आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार कुछ लोग राजनीति में आते ही हैं देश का माहौल ख़राब करने, जो कदम-कदम पर तुष्टिकरण को अपनाने में लेशमात्र भी संकोच नहीं करते। अभी संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में "जय श्रीराम" बोलने वालों को जेल भेजने का भाजपा ने भरपूर लाभ उठाते हुए, अपनी हर चुनावी रैली में "जय श्रीराम" के नारे लगाकर स्पष्ट रूप से माहौल गरमा दिया था, जिसकी जिम्मेदार कोई अन्य नहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही हैं। गनीमत थी कि ममता ने बाबरी मस्जिद पर कुछ नहीं बोला, अन्यथा भाजपा 350+ होती। दरअसल मोदी विरोध में समस्त विपक्ष इतना संकुचित हो गया था कि सरकार के देशहित में उठाए हर कदम पर उंगली उठाकर मोदी को बहुमत के पास पहुंचाते रहे। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने पर भाजपा को 200+ और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने पर 272+ के पास पहुंचा दिया था। यदि गंभीरता से चुनाव का अवलोकन किया जाए तो परिणाम यही निकलकर आएगा कि "यह चुनाव तुष्टिकरण के विरुद्ध था"। देशहित में उठाए कदमों के सबूत मांगने वालों को जनता ने अच्छा जवाब दिया है। कहाँ हैं मोदी को राष्ट्रधर्म सिखाने वाले? इतना सबकु...