 30,000 तक की सैलरी वाले कर्मचारियों का बोनस बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है. ममता बनर्जी सरकार की तरफ से यह कदम ईद से पहले कर्मचारियों की खुश करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
बोनस में 200 रुपये का इजाफा हुआ
इससे पहले बोनस 3800 रुपये था. इस तरह कर्मचारियों को बोनस की रकम में 200 रुपये का फायदा होगा. अल्पसंख्यक कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को ममता सरकार की तरफ से बोनस का भुगतान दुर्गा पूजा से पहले किया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों को बोनस का भुगतान लेफ्ट फ्रंट सरकार के समय से किया जाता है. इस बार ईद 5 या 6 जून को होने की संभावना है.
प्रत्यैक कर्मचारी को मिलेंगे 4000 रुपये
सरकार की तरफ से बोनस का भुगतान केवल ऐसे कर्मचारियों को किया जाएगा जिनका वेतन 30,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा नहीं है. ऐसे कर्मचारियों को 4,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से बोनस का भुगतान किया जाएगा. नय नियम वित्त वर्ष 2018-19 से लागू होगा.
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