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कसाब न पकड़ा गया होता तो हिन्दू आतंकी घोषित होता : RSN सिंह

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आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा कथित "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" की शिकार बेकसूर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से दिग्विजय सिंह के विरुद्ध चुनाव में उतारने पर भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया। जितने भी छद्दम धर्म-निरपेक्ष हैं हिन्दुओं के विरुद्ध खेले घिनौनी हरकतों के जगजाहिर होने के डर से सभी ने विधवा विलाप शुरू कर, जनता को फिर से अपनी कुचालों से भ्रमित कर रहे हैं। देखिए कुछ वर्ष पूर्व रॉ के सेवा निर्वित आर.एस.एन.सिंह ने कांग्रेस के "हिन्दू-भगवा आतंकवाद" के विषय में क्या कहा था:-
26/11 के आतंकी अज़मल कसाब के पास हिन्दू नाम से  फर्जी ID कार्ड मिला था, साथ ही एक और आतंकी के पास हिन्दू युवक के नाम से ID कार्ड मिला था और सभी आतंकियों ने अपने हाथों पर “हिन्दू कलावा” बांधा हुआ था, और सभी बिलकुल सफाचट थे, कोई भी इनको देखके तो मुस्लिम बता ही नहीं सकता था और कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने “26/11 आरएसएस की साजिश” नाम से  किताब भी छपवा रखा था, जिसे 26/11 हमले के कुछ ही दिनों में फटाफट रिलीज भी कर दिया गया. पर कांग्रेस का प्लान तुकाराम ओम्ब्ले के कारण फेल हो गया क्यूंकि उस शहीद पुलिस वाले ने अज़मल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया वरना 26/11 के हमले को 10 हिन्दू आतंकियों द्वारा किया गया हमला घोषित करने की पूरी प्लानिंग थी। 
Related imageगौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो सके। 
आतंकियों को हिन्दू नाम से ID दे दिए गए थे, सबकी भेषभूषा ऐसी बनाई थी की कोई भी देखके इनको मुस्लिम न बोल सके, और इनके हाथों पर कलावा भी बांधा हुआ था।
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हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करने में कौन लगा था, ये तो  पूरी दुनिया जाती है, सोनिया गाँधी और पूरी कांग्रेस चिदंबरम, सुशिल शिंदे ने “हिन्दू आतंकवाद” का शिगूफा भी छोड़ा राहुल गाँधी ने “हिन्दू राष्ट्रवादियों” को अलकायदा से भी खतरनाक बताया था और अब आपको दूसरी जानकारी दे दें, जो पिछले ही दिनों सामने आयी26/11 के आतंकी अज़मल कसाब के पास हिन्दू नाम से  फर्जी ID कार्ड मिला था, साथ ही एक और आतंकी के पास हिन्दू युवक के नाम से ID कार्ड मिला था और सभी आतंकियों ने अपने हाथों पर “हिन्दू कलावा” बांधा हुआ था, और सभी बिलकुल सफाचट थे, कोई भी इनको देखके तो मुस्लिम बता ही नहीं सकता था
और कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने “26/11 आरएसएस की साजिश” नाम से  किताब भी छपवा रखा था, जिसे 26/11 हमले के कुछ ही दिनों में फटाफट रिलीज भी कर दिया गया. पर कांग्रेस का प्लान तुकाराम ओम्ब्ले के कारण फेल हो गया क्यूंकि उस शहीद पुलिस वाले ने अज़मल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया वरना 26/11 के हमले को 10 हिन्दू आतंकियों द्वारा किया गया हमला घोषित करने की पूरी प्लानिंग थी। 
Image result for हिन्दू आतंकवाद कांग्रेसगौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो सके। 
Related imageआतंकियों को हिन्दू नाम से ID दे दिए गए थे, सबकी भेषभूषा ऐसी बनाई थी की कोई भी देखके इनको मुस्लिम न बोल सके, और इनके हाथों पर कलावा भी बांधा हुआ था
हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करने में कौन लगा था, ये तो  पूरी दुनिया जाती है, सोनिया गाँधी और पूरी कांग्रेस
चिदंबरम, सुशिल शिंदे ने “हिन्दू आतंकवाद” का शिगूफा भी छोड़ा
राहुल गाँधी ने “हिन्दू राष्ट्रवादियों” को अलकायदा से भी खतरनाक बताया था
और अब आपको दूसरी जानकारी दे दें, जो पिछले ही दिनों सामने आयी
Related imageजिस कर्नल पुरोहित को कांग्रेस ने मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार किया था, उनपर बड़ा खुलासा ये हुआ की कर्नल पुरोहित मालेगाव में ख़ुफ़िया मिशन पर तैनात किये गए थे
वो खुद मालेगाव नहीं गए थे, बल्कि ख़ुफ़िया मिशन पर सरकार ने ही उनको मालेगाव में तैनात किया था
अब देखिये डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने क्या जानकारी दी है
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया
अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था
और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया
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कितना दर्द सहन किया होगा कर्नल के परिवार ने
पहले साध्वी प्रज्ञा और अब कर्नल ।। आज हिन्दू विरोधी कांग्रेस
बिलबिला रखी है क्योंकि जिस आर्मी अफसर कर्नल पुरोहित को
उसने झूठे आरोप में फसा हिन्दू आंतकी का नाम दे जेल में रखा
आज उसे जमानत मिल गयी है
ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो
कर्नल पुरोहित की गिरफ़्तारी के बाद ही 26/11 का हमला 2008 में हुआ
और आतंकी हिन्दू नाम से ID लेकर, हाथ में हिन्दू कलावा बांधकर पाकिस्तान से आकर कत्लेआम कर रहे थे
पूरा स्क्रिप्ट था की इन 10 आतंकियों को मार कर इनको हिन्दू घोषित कर दिया जाये जिसके बाद “हिन्दू आतंकवाद” घोषित हो जायेगा
साथ  ही “26/11 आरएसएस की साजिश” करके किताब भी तैयार थी
ये तो तुकाराम ने शरीर पर कई गोलियां खाकर कसाब को जिन्दा पकड़ लिया और बाद में सब पता चला की ये तो पाकिस्तानी आतंकी थे
गौरव प्रधान का खुलासा बहुत बड़ा है, और इसके विस्तृत जांच की जरुरत है
वैसे समझौता ट्रैन ब्लास्ट पर तो खुलसा टाइम्स नाउ ने कर ही दिया की कैसे पाकिस्तानी आतंकियों को भगा दिया गया और हिन्दुओ को पकड़ लिया गया
देखें टाइम्स नाउ पर रॉ के पूर्व अधिकारी में भी इस बात का खुलासा किया है
अगर अजमल कसाब जिन्दा नहीं पकड़ा गया होता तो 26/11 को हिन्दू आतंकवाद घोषित कर देती सोनिया-मनमोहन सरकार
2004 से 2014 तक हुए हर आतंकी हमलों में सीधे तौर पर कांग्रेस संदिग्ध है और इस कड़ी में
हाई लेवल जांच की सख्त जरुरत है
अवलोकन करें :--

nigamrajendra.blogspot.com
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा को भाजपा उम्मीदवार…



You will never vote for Congress after watching this video of Sadhvi Pragya.
POSTCARD.NEWS
पिछली सरकार के रहते स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के साथ जो अमाननीय व्यवहार किया गया, काश उसका एक प्रतिशत भी किसी मुस्लिम आतंकी के साथ किया होता, छद्दम धर्म-निरपेक्षों और मानवाधिकार संस्थानों ने आसमान सिर पर उठा कर, अत्याचार करने वालों को ही जेल में बन्द करवा दिया होता। इन लोगों पर जिस तरह अत्याचार किए गए थे, उसे तत्कालीन महामहिम पाटिल को भी अवगत करवाया गया था। उस पत्र को Organiser साप्ताहिक ने शायद पृष्ठ 18/19 पर प्रकाशित भी किया था।
वास्तव में पिछली यूपीए सरकार ने हिन्दुत्व को बदनाम करने को कमर कसे हुए थी। जिसे कुर्सी के भूखे नेता सोनिया गाँधी का साथ देते रहे। जबकि सब जानते थे कि इस्लामिक आतंकवाद को बचाने के लिए बेकसूर हिन्दू साधु-संत-साध्वियों को अपमानित किया जा रहा है। बदकिस्मती से यदि 2014 चुनाव में भाजपा की बजाए पिछली सरकार की वापसी हो गयी होती, बापू आशाराम की तरह अब तक दो/तीन साधु-संत, जो अपने-अपने समागमों में सोनिया  अत्याचारों के विरुद्ध प्रवचन दे रहे थे, जेल में पहुंच चुके होते। अभी आशा राम की रिहाई बाकी है। बापू आशा के विरुद्ध 9 जून 2012 से षड्यंत्र की तैयारी चल रही थी। जब अपने एक समागम में बापू ने कहा था "सोनिया बहुत हो गया, इटली वापस जाओ, तुम हिन्दुओं को ईसाई बनवाओगी, आशा राम और मेरे शिष्य उनको वापस हिन्दू बनाएंगे...." इस घटना को मैंने एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते प्रकाशित भी की थी, जबकि समस्त मीडिया बापू के विरुद्ध सरकार के षड्यंत्र पर पर्दा डाल बदनाम करने  में व्यस्त थी।
जिस भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था, उसी मुद्दे को लेकर अन्ना हज़ारे ने भी किया, लेकिन लाइट बन्द कर अश्रु गैस छोड़ रामदेव पर जो अत्याचार किया गया था, अन्ना के साथ क्यों नहीं हुआ? यह इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन सरकार हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।
2017 का सबसे बड़ा हिन्दू विरोधी आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन में शामिल है: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उमर खालिद जैसे तत्व, देश के वामपंथी और सेक्युलर पत्रकार, ये तमाम वो लोग है जो हमेशा कहते है “आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता”, पर ये लोग देश भर में हिन्दुओ को आतंकवादी बताकर आंदोलन कर रहे है। गाय को खाना बताया जा रहा है, हिन्दू को आतंकवादी बताया जा रहा है, एक हिन्दू होने के नाते आपको  इसके खिलाफ आवाज उठाना होगा। ये वो  कांग्रेस है जिसने सरकार में रहते हुए हिन्दुओ को गुलाम बनाने वाला बिल लाने की कोशिश की थी। ये वही कांग्रेस है जिसके नेताओं ने हिन्दुओ को आतंकवादी बताया था   देश का हिन्दू उस समय भी चुप था। अब ये सड़कों पर आकर हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है, अगर देश का हिन्दू एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, तो ये लोग कल से हिन्दुओ को आतंकवादी बुलाएँगे26/11 के आतंकी अज़मल कसाब के पास हिन्दू नाम से  फर्जी ID कार्ड मिला था, साथ ही एक और आतंकी के पास हिन्दू युवक के नाम से ID कार्ड मिला था और सभी आतंकियों ने अपने हाथों पर “हिन्दू कलावा” बांधा हुआ था, और सभी बिलकुल सफाचट थे, कोई भी इनको देखके तो मुस्लिम बता ही नहीं सकता था
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कांग्रेस के नेता दिग्विजय, कृपाशंकर , फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट  “26/11 आरएसएस की साजिश”, किताब लांच करते हुए
और कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने “26/11 आरएसएस की साजिश” नाम से  किताब भी छपवा रखा था, जिसे 26/11 हमले के कुछ ही दिनों में फटाफट रिलीज भी कर दिया गया. पर कांग्रेस का प्लान तुकाराम ओम्ब्ले के कारण फेल हो गया क्यूंकि उस शहीद पुलिस वाले ने अज़मल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया वरना 26/11 के हमले को 10 हिन्दू आतंकियों द्वारा किया गया हमला घोषित करने की पूरी प्लानिंग थी। 
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो सके। 
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आतंकियों को हिन्दू नाम से ID दे दिए गए थे, सबकी भेषभूषा ऐसी बनाई थी की कोई भी देखके इनको मुस्लिम न बोल सके, और इनके हाथों पर कलावा भी बांधा हुआ था
हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करने में कौन लगा था, ये तो  पूरी दुनिया जाती है, सोनिया गाँधी और पूरी कांग्रेस
चिदंबरम, सुशिल शिंदे ने “हिन्दू आतंकवाद” का शिगूफा भी छोड़ा
राहुल गाँधी ने “हिन्दू राष्ट्रवादियों” को अलकायदा से भी खतरनाक बताया था
और अब आपको दूसरी जानकारी दे दें, जो पिछले ही दिनों सामने आयी
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पाकिस्तानी जनरल पाशा (ISI सरगना)
जिस कर्नल पुरोहित को कांग्रेस ने मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार किया था, उनपर बड़ा खुलासा ये हुआ की कर्नल पुरोहित मालेगाव में ख़ुफ़िया मिशन पर तैनात किये गए थे
वो खुद मालेगाव नहीं गए थे, बल्कि ख़ुफ़िया मिशन पर सरकार ने ही उनको मालेगाव में तैनात किया था
अब देखिये डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने क्या जानकारी दी है
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया
अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था
और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया
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कितना दर्द सहन किया होगा कर्नल के परिवार ने
पहले साध्वी प्रज्ञा और अब कर्नल ।। आज हिन्दू विरोधी कांग्रेस
बिलबिला रखी है क्योंकि जिस आर्मी अफसर कर्नल पुरोहित को
उसने झूठे आरोप में फसा हिन्दू आंतकी का नाम दे जेल में रखा
आज उसे जमानत मिल गयी है
ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो
कर्नल पुरोहित की गिरफ़्तारी के बाद ही 26/11 का हमला 2008 में हुआ
और आतंकी हिन्दू नाम से ID लेकर, हाथ में हिन्दू कलावा बांधकर पाकिस्तान से आकर कत्लेआम कर रहे थे
पूरा स्क्रिप्ट था की इन 10 आतंकियों को मार कर इनको हिन्दू घोषित कर दिया जाये जिसके बाद “हिन्दू आतंकवाद” घोषित हो जायेगा
साथ  ही “26/11 आरएसएस की साजिश” करके किताब भी तैयार थी
ये तो तुकाराम ने शरीर पर कई गोलियां खाकर कसाब को जिन्दा पकड़ लिया और बाद में सब पता चला की ये तो पाकिस्तानी आतंकी थे
गौरव प्रधान का खुलासा बहुत बड़ा है, और इसके विस्तृत जांच की जरुरत है
वैसे समझौता ट्रैन ब्लास्ट पर तो खुलसा टाइम्स नाउ ने कर ही दिया की कैसे पाकिस्तानी आतंकियों को भगा दिया गया और हिन्दुओ को पकड़ लिया गया
देखें टाइम्स नाउ पर रॉ के पूर्व अधिकारी में भी इस बात का खुलासा किया है
अगर अजमल कसाब जिन्दा नहीं पकड़ा गया होता तो 26/11 को हिन्दू आतंकवाद घोषित कर देती सोनिया-मनमोहन सरकार
2004 से 2014 तक हुए हर आतंकी हमलों में सीधे तौर पर कांग्रेस संदिग्ध है और इस कड़ी में
हाई लेवल जांच की सख्त जरुरत है26/11 के आतंकी अज़मल कसाब के पास हिन्दू नाम से  फर्जी ID कार्ड मिला था, साथ ही एक और आतंकी के पास हिन्दू युवक के नाम से ID कार्ड मिला था और सभी आतंकियों ने अपने हाथों पर “हिन्दू कलावा” बांधा हुआ था, और सभी बिलकुल सफाचट थे, कोई भी इनको देखके तो मुस्लिम बता ही नहीं सकता था
और कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने “26/11 आरएसएस की साजिश” नाम से  किताब भी छपवा रखा था, जिसे 26/11 हमले के कुछ ही दिनों में फटाफट रिलीज भी कर दिया गया. पर कांग्रेस का प्लान तुकाराम ओम्ब्ले के कारण फेल हो गया क्यूंकि उस शहीद पुलिस वाले ने अज़मल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया वरना 26/11 के हमले को 10 हिन्दू आतंकियों द्वारा किया गया हमला घोषित करने की पूरी प्लानिंग थी। 
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो सके। 
Image may contain: 4 people, people smiling, people standing
आतंकियों को हिन्दू नाम से ID दे दिए गए थे, सबकी भेषभूषा ऐसी बनाई थी की कोई भी देखके इनको मुस्लिम न बोल सके, और इनके हाथों पर कलावा भी बांधा हुआ था
हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करने में कौन लगा था, ये तो  पूरी दुनिया जाती है, सोनिया गाँधी और पूरी कांग्रेस
चिदंबरम, सुशिल शिंदे ने “हिन्दू आतंकवाद” का शिगूफा भी छोड़ा
राहुल गाँधी ने “हिन्दू राष्ट्रवादियों” को अलकायदा से भी खतरनाक बताया था
और अब आपको दूसरी जानकारी दे दें, जो पिछले ही दिनों सामने आयी
जिस कर्नल पुरोहित को कांग्रेस ने मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार किया था, उनपर बड़ा खुलासा ये हुआ की कर्नल पुरोहित मालेगाव में ख़ुफ़िया मिशन पर तैनात किये गए थे
वो खुद मालेगाव नहीं गए थे, बल्कि ख़ुफ़िया मिशन पर सरकार ने ही उनको मालेगाव में तैनात किया था
अब देखिये डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने क्या जानकारी दी है
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया
अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था
और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया
Image may contain: 5 people, people smiling, people standing and outdoor
कितना दर्द सहन किया होगा कर्नल के परिवार ने
पहले साध्वी प्रज्ञा और अब कर्नल ।। आज हिन्दू विरोधी कांग्रेस
बिलबिला रखी है क्योंकि जिस आर्मी अफसर कर्नल पुरोहित को
उसने झूठे आरोप में फसा हिन्दू आंतकी का नाम दे जेल में रखा
आज उसे जमानत मिल गयी है
ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो
कर्नल पुरोहित की गिरफ़्तारी के बाद ही 26/11 का हमला 2008 में हुआ
और आतंकी हिन्दू नाम से ID लेकर, हाथ में हिन्दू कलावा बांधकर पाकिस्तान से आकर कत्लेआम कर रहे थे
पूरा स्क्रिप्ट था की इन 10 आतंकियों को मार कर इनको हिन्दू घोषित कर दिया जाये जिसके बाद “हिन्दू आतंकवाद” घोषित हो जायेगा
साथ  ही “26/11 आरएसएस की साजिश” करके किताब भी तैयार थी
ये तो तुकाराम ने शरीर पर कई गोलियां खाकर कसाब को जिन्दा पकड़ लिया और बाद में सब पता चला की ये तो पाकिस्तानी आतंकी थे
गौरव प्रधान का खुलासा बहुत बड़ा है, और इसके विस्तृत जांच की जरुरत है
वैसे समझौता ट्रैन ब्लास्ट पर तो खुलसा टाइम्स नाउ ने कर ही दिया की कैसे पाकिस्तानी आतंकियों को भगा दिया गया और हिन्दुओ को पकड़ लिया गया
देखें टाइम्स नाउ पर रॉ के पूर्व अधिकारी में भी इस बात का खुलासा किया है
अगर अजमल कसाब जिन्दा नहीं पकड़ा गया होता तो 26/11 को हिन्दू आतंकवाद घोषित कर देती सोनिया-मनमोहन सरकार
2004 से 2014 तक हुए हर आतंकी हमलों में सीधे तौर पर कांग्रेस संदिग्ध है और इस कड़ी में
हाई लेवल जांच की सख्त जरुरत है
अवलोकन करें :--



You will never vote for Congress after watching this video of Sadhvi Pragya.
POSTCARD.NEWS
पिछली सरकार के रहते स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के साथ जो अमाननीय व्यवहार किया गया, काश उसका एक प्रतिशत भी किसी मुस्लिम आतंकी के साथ किया होता, छद्दम धर्म-निरपेक्षों और मानवाधिकार संस्थानों ने आसमान सिर पर उठा कर, अत्याचार करने वालों को ही जेल में बन्द करवा दिया होता। इन लोगों पर जिस तरह अत्याचार किए गए थे, उसे तत्कालीन महामहिम पाटिल को भी अवगत करवाया गया था। उस पत्र को Organiser साप्ताहिक ने शायद पृष्ठ 18/19 पर प्रकाशित भी किया था।
वास्तव में पिछली यूपीए सरकार ने हिन्दुत्व को बदनाम करने को कमर कसे हुए थी। जिसे कुर्सी के भूखे नेता सोनिया गाँधी का साथ देते रहे। जबकि सब जानते थे कि इस्लामिक आतंकवाद को बचाने के लिए बेकसूर हिन्दू साधु-संत-साध्वियों को अपमानित किया जा रहा है। बदकिस्मती से यदि 2014 चुनाव में भाजपा की बजाए पिछली सरकार की वापसी हो गयी होती, बापू आशाराम की तरह अब तक दो/तीन साधु-संत, जो अपने-अपने समागमों में सोनिया  अत्याचारों के विरुद्ध प्रवचन दे रहे थे, जेल में पहुंच चुके होते। अभी आशा राम की रिहाई बाकी है। बापू आशा के विरुद्ध 9 जून 2012 से षड्यंत्र की तैयारी चल रही थी। जब अपने एक समागम में बापू ने कहा था "सोनिया बहुत हो गया, इटली वापस जाओ, तुम हिन्दुओं को ईसाई बनवाओगी, आशा राम और मेरे शिष्य उनको वापस हिन्दू बनाएंगे...." इस घटना को मैंने एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते प्रकाशित भी की थी, जबकि समस्त मीडिया बापू के विरुद्ध सरकार के षड्यंत्र पर पर्दा डाल बदनाम करने  में व्यस्त थी।
जिस भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था, उसी मुद्दे को लेकर अन्ना हज़ारे ने भी किया, लेकिन लाइट बन्द कर अश्रु गैस छोड़ रामदेव पर जो अत्याचार किया गया था, अन्ना के साथ क्यों नहीं हुआ? यह इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन सरकार हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।
2017 का सबसे बड़ा हिन्दू विरोधी आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन में शामिल है: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उमर खालिद जैसे तत्व, देश के वामपंथी और सेक्युलर पत्रकार, ये तमाम वो लोग है जो हमेशा कहते है “आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता”, पर ये लोग देश भर में हिन्दुओ को आतंकवादी बताकर आंदोलन कर रहे है। गाय को खाना बताया जा रहा है, हिन्दू को आतंकवादी बताया जा रहा है, एक हिन्दू होने के नाते आपको  इसके खिलाफ आवाज उठाना होगा। ये वो  कांग्रेस है जिसने सरकार में रहते हुए हिन्दुओ को गुलाम बनाने वाला बिल लाने की कोशिश की थी। ये वही कांग्रेस है जिसके नेताओं ने हिन्दुओ को आतंकवादी बताया था   देश का हिन्दू उस समय भी चुप था। अब ये सड़कों पर आकर हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है, अगर देश का हिन्दू एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, तो ये लोग कल से हिन्दुओ को आतंकवादी बुलाएँगे
इस तरह के प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस फण्ड कर रही है। दिल्ली में मनीष सिसोदिया प्रदर्शन कर रहा है तो मुंबई में उमर खालिद, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर कांग्रेस के नेता, आम आदमी पार्टी के नेता हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है। इस देश के हिन्दुओ को अपनी चुप्पी तोड़कर इनका विरोध करना होगा। 
क्योकि हिन्दू आतंकवादी नहीं है, हिन्दू आतंकवादी होता तो ये लोग ऐसे सड़क पर प्रदर्शन नहीं कर रहे होते। 
साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार 
साध्वी प्रज्ञा पर सबसे ज्यादा अमानवी अत्याचार हेमंत करकरे ने किया था, हेमंत करकरे महाराष्ट्र में ATS का प्रमुख था। रॉ के एक रिटायर्ड अधिकारी ने पूरा खुलासा किया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर और तमाम केस में जिहादियों के मारे जाने से मुस्लिम नाराज थे।
जिहादियों खुश करने के लिए कांग्रेस ने “भगवा आतंकवाद या हिंदू आतंकवाद” का प्लान किया और उसके लिए संघ के कुछ लोगों को इसमें फंसाने की पूरी साजिश रची गयी थी। 
हेमंत करकरे जो पूरी तरह से कांग्रेसी था, उस समय महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार थी, उसने इस काम में कांग्रेस की पूरी मदद किया उसने साध्वी प्रज्ञा के मुंह में मटन चिकन ठूस दिया उनकी कंठी माला उतार कर फेंक दी थी मार-मार कर उनके दोनों पैर तोड़ दिए थे हेमंत करकरे ही वो शख्स था जिसने साध्वी प्रज्ञा के फेंफड़ों की झिल्ली तक फाड़ दी थी, साध्वी प्रज्ञा को कैंसर भी हेमंत करकरे के अत्याचारों के कारण हुआ
साध्वी प्रज्ञा की सगी बहन के बताया की जब वो साध्वी से मिलने जेल गयी थी, तो साध्वी ने उन्हें कहा था कि हेमंत करकरे दबाव डाल रहा है की, “खुद को आतंकी मान ले वरना तेरे बाप को भी इसी तरह उल्टा लटकाकर मारूंगा।"
ख़ैर ईश्वर का न्याय देखिए वही हेमंत करकरे कांग्रेस की साजिश का शिकार हुआ, जिहादियों को खुश करने के लिए हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा पर इतना अत्याचार किया, जिहादी आतंकवादी कसाब ने हेमंत करकरे को मार डाला था और हेमंत करकरे के मरने के 3 या 4 साल के बाद उसकी पत्नी कविता करकरे भी कैंसर से मारी गई ….ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं।

“विदेशी महिला से उत्पन्न संतान से सचेत रहो”-- चाणक्य 

कांग्रेस वो पार्टी है जो दुनिया के सबसे धनि देश भारत की सत्ता पर काबिज रही
भारत धनि देश (पानी है, खनिज है, 8 मौसम है, अच्छी जमीन है), 60 सालों तक कांग्रेस की जगह कोई अच्छा शासक होता तो आज भारत अमरीका से 10 साल आगे होता
खैर, तो हम बता रहे थे की 1947 के से 70 सालों में लगभग 60 साल कांग्रेस ही भारत की सत्ता में रही, भारत अब भी पिछड़ा हुआ है, 20 करोड़ लोग आज भी भूखे सो रहे है रोजाना, सभी को शौचालय तक नहीं है, भारत पर खरबों रुपए का कर्ज है
टुच्चे से देश पाकिस्तान ने भारत के बड़े भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर 1948 में), भारत के साथ ही आज़ाद हुआ देश चीन इतना शक्तिशाली हुआ की उसने भी भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है (1962 के बाद, चीन अधिकृत कश्मीर, तिब्बत इत्यादि)
जबकि अमरीकी राष्ट्रपति कैनेडी ने नेहरू को परमाणु बम का ऑफर दिया था, सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट का ऑफर मिला था, नेहरू ने सबकुछ चीन को दे दिया
और आज राहुल गाँधी कहते है की, नरेन्द्र मोदी भारत को बर्बाद कर देगा, कांग्रेस को लाइए वो भारत को बचाएगी, नरेन्द्र मोदी तो सैनिको के खून का दलाल है (नेहरू के ज़माने में रक्षामंत्री थे कृष्णा मेनन, उनका कहना था की भारत के सैनिको को हथियारों की जरुरत नहीं, लाठी से काम चल  सकता है, हथियारों का निर्माण लगभग बन्द था, भारत के हज़ारो सैनिक 1962 में नेहरू-मेनन ने मरवा दिए) भारत में आज जितनी भी समस्या है, राहुल गाँधी के हिसाब से ढाई साल से राज  कर रहे नरेन्द्र मोदी के कारण ही सारी समस्या है
उनके अनुसार भारत को कांग्रेस ने स्वर्ग बनाया हुआ था, नरेन्द्र मोदी नरक बना देंगे
वैसे राहुल गाँधी एक विदेशी माँ से उत्पन्न संतान है, और ये जो अखंड भारत था (1947 में नेहरू-जिन्ना) इत्यादि ने तोड़ दिया, ये देश है चाणक्य (चंद्रगुप्त केवल चाणक्य के शिष्य थे)
जिन्होंने सैंकड़ो टुकड़ो में बंटे पड़े भूभाग को 1 देश बनाया था, उस चाणक्य से अधिक महाज्ञानी भारत के इतिहास में कौन होगा
जब चंद्रगुप्त मौर्य की संधि के तहत मेसेडोनिया की के सेनापति सेल्युकुस की बेटी हेलेना से शादी हुई तो चाणक्य ने हुक्म सुनाया की “चंद्रगुप्त-हेलेना” से उत्पन्न संतान कभी भारत की गद्दी पर न बैठे, केवल “चंद्रगुप्त-दुर्धरा” का ही संतान गद्दी पर बैठे
क्योंकि विदेशी महिला से उत्पन्न संतान चाहे कितना अच्छा हो परंतु वो भारत का भला नहीं कर सकता
चाणक्य ने ये भी कहा था की, “हेलेना कभी भारत के मामलों में दखल न दे, चंद्रगुप्त और भारत ने चाणक्य की बात को माना और भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश था, और आज भारत के लोगों ने तो सोनिया गाँधी को 10 साल तक सत्ता ही सौंपी हुई थी”
वैसे एक गरीब से चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सारी बाते मानी तो वो इतिहास के सबसे बड़े राजा बन गए, भारत के सर्वप्रथम राजा बने, अगर चाणक्य की कही हुई बात आज बचे कूचे भारत के लोग माने तो निश्चित भारत का कल्याण होगा

सोनिया गांधी हिन्दुओ के साथ वो करना चाहती थी जो बर्बर औरंगजेब ने भी नहीं किया था

औरंगजेब और अन्य मुगलो, तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओ का कत्लेआम किया
हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिर तोड़े, धर्म का नाश किया ये सब हम इतिहास पढ़कर जानते है
परन्तु जो काम औरंगजेब ने भी हिन्दुओ के साथ नहीं किया वो काम सोनिया गांधी की कांग्रेस हिन्दुओ के साथ करना चाहती थी, यानि हिन्दुओ का पूरा सफाया
इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस ने ये 2 मुख्य षड्यंत्र रचे थे
1 – पहला षड्यंत्र था हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करना इसके तहत सरकार ने जिसके गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे थे उन्होंने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया याद रखें आजतक भारत में सरकार ने कभी “मुस्लिम आतंकवाद” शब्द का प्रयोग नहीं किया षड्यंत्र 2004 में इनकी सरकार के बाद ही शुरू हो गया था जिसके तहत 2006 मालेगाव ब्लास्ट, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, हैदराबाद की मस्जिद में ब्लास्ट
इन सबको करवाकर हिन्दू नेताओं को पकड़ना, देश तथा दुनिया में हिन्दू आतंकवादी है ऐसा दिखाना
इस षड्यंत्र में सुशिल कुमार शिंदे से पहले चिदंबरम मुख्य रूप से शामिल थे
ब्लास्टों के बाद हिन्दू नेताओं की धरपकड़ हुई जिनपर आजतक एक भी सबूत नहीं मिले
इसके बाद कांग्रेस ने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया जिस से हिन्दुओ के प्रति दुनिया में एक सन्देश जाये आपको ध्यान रखना चाहिए की कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी, हिन्दू आतंकवाद से देश को खतरा है ऐसा बयान दिया था
2 – दूसरा षड्यंत्र था हिन्दुओ के खिलाफ ऐसा कानून की वो अपने ही देश में गुलाम होकर रह जाये
वो कानून था “साम्प्रदायिकता विरोधी कानून”
इस कानून के तहत किसी भी इलाके में कोई भी दंगा हो, वो किसी ने भी शुरू किया हो पर उसके लिए हिन्दू को जिम्मेदार माना जायेगा
चुकी हिन्दू देश में बहुसंख्यक है, अगर कश्मीर में भी कोई दंगा हो जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं फिर भी दोषी हिन्दू को ही माना जायेगा तथा जिस इलाके में दंगा हुआ उस इलाके के हिन्दुओ पर केस चलाया जायेगा

आतंक का कोई मजहब नहीं है तो आतंकी संगठनो के नाम पर क्यों नहीं ऐतराज़ करते मुस्लिम संगठन !

दुनिया भर में मुस्लिम छोटी छोटी बातों पर ऐतराज़ कर दंगे तक करते है 
बंगाल को कट्टरपंथियों ने हाल ही में जलाया, देश भर में भीड़ लेकर आ जाते है, दंगे करते है, मुस्लिम संगठन सड़क जाम करते है 

पर कभी आतंकवाद के खिलाफ, अल्लाह और मोहम्मद के नाम पर हो रहे कत्लेआम के खिलाफ मुस्लिम संगठन बाहर नहीं निकलते 
अरे भैया आतंकी तुम्हारे मजहब का नाम लेकर, अल्लाह मोहम्मद का नाम लेकर कत्लेआम कर रहे है, पर उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं 

आतंकी अल्लाह हू अकबर कहकर कत्लेआम करते है, उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं

दुनिया में कई आतंकी संगठन है, इन सबके नाम आप लगभग रोज ही सुनते होंगे, आइये जरा इनके नाम का हिंदी में अनुवाद करें 

जैश-ए-मोहम्मद 
लश्करे तोइबा 
हिज़्बुल मुजाहिदीन 
अलकायदा 
ISIS 

अगर आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं है तो मुस्लिम संगठन जो छोटी छोटी बातों पर सड़क पर आ जाते है वो इन आतंकी संगठनो के नामो पर कभी ऐतराज़ क्यों नहीं करते, या फिर ये आतंकी संगठन जो कर रहे है सब जायज है ! 

सुप्रीम कोर्ट ने जड़ा कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा – सच जीता और और झूठ हारा


किस तरह कांग्रेस ने इस ब्लास्ट के नाम पर न सिर्फ हिन्दू आतंकवाद शब्द को गढ़ा बल्कि देश के साथ गद्दारी भी की l मालेगांव ब्लास्ट में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को इसमें आरोपी बना दिया गया और बिना किसी गुनाह के उन्हें जेल में डाल दिया गया l

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक बड़ा फ़ैसला सुनाया और कोर्ट ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को अंतरिम जमानत दे दी l कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने की अपील ठुकराते हुए ये फैसला दिया l

इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी l वहीं ब्लास्ट की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी l
आपको बता दें कि इस मामले की जांच पहले एटीएस के पास थीजिसके बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई l एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थीजबकि कर्नल पुरोहित की बेल का विरोध किया था l
गौरतलब है कि इस मामले में बेहद चालाकी से अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने बेहद गंभीर साज़िश रची थी l दरअसल मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार के दौरान 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद सेना के होनहार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को हिंदू आतंकवादी बताकर गिरफ्तार कर लिया गया था मामले की जांच कर रही मुंबई एटीएस ने उन पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ही कथित हिंदू आतंकी संगठनों को आरडीएक्स मुहैया करवाया था l
यहाँ तक कि उन्हें पूरी तरह से केस में फंसाने के लिए उनके घर से 60 किलो आरडीएक्स की बरामदगी भी दिखा दी गई थी इसके बाद एनडीटीवी समेत कांग्रेस के पिट्ठू कुछ चैनलों के जरिए ख़बरें फैलाई गयीं ताकि देश में हिन्दू आतंकवाद नाम का जुमला गढ़ा जा सकेलेकिन कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद महाराष्ट्र एटीएस कर्नल पुरोहित के खिलाफ चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर पाई l
पूरी कोशिश की गयी कि इस बहादुर जवान को ज्यादा से ज्यादा दिनों तक जेल में रखकर तड़पाया जाए ताकि वो टूट जाए और उसपर लगाए गए फर्जी आरोप स्वीकार कर ले l 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ये बात सामने आयी कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ अब तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं की गयी और गलत तरीके से उन्हें जेल में रखा जा रहा है l
दरअसलपुरोहित सेना के खुफिया विभाग में एक मिशन के तहत काम कर रहे थे ।  देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में उन्होंने अपनी पैठ बना ली थी । वहां से मिलने वाली सूचना वह लगातार मिशन मुख्यालय पुणे को भेज रहे थे । इसी दौरान उन्हें  जाली नोटों के व्यापार के कुछ राज़ मिले अगर ये राज सार्वजनिक हो जाते तो कई नेताओं का राजनीतिक जीवन बर्बाद हो जाता,  क्योंकि मामला सीधा देशद्रोह का बनता |
तभी मालेगांव ब्लास्ट हुआ और ब्लास्ट की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस बनाई गई थी एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे बनाए गए थेजो बाद में आतंकवादियों के मुंबई पर हुए हमले में मारे गए क्या हेमंत करकरे ने नकली नोटों के कारोबारियों से मिल कर कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया था कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि उन की हेमंत करकरे से कई बार बात हुई थीक्या कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाने में कांग्रेस भी शामिल थी ?
रॉ’ के पूर्व अधिकारी आरएसएन. सिंह लिखते हैं – ‘ यूपीए शासनकाल में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक व्यूह रचना की गई । ऐसा करने के पीछे एक ही वजह थी- वोट बैंक की राजनीति ।’ उसी के तहत जेहादी आतंक’ की तर्ज पर हिन्दू आतंक’ का तानाबाना बुना गया। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने अमेरिकी राजदूत से कहा था  कि भारत के लिए चिंता का विषय हिन्दू आतंक’ हैन कि जेहादी आंतक’|अगला कदम इस नव निर्मित हिन्दू आतंक को साबित करना था। ले.कर्नल पुरोहित को फंसा कर एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने यह काम आसान किया |
इस तरह हिन्दू आतंक की मौजूदगी भी साबित हो गई और देशद्रोही नेताओं का भविष्य भी सुरक्षित रह गयालेकिन पूरे खेल में जिस तरह का घिनौना षड्यंत्र रचा गयावह खासा चौंकाने वाला है हैरानी वाली बात तो यह है कि यूपीए सरकार की भूमिका भी थी इसके सबूत तक मौजूद हैं पहला सबूत  ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित की चिट्ठी  है यह चिट्ठी कर्नल पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी को 31मई 2014 को लिखी थी इस में विस्तार से ब्योरा है ब्योरा यह है कि ब्लास्ट के समय वह एक ट्रेनिंग के लिए पचमढी में थे |
24 अक्टूबर, 2008 को कर्नल आरके. श्रीवास्तव को सेना ने पंचमढ़ी भेजा और सेना ने उन्हें आदेश दिया कि वे ले.कर्नल पुरोहित को मुंबई लेकर जाएंजहां उन्हें एटीएस के हवाले किया गया दूसरा सबूत है सेना कोर्ट की सुनवाई और तीसरा सबूत एमएसएचआरसी (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग) को भेजी गई शिकायत यह शिकायत कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने की थीजिन्हें इस केस में गवाह बनाया गया थाउन्होंने  मानवाधिकार आयोग को कहा कि उन्हें डरा धमाका कर र्नल पुरोहित के खिलाफ बयान लिए गए |
आपको बता दें कि  भारतीय सेना कर्नल पुरोहित को बेगुनाह मानती रही और उन्हें हर महीने तनख्वाह मिलती रही भारतीय सेना की और से लगातार कहा जाता रहा कि कर्नल पुरोहित उनके ही मिशन पर थेलेकिन राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कानूनी कार्रवाई तेज हुई और 15अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैंइसलिए उनकी जमानत पर विचार होना चाहिए l
यहाँ तक कि उन पर लगाया गया मकोका भी हटा दिया गयालेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ साजिशों का ऐसा ताना-बाना बुना था कि उन्हें ज़मानत न मिल सके l लेकिन सोमवार को कांग्रेस के अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया l
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित कोंग्रेसी नेताओं से जुड़े कई ऐसे अहम् राज जानते हैंजो यदि बाहर आ गए तो देश के कई कद्दावर नेताओं को बेनकाब कर सकते हैं देश के कई नेताओं की जान आफत में पड़ सकती है उनके मुताबिक़ ये राज लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को अपने खुफिया मिशन के दौरान पता चले थे पुरोहित ने अपने खुफिया मिशन के दौरान देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में गहरी पैठ बना ली थी l
वहां से मिलने वाली सूचना वो सेना में अपने कमांड को भेज रहे थे ख़बरें ये तक हैं कि कर्नल पुरोहित को जाली नोटों के एक ऐसे रैकेट के बारे में पता चल गया था,जिसमें देश के कुछ कद्दावर नेता भी शामिल थेलेकिन ये बात उन नेताओं तक पहुंच गयी और कर्नल को रास्ते से हटाने के तरीके खोजे जाने लगे बीजेपी को रोकने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम के जुमले को गढ़ा गया और साज़िश करके कर्नल पुरोहित को हिंदू आतंकवादी घोषित करके गिरफ़्तार करवा दिया गया यानी एक तीर से दो शिकार किये गए l
कर्नल पुरोहित को फंसाना आसान भी थाक्योंकि अपने ख़ुफ़िया मिशन के दौरान उन्होंने कुछ हिंदू संगठनों में भी अपनी पैठ बनायी थीहालांकि वहां पर कुछ भी गलत होता उन्हें नहीं दिखा था l
आपको बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते के फौरन बाद 31 मई को खुद कर्नल पुरोहित ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी l 18 पेज की अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने कोंग्रेसी नेताओं द्वारा उनके ख़िलाफ़ की गयी पूरी साज़िश का सिलसिलेवार ढंग से जिक्र किया था उन्होंने बताया कि कैसे मुंबई एटीएस ने साजिश करके उन्हें फंसाया और मालेगाव में हुए धमाकों के वक्त तो वो मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में थे l
उस वक़्त वो सेना के ट्रेनिंग सेंटर में अरबी भाषा सीखने आए थेताकि जिहादी आतंकवादियों की पोल खोल सकें l 24 अक्टूबर 2008 को सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुंबई लाने के लिए कर्नल आरके श्रीवास्तव को पंचमढ़ी भेजाताकि मुंबई एटीएस उनसे बम धमाकों के बारे में पूछताछ कर सके कर्नल श्रीवास्तव को मूवमेंट आर्डर दिया गया कि कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली के सेना मुख्यालय लाया जाए और फिर वहां से मुंबई ले जाया जाए l
सेना द्वारा उनका मोबाईल फोन भी जमा करने के लिए कहा गया इस बात ने कर्नल पुरोहित को हैरत में डाल दिया लेकिन सेना का अनुशासन मानकर उन्होंने अपना फ़ोन जमा करवा दिया इसके बाद कर्नल श्रीवास्तव ने आश्चर्यजनक तरीके से सेना के मूवमेंट ऑर्डर का उल्लंघन किया और कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली ना ले जाकर सीधे मुंबई पहुंच गए और उन्हें एटीएस के हवाले कर दिया l
कर्नल पुरोहित की चिट्ठी के मुताबिक़ ये घटना 29 अक्टूबर 2008 की है एटीएस उन्हें जेल ले जाने की जगह खंडाला के एक बंगले में ले गयी और वहां उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया इस दौरान उनपर लगातार दबाव बनाया गया कि वो बम धमाकों में अपना हाथ होने की बात कबूल लें उन्हें बेरहमी से मारा-पीटा गया और थर्ड डिग्री का तक का इस्तेमाल किया गया उन्हें धमकी दी गयी कि यदि उन्होंने आरोप कबूल नहीं किये तो उनकी बहनपत्नी और मां को वहां लाया जाएगा और उनके सामने नंगा करके परेड करायी जाएगी l
इसके बावजूद कर्नल पुरोहित झूठ कबूलने को तैयार नहीं हुएतब नवंबर 2008 को एटीएस ने उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की घोषणा की गयी इस दौरान यानी 29अक्टूबर से नवंबर, 2008 तक उन्हें लापता दिखाया गया आपको बता दें कि उस दौरान मुंबई एटीएम का प्रमुख हेमंत करकरे थाजो 26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों के हाथों मारा गया l
जब कर्नल पुरोहित ने झूठे आरोप स्वीकार नहीं कियेतो उनके ख़िलाफ़ झूठे गवाह तक खड़े किये गए कैप्टन नितिन दात्रे जोशी और सुधाकर चतुर्वेदी को धमका कर गवाह बनने के लिए मजबूर किया गया सिर  पर बन्दूक रखकर कैप्टन नितिन जोशी से बयान लिया गया और सुधाकर के घर सबूत प्लांट करवा दिए गए लेकिन अब दोनों ही मामलों की सच्चाई सामने आ गयी है .
कोर्ट में कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने कबूल कर लिया कि एटीएस ने कर्नल पुरोहित को फंसाने के लिए उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाया था l 5 सितंबर 2009 को कैप्टन जोशी ने महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजीजिसमें उन्होंने खुद के साथ हुए सलूक की पूरी कहानी बयान की अपनी शिकायत में उन्होंने जिक्र किया कि 12नवंबर 2008 को एटीएस उन्हें मुंबई के काला चौकी पुलिस स्टेशन लायी l
वहां एटीएस अधिकारी दिलीप श्रीराव ने जोशी को धमकाते हुए कहा कि वो ऐसा बयान दें जिससे कर्नल पुरोहित को फंसाया जा सके वरना उन्हें भी झूठे केस में फंसा कर 15साल के लिए जेल में ठूंस दिया जाएगामारा-पीटा जाएगा सो अलग इसके बाद एटीएस जोशी को उस जगह ले गयीजहां कर्नल पुरोहित को हिरासत में रखा गया थाl
पुरोहित की ओर इशारा करते हुए एटीएस अधिकारी ने कहा कि ठीक से देख लो इसकी हालत और समझ लो कि यदि तुमने हमारी बात नहीं मानी तो तुम्हारा भी यही हाल किया जाएगा तुम इतना तो समझ ही सकते हो कि जब हमने एक कर्नल को फंसा दियातो तुम्हें फंसाने में एटीएस को कोई दिक्कत नहीं होगी l
डरा-धमका कर और बन्दूक की नोक पर एटीएस अधिकारी मोहन कुलकर्णी ने कैप्टन जोशी का बयान खुद बोलकर लिखवाया इस बयान में कहा गया कि, “लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने 2006 में मुझे कुछ हथियार अपने घर में रखने के लिए दिए थेतब मैंने पुरोहित के घर में आरडीएक्स देखा पुरोहित ने मुझे बताया कि समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के लिए आरडीएक्स उन्होंने ही भेजा था.”l
एटीएस के दिलीप श्रीराव ने एटीएस के मुखिया हेमंत करकरे की सलाह पर इस बयान को अंतिम रूप दिया अपनी शिकायत में कैप्टन जोशी ने बताया कि कोर्ट में पेशी से पहले एटीएस अफसर मोहन कुलकर्णी ने उन्हें गोलियों से भरी एक पिस्तौल दिखाई और कहा कि यदि तुमने कोर्ट में बयान बदला तो तुम्हारे सिर में एक गोली उतार दी जाएगी   डरे-सहमे कैप्टन जोशी उस वक़्त कोर्ट में सच कहने की हिम्मत नहीं कर पाएl
इसके बाद खुलासा हुआ कि एटीएस ने कैप्टन जोशी के रिकार्डेड बयान को सील बंद नहीं कियाबल्कि साधारण तरीके से उसे एक लिफाफे में रखकर केवल स्टेपल कर दिया गयाजबकि नियम के मुताबिक़ गवाह के बयान को सीलबंद किया जाना चाहिएदरअसल ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीच रास्ते में जरूरत पड़ने पर बयान में मनमुताबिक फेरबदल करवाया जा सके l
कैप्टन जोशी के मन में इस कदर डर बिठा दिया गया कि उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सत्ता से हटने तक वो खौफ की जिंदगी जीते रहे कर्नल पुरोहित के ख़िलाफ़ चल रहा मामला अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है और जानकारों के मुताबिक़ उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है एटीएस द्वारा प्लांट किये गए फर्जी गवाह भी सच्चाई कबूल कर चुके हैं और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें ज़मानत भी दे दी है l निश्चित तौर पर सच की जीत हुई है और झूठ की हार l ये फ़ैसला कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा माना जा रहा है l 
आपको बता दें कि 29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6लोग मारे गए थेजबकि 79 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे l इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे l ब्लास्ट के लिए आरडीएक्‍स देने और साजिश रचने के आरोप में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोनों को ही अब ज़मानत मिल चुकी है l 
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You will never vote for Congress after watching this video of Sadhvi Pragya.
POSTCARD.NEWS
पिछली सरकार के रहते स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के साथ जो अमाननीय व्यवहार किया गया, काश उसका एक प्रतिशत भी किसी मुस्लिम आतंकी के साथ किया होता, छद्दम धर्म-निरपेक्षों और मानवाधिकार संस्थानों ने आसमान सिर पर उठा कर, अत्याचार करने वालों को ही जेल में बन्द करवा दिया होता। इन लोगों पर जिस तरह अत्याचार किए गए थे, उसे तत्कालीन महामहिम पाटिल को भी अवगत करवाया गया था। उस पत्र को Organiser साप्ताहिक ने शायद पृष्ठ 18/19 पर प्रकाशित भी किया था।
वास्तव में पिछली यूपीए सरकार ने हिन्दुत्व को बदनाम करने को कमर कसे हुए थी। जिसे कुर्सी के भूखे नेता सोनिया गाँधी का साथ देते रहे। जबकि सब जानते थे कि इस्लामिक आतंकवाद को बचाने के लिए बेकसूर हिन्दू साधु-संत-साध्वियों को अपमानित किया जा रहा है। बदकिस्मती से यदि 2014 चुनाव में भाजपा की बजाए पिछली सरकार की वापसी हो गयी होती, बापू आशाराम की तरह अब तक दो/तीन साधु-संत, जो अपने-अपने समागमों में सोनिया  अत्याचारों के विरुद्ध प्रवचन दे रहे थे, जेल में पहुंच चुके होते। अभी आशा राम की रिहाई बाकी है। बापू आशा के विरुद्ध 9 जून 2012 से षड्यंत्र की तैयारी चल रही थी। जब अपने एक समागम में बापू ने कहा था "सोनिया बहुत हो गया, इटली वापस जाओ, तुम हिन्दुओं को ईसाई बनवाओगी, आशा राम और मेरे शिष्य उनको वापस हिन्दू बनाएंगे...." इस घटना को मैंने एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते प्रकाशित भी की थी, जबकि समस्त मीडिया बापू के विरुद्ध सरकार के षड्यंत्र पर पर्दा डाल बदनाम करने  में व्यस्त थी।
जिस भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था, उसी मुद्दे को लेकर अन्ना हज़ारे ने भी किया, लेकिन लाइट बन्द कर अश्रु गैस छोड़ रामदेव पर जो अत्याचार किया गया था, अन्ना के साथ क्यों नहीं हुआ? यह इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन सरकार हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।
2017 का सबसे बड़ा हिन्दू विरोधी आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन में शामिल है: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उमर खालिद जैसे तत्व, देश के वामपंथी और सेक्युलर पत्रकार, ये तमाम वो लोग है जो हमेशा कहते है “आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता”, पर ये लोग देश भर में हिन्दुओ को आतंकवादी बताकर आंदोलन कर रहे है। गाय को खाना बताया जा रहा है, हिन्दू को आतंकवादी बताया जा रहा है, एक हिन्दू होने के नाते आपको  इसके खिलाफ आवाज उठाना होगा। ये वो  कांग्रेस है जिसने सरकार में रहते हुए हिन्दुओ को गुलाम बनाने वाला बिल लाने की कोशिश की थी। ये वही कांग्रेस है जिसके नेताओं ने हिन्दुओ को आतंकवादी बताया था   देश का हिन्दू उस समय भी चुप था। अब ये सड़कों पर आकर हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है, अगर देश का हिन्दू एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, तो ये लोग कल से हिन्दुओ को आतंकवादी बुलाएँगे
इस तरह के प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस फण्ड कर रही है। दिल्ली में मनीष सिसोदिया प्रदर्शन कर रहा है तो मुंबई में उमर खालिद, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर कांग्रेस के नेता, आम आदमी पार्टी के नेता हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है। इस देश के हिन्दुओ को अपनी चुप्पी तोड़कर इनका विरोध करना होगा। 
क्योकि हिन्दू आतंकवादी नहीं है, हिन्दू आतंकवादी होता तो ये लोग ऐसे सड़क पर प्रदर्शन नहीं कर रहे होते। 
साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार 
साध्वी प्रज्ञा पर सबसे ज्यादा अमानवी अत्याचार हेमंत करकरे ने किया था, हेमंत करकरे महाराष्ट्र में ATS का प्रमुख था। रॉ के एक रिटायर्ड अधिकारी ने पूरा खुलासा किया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर और तमाम केस में जिहादियों के मारे जाने से मुस्लिम नाराज थे।
जिहादियों खुश करने के लिए कांग्रेस ने “भगवा आतंकवाद या हिंदू आतंकवाद” का प्लान किया और उसके लिए संघ के कुछ लोगों को इसमें फंसाने की पूरी साजिश रची गयी थी। 
हेमंत करकरे जो पूरी तरह से कांग्रेसी था, उस समय महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार थी, उसने इस काम में कांग्रेस की पूरी मदद किया उसने साध्वी प्रज्ञा के मुंह में मटन चिकन ठूस दिया उनकी कंठी माला उतार कर फेंक दी थी मार-मार कर उनके दोनों पैर तोड़ दिए थे हेमंत करकरे ही वो शख्स था जिसने साध्वी प्रज्ञा के फेंफड़ों की झिल्ली तक फाड़ दी थी, साध्वी प्रज्ञा को कैंसर भी हेमंत करकरे के अत्याचारों के कारण हुआ
साध्वी प्रज्ञा की सगी बहन के बताया की जब वो साध्वी से मिलने जेल गयी थी, तो साध्वी ने उन्हें कहा था कि हेमंत करकरे दबाव डाल रहा है की, “खुद को आतंकी मान ले वरना तेरे बाप को भी इसी तरह उल्टा लटकाकर मारूंगा।"
ख़ैर ईश्वर का न्याय देखिए वही हेमंत करकरे कांग्रेस की साजिश का शिकार हुआ, जिहादियों को खुश करने के लिए हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा पर इतना अत्याचार किया, जिहादी आतंकवादी कसाब ने हेमंत करकरे को मार डाला था और हेमंत करकरे के मरने के 3 या 4 साल के बाद उसकी पत्नी कविता करकरे भी कैंसर से मारी गई ….ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं।

“विदेशी महिला से उत्पन्न संतान से सचेत रहो”-- चाणक्य 

कांग्रेस वो पार्टी है जो दुनिया के सबसे धनि देश भारत की सत्ता पर काबिज रही
भारत धनि देश (पानी है, खनिज है, 8 मौसम है, अच्छी जमीन है), 60 सालों तक कांग्रेस की जगह कोई अच्छा शासक होता तो आज भारत अमरीका से 10 साल आगे होता
खैर, तो हम बता रहे थे की 1947 के से 70 सालों में लगभग 60 साल कांग्रेस ही भारत की सत्ता में रही, भारत अब भी पिछड़ा हुआ है, 20 करोड़ लोग आज भी भूखे सो रहे है रोजाना, सभी को शौचालय तक नहीं है, भारत पर खरबों रुपए का कर्ज है
टुच्चे से देश पाकिस्तान ने भारत के बड़े भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर 1948 में), भारत के साथ ही आज़ाद हुआ देश चीन इतना शक्तिशाली हुआ की उसने भी भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है (1962 के बाद, चीन अधिकृत कश्मीर, तिब्बत इत्यादि)
जबकि अमरीकी राष्ट्रपति कैनेडी ने नेहरू को परमाणु बम का ऑफर दिया था, सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट का ऑफर मिला था, नेहरू ने सबकुछ चीन को दे दिया
और आज राहुल गाँधी कहते है की, नरेन्द्र मोदी भारत को बर्बाद कर देगा, कांग्रेस को लाइए वो भारत को बचाएगी, नरेन्द्र मोदी तो सैनिको के खून का दलाल है (नेहरू के ज़माने में रक्षामंत्री थे कृष्णा मेनन, उनका कहना था की भारत के सैनिको को हथियारों की जरुरत नहीं, लाठी से काम चल  सकता है, हथियारों का निर्माण लगभग बन्द था, भारत के हज़ारो सैनिक 1962 में नेहरू-मेनन ने मरवा दिए) भारत में आज जितनी भी समस्या है, राहुल गाँधी के हिसाब से ढाई साल से राज  कर रहे नरेन्द्र मोदी के कारण ही सारी समस्या है
उनके अनुसार भारत को कांग्रेस ने स्वर्ग बनाया हुआ था, नरेन्द्र मोदी नरक बना देंगे
वैसे राहुल गाँधी एक विदेशी माँ से उत्पन्न संतान है, और ये जो अखंड भारत था (1947 में नेहरू-जिन्ना) इत्यादि ने तोड़ दिया, ये देश है चाणक्य (चंद्रगुप्त केवल चाणक्य के शिष्य थे)
जिन्होंने सैंकड़ो टुकड़ो में बंटे पड़े भूभाग को 1 देश बनाया था, उस चाणक्य से अधिक महाज्ञानी भारत के इतिहास में कौन होगा
जब चंद्रगुप्त मौर्य की संधि के तहत मेसेडोनिया की के सेनापति सेल्युकुस की बेटी हेलेना से शादी हुई तो चाणक्य ने हुक्म सुनाया की “चंद्रगुप्त-हेलेना” से उत्पन्न संतान कभी भारत की गद्दी पर न बैठे, केवल “चंद्रगुप्त-दुर्धरा” का ही संतान गद्दी पर बैठे
क्योंकि विदेशी महिला से उत्पन्न संतान चाहे कितना अच्छा हो परंतु वो भारत का भला नहीं कर सकता
चाणक्य ने ये भी कहा था की, “हेलेना कभी भारत के मामलों में दखल न दे, चंद्रगुप्त और भारत ने चाणक्य की बात को माना और भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश था, और आज भारत के लोगों ने तो सोनिया गाँधी को 10 साल तक सत्ता ही सौंपी हुई थी”
वैसे एक गरीब से चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सारी बाते मानी तो वो इतिहास के सबसे बड़े राजा बन गए, भारत के सर्वप्रथम राजा बने, अगर चाणक्य की कही हुई बात आज बचे कूचे भारत के लोग माने तो निश्चित भारत का कल्याण होगा

सोनिया गांधी हिन्दुओ के साथ वो करना चाहती थी जो बर्बर औरंगजेब ने भी नहीं किया था

औरंगजेब और अन्य मुगलो, तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओ का कत्लेआम किया
हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिर तोड़े, धर्म का नाश किया ये सब हम इतिहास पढ़कर जानते है
परन्तु जो काम औरंगजेब ने भी हिन्दुओ के साथ नहीं किया वो काम सोनिया गांधी की कांग्रेस हिन्दुओ के साथ करना चाहती थी, यानि हिन्दुओ का पूरा सफाया
इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस ने ये 2 मुख्य षड्यंत्र रचे थे
1 – पहला षड्यंत्र था हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करना इसके तहत सरकार ने जिसके गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे थे उन्होंने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया याद रखें आजतक भारत में सरकार ने कभी “मुस्लिम आतंकवाद” शब्द का प्रयोग नहीं किया षड्यंत्र 2004 में इनकी सरकार के बाद ही शुरू हो गया था जिसके तहत 2006 मालेगाव ब्लास्ट, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, हैदराबाद की मस्जिद में ब्लास्ट
इन सबको करवाकर हिन्दू नेताओं को पकड़ना, देश तथा दुनिया में हिन्दू आतंकवादी है ऐसा दिखाना
इस षड्यंत्र में सुशिल कुमार शिंदे से पहले चिदंबरम मुख्य रूप से शामिल थे
ब्लास्टों के बाद हिन्दू नेताओं की धरपकड़ हुई जिनपर आजतक एक भी सबूत नहीं मिले
इसके बाद कांग्रेस ने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया जिस से हिन्दुओ के प्रति दुनिया में एक सन्देश जाये आपको ध्यान रखना चाहिए की कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी, हिन्दू आतंकवाद से देश को खतरा है ऐसा बयान दिया था
2 – दूसरा षड्यंत्र था हिन्दुओ के खिलाफ ऐसा कानून की वो अपने ही देश में गुलाम होकर रह जाये
वो कानून था “साम्प्रदायिकता विरोधी कानून”
इस कानून के तहत किसी भी इलाके में कोई भी दंगा हो, वो किसी ने भी शुरू किया हो पर उसके लिए हिन्दू को जिम्मेदार माना जायेगा
चुकी हिन्दू देश में बहुसंख्यक है, अगर कश्मीर में भी कोई दंगा हो जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं फिर भी दोषी हिन्दू को ही माना जायेगा तथा जिस इलाके में दंगा हुआ उस इलाके के हिन्दुओ पर केस चलाया जायेगा

आतंक का कोई मजहब नहीं है तो आतंकी संगठनो के नाम पर क्यों नहीं ऐतराज़ करते मुस्लिम संगठन !

दुनिया भर में मुस्लिम छोटी छोटी बातों पर ऐतराज़ कर दंगे तक करते है 
बंगाल को कट्टरपंथियों ने हाल ही में जलाया, देश भर में भीड़ लेकर आ जाते है, दंगे करते है, मुस्लिम संगठन सड़क जाम करते है 

पर कभी आतंकवाद के खिलाफ, अल्लाह और मोहम्मद के नाम पर हो रहे कत्लेआम के खिलाफ मुस्लिम संगठन बाहर नहीं निकलते 
अरे भैया आतंकी तुम्हारे मजहब का नाम लेकर, अल्लाह मोहम्मद का नाम लेकर कत्लेआम कर रहे है, पर उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं 

आतंकी अल्लाह हू अकबर कहकर कत्लेआम करते है, उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं

दुनिया में कई आतंकी संगठन है, इन सबके नाम आप लगभग रोज ही सुनते होंगे, आइये जरा इनके नाम का हिंदी में अनुवाद करें 

जैश-ए-मोहम्मद 
लश्करे तोइबा 
हिज़्बुल मुजाहिदीन 
अलकायदा 
ISIS 

अगर आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं है तो मुस्लिम संगठन जो छोटी छोटी बातों पर सड़क पर आ जाते है वो इन आतंकी संगठनो के नामो पर कभी ऐतराज़ क्यों नहीं करते, या फिर ये आतंकी संगठन जो कर रहे है सब जायज है ! 

सुप्रीम कोर्ट ने जड़ा कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा – सच जीता और और झूठ हारा


किस तरह कांग्रेस ने इस ब्लास्ट के नाम पर न सिर्फ हिन्दू आतंकवाद शब्द को गढ़ा बल्कि देश के साथ गद्दारी भी की l मालेगांव ब्लास्ट में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को इसमें आरोपी बना दिया गया और बिना किसी गुनाह के उन्हें जेल में डाल दिया गया l

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक बड़ा फ़ैसला सुनाया और कोर्ट ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को अंतरिम जमानत दे दी l कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने की अपील ठुकराते हुए ये फैसला दिया l

इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी l वहीं ब्लास्ट की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी l
आपको बता दें कि इस मामले की जांच पहले एटीएस के पास थीजिसके बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई l एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थीजबकि कर्नल पुरोहित की बेल का विरोध किया था l
गौरतलब है कि इस मामले में बेहद चालाकी से अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने बेहद गंभीर साज़िश रची थी l दरअसल मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार के दौरान 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद सेना के होनहार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को हिंदू आतंकवादी बताकर गिरफ्तार कर लिया गया था मामले की जांच कर रही मुंबई एटीएस ने उन पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ही कथित हिंदू आतंकी संगठनों को आरडीएक्स मुहैया करवाया था l
यहाँ तक कि उन्हें पूरी तरह से केस में फंसाने के लिए उनके घर से 60 किलो आरडीएक्स की बरामदगी भी दिखा दी गई थी इसके बाद एनडीटीवी समेत कांग्रेस के पिट्ठू कुछ चैनलों के जरिए ख़बरें फैलाई गयीं ताकि देश में हिन्दू आतंकवाद नाम का जुमला गढ़ा जा सकेलेकिन कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद महाराष्ट्र एटीएस कर्नल पुरोहित के खिलाफ चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर पाई l
पूरी कोशिश की गयी कि इस बहादुर जवान को ज्यादा से ज्यादा दिनों तक जेल में रखकर तड़पाया जाए ताकि वो टूट जाए और उसपर लगाए गए फर्जी आरोप स्वीकार कर ले l 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ये बात सामने आयी कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ अब तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं की गयी और गलत तरीके से उन्हें जेल में रखा जा रहा है l
दरअसलपुरोहित सेना के खुफिया विभाग में एक मिशन के तहत काम कर रहे थे ।  देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में उन्होंने अपनी पैठ बना ली थी । वहां से मिलने वाली सूचना वह लगातार मिशन मुख्यालय पुणे को भेज रहे थे । इसी दौरान उन्हें  जाली नोटों के व्यापार के कुछ राज़ मिले अगर ये राज सार्वजनिक हो जाते तो कई नेताओं का राजनीतिक जीवन बर्बाद हो जाता,  क्योंकि मामला सीधा देशद्रोह का बनता |
तभी मालेगांव ब्लास्ट हुआ और ब्लास्ट की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस बनाई गई थी एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे बनाए गए थेजो बाद में आतंकवादियों के मुंबई पर हुए हमले में मारे गए क्या हेमंत करकरे ने नकली नोटों के कारोबारियों से मिल कर कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया था कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि उन की हेमंत करकरे से कई बार बात हुई थीक्या कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाने में कांग्रेस भी शामिल थी ?
रॉ’ के पूर्व अधिकारी आरएसएन. सिंह लिखते हैं – ‘ यूपीए शासनकाल में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक व्यूह रचना की गई । ऐसा करने के पीछे एक ही वजह थी- वोट बैंक की राजनीति ।’ उसी के तहत जेहादी आतंक’ की तर्ज पर हिन्दू आतंक’ का तानाबाना बुना गया। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने अमेरिकी राजदूत से कहा था  कि भारत के लिए चिंता का विषय हिन्दू आतंक’ हैन कि जेहादी आंतक’|अगला कदम इस नव निर्मित हिन्दू आतंक को साबित करना था। ले.कर्नल पुरोहित को फंसा कर एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने यह काम आसान किया |
इस तरह हिन्दू आतंक की मौजूदगी भी साबित हो गई और देशद्रोही नेताओं का भविष्य भी सुरक्षित रह गयालेकिन पूरे खेल में जिस तरह का घिनौना षड्यंत्र रचा गयावह खासा चौंकाने वाला है हैरानी वाली बात तो यह है कि यूपीए सरकार की भूमिका भी थी इसके सबूत तक मौजूद हैं पहला सबूत  ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित की चिट्ठी  है यह चिट्ठी कर्नल पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी को 31मई 2014 को लिखी थी इस में विस्तार से ब्योरा है ब्योरा यह है कि ब्लास्ट के समय वह एक ट्रेनिंग के लिए पचमढी में थे |
24 अक्टूबर, 2008 को कर्नल आरके. श्रीवास्तव को सेना ने पंचमढ़ी भेजा और सेना ने उन्हें आदेश दिया कि वे ले.कर्नल पुरोहित को मुंबई लेकर जाएंजहां उन्हें एटीएस के हवाले किया गया दूसरा सबूत है सेना कोर्ट की सुनवाई और तीसरा सबूत एमएसएचआरसी (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग) को भेजी गई शिकायत यह शिकायत कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने की थीजिन्हें इस केस में गवाह बनाया गया थाउन्होंने  मानवाधिकार आयोग को कहा कि उन्हें डरा धमाका कर र्नल पुरोहित के खिलाफ बयान लिए गए |
आपको बता दें कि  भारतीय सेना कर्नल पुरोहित को बेगुनाह मानती रही और उन्हें हर महीने तनख्वाह मिलती रही भारतीय सेना की और से लगातार कहा जाता रहा कि कर्नल पुरोहित उनके ही मिशन पर थेलेकिन राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कानूनी कार्रवाई तेज हुई और 15अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैंइसलिए उनकी जमानत पर विचार होना चाहिए l
यहाँ तक कि उन पर लगाया गया मकोका भी हटा दिया गयालेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ साजिशों का ऐसा ताना-बाना बुना था कि उन्हें ज़मानत न मिल सके l लेकिन सोमवार को कांग्रेस के अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया l
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित कोंग्रेसी नेताओं से जुड़े कई ऐसे अहम् राज जानते हैंजो यदि बाहर आ गए तो देश के कई कद्दावर नेताओं को बेनकाब कर सकते हैं देश के कई नेताओं की जान आफत में पड़ सकती है उनके मुताबिक़ ये राज लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को अपने खुफिया मिशन के दौरान पता चले थे पुरोहित ने अपने खुफिया मिशन के दौरान देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में गहरी पैठ बना ली थी l
वहां से मिलने वाली सूचना वो सेना में अपने कमांड को भेज रहे थे ख़बरें ये तक हैं कि कर्नल पुरोहित को जाली नोटों के एक ऐसे रैकेट के बारे में पता चल गया था,जिसमें देश के कुछ कद्दावर नेता भी शामिल थेलेकिन ये बात उन नेताओं तक पहुंच गयी और कर्नल को रास्ते से हटाने के तरीके खोजे जाने लगे बीजेपी को रोकने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम के जुमले को गढ़ा गया और साज़िश करके कर्नल पुरोहित को हिंदू आतंकवादी घोषित करके गिरफ़्तार करवा दिया गया यानी एक तीर से दो शिकार किये गए l
कर्नल पुरोहित को फंसाना आसान भी थाक्योंकि अपने ख़ुफ़िया मिशन के दौरान उन्होंने कुछ हिंदू संगठनों में भी अपनी पैठ बनायी थीहालांकि वहां पर कुछ भी गलत होता उन्हें नहीं दिखा था l
आपको बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते के फौरन बाद 31 मई को खुद कर्नल पुरोहित ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी l 18 पेज की अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने कोंग्रेसी नेताओं द्वारा उनके ख़िलाफ़ की गयी पूरी साज़िश का सिलसिलेवार ढंग से जिक्र किया था उन्होंने बताया कि कैसे मुंबई एटीएस ने साजिश करके उन्हें फंसाया और मालेगाव में हुए धमाकों के वक्त तो वो मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में थे l
उस वक़्त वो सेना के ट्रेनिंग सेंटर में अरबी भाषा सीखने आए थेताकि जिहादी आतंकवादियों की पोल खोल सकें l 24 अक्टूबर 2008 को सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुंबई लाने के लिए कर्नल आरके श्रीवास्तव को पंचमढ़ी भेजाताकि मुंबई एटीएस उनसे बम धमाकों के बारे में पूछताछ कर सके कर्नल श्रीवास्तव को मूवमेंट आर्डर दिया गया कि कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली के सेना मुख्यालय लाया जाए और फिर वहां से मुंबई ले जाया जाए l
सेना द्वारा उनका मोबाईल फोन भी जमा करने के लिए कहा गया इस बात ने कर्नल पुरोहित को हैरत में डाल दिया लेकिन सेना का अनुशासन मानकर उन्होंने अपना फ़ोन जमा करवा दिया इसके बाद कर्नल श्रीवास्तव ने आश्चर्यजनक तरीके से सेना के मूवमेंट ऑर्डर का उल्लंघन किया और कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली ना ले जाकर सीधे मुंबई पहुंच गए और उन्हें एटीएस के हवाले कर दिया l
कर्नल पुरोहित की चिट्ठी के मुताबिक़ ये घटना 29 अक्टूबर 2008 की है एटीएस उन्हें जेल ले जाने की जगह खंडाला के एक बंगले में ले गयी और वहां उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया इस दौरान उनपर लगातार दबाव बनाया गया कि वो बम धमाकों में अपना हाथ होने की बात कबूल लें उन्हें बेरहमी से मारा-पीटा गया और थर्ड डिग्री का तक का इस्तेमाल किया गया उन्हें धमकी दी गयी कि यदि उन्होंने आरोप कबूल नहीं किये तो उनकी बहनपत्नी और मां को वहां लाया जाएगा और उनके सामने नंगा करके परेड करायी जाएगी l
इसके बावजूद कर्नल पुरोहित झूठ कबूलने को तैयार नहीं हुएतब नवंबर 2008 को एटीएस ने उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की घोषणा की गयी इस दौरान यानी 29अक्टूबर से नवंबर, 2008 तक उन्हें लापता दिखाया गया आपको बता दें कि उस दौरान मुंबई एटीएम का प्रमुख हेमंत करकरे थाजो 26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों के हाथों मारा गया l
जब कर्नल पुरोहित ने झूठे आरोप स्वीकार नहीं कियेतो उनके ख़िलाफ़ झूठे गवाह तक खड़े किये गए कैप्टन नितिन दात्रे जोशी और सुधाकर चतुर्वेदी को धमका कर गवाह बनने के लिए मजबूर किया गया सिर  पर बन्दूक रखकर कैप्टन नितिन जोशी से बयान लिया गया और सुधाकर के घर सबूत प्लांट करवा दिए गए लेकिन अब दोनों ही मामलों की सच्चाई सामने आ गयी है .
कोर्ट में कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने कबूल कर लिया कि एटीएस ने कर्नल पुरोहित को फंसाने के लिए उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाया था l 5 सितंबर 2009 को कैप्टन जोशी ने महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजीजिसमें उन्होंने खुद के साथ हुए सलूक की पूरी कहानी बयान की अपनी शिकायत में उन्होंने जिक्र किया कि 12नवंबर 2008 को एटीएस उन्हें मुंबई के काला चौकी पुलिस स्टेशन लायी l
वहां एटीएस अधिकारी दिलीप श्रीराव ने जोशी को धमकाते हुए कहा कि वो ऐसा बयान दें जिससे कर्नल पुरोहित को फंसाया जा सके वरना उन्हें भी झूठे केस में फंसा कर 15साल के लिए जेल में ठूंस दिया जाएगामारा-पीटा जाएगा सो अलग इसके बाद एटीएस जोशी को उस जगह ले गयीजहां कर्नल पुरोहित को हिरासत में रखा गया थाl
पुरोहित की ओर इशारा करते हुए एटीएस अधिकारी ने कहा कि ठीक से देख लो इसकी हालत और समझ लो कि यदि तुमने हमारी बात नहीं मानी तो तुम्हारा भी यही हाल किया जाएगा तुम इतना तो समझ ही सकते हो कि जब हमने एक कर्नल को फंसा दियातो तुम्हें फंसाने में एटीएस को कोई दिक्कत नहीं होगी l
डरा-धमका कर और बन्दूक की नोक पर एटीएस अधिकारी मोहन कुलकर्णी ने कैप्टन जोशी का बयान खुद बोलकर लिखवाया इस बयान में कहा गया कि, “लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने 2006 में मुझे कुछ हथियार अपने घर में रखने के लिए दिए थेतब मैंने पुरोहित के घर में आरडीएक्स देखा पुरोहित ने मुझे बताया कि समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के लिए आरडीएक्स उन्होंने ही भेजा था.”l
एटीएस के दिलीप श्रीराव ने एटीएस के मुखिया हेमंत करकरे की सलाह पर इस बयान को अंतिम रूप दिया अपनी शिकायत में कैप्टन जोशी ने बताया कि कोर्ट में पेशी से पहले एटीएस अफसर मोहन कुलकर्णी ने उन्हें गोलियों से भरी एक पिस्तौल दिखाई और कहा कि यदि तुमने कोर्ट में बयान बदला तो तुम्हारे सिर में एक गोली उतार दी जाएगी   डरे-सहमे कैप्टन जोशी उस वक़्त कोर्ट में सच कहने की हिम्मत नहीं कर पाएl
इसके बाद खुलासा हुआ कि एटीएस ने कैप्टन जोशी के रिकार्डेड बयान को सील बंद नहीं कियाबल्कि साधारण तरीके से उसे एक लिफाफे में रखकर केवल स्टेपल कर दिया गयाजबकि नियम के मुताबिक़ गवाह के बयान को सीलबंद किया जाना चाहिएदरअसल ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीच रास्ते में जरूरत पड़ने पर बयान में मनमुताबिक फेरबदल करवाया जा सके l
कैप्टन जोशी के मन में इस कदर डर बिठा दिया गया कि उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सत्ता से हटने तक वो खौफ की जिंदगी जीते रहे कर्नल पुरोहित के ख़िलाफ़ चल रहा मामला अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है और जानकारों के मुताबिक़ उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है एटीएस द्वारा प्लांट किये गए फर्जी गवाह भी सच्चाई कबूल कर चुके हैं और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें ज़मानत भी दे दी है l निश्चित तौर पर सच की जीत हुई है और झूठ की हार l ये फ़ैसला कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा माना जा रहा है l 
आपको बता दें कि 29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6लोग मारे गए थेजबकि 79 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे l इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे l ब्लास्ट के लिए आरडीएक्‍स देने और साजिश रचने के आरोप में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोनों को ही अब ज़मानत मिल चुकी है l 
इस तरह के प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस फण्ड कर रही है। दिल्ली में मनीष सिसोदिया प्रदर्शन कर रहा है तो मुंबई में उमर खालिद, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर कांग्रेस के नेता, आम आदमी पार्टी के नेता हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है। इस देश के हिन्दुओ को अपनी चुप्पी तोड़कर इनका विरोध करना होगा। 
क्योकि हिन्दू आतंकवादी नहीं है, हिन्दू आतंकवादी होता तो ये लोग ऐसे सड़क पर प्रदर्शन नहीं कर रहे होते। 
साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार 
साध्वी प्रज्ञा पर सबसे ज्यादा अमानवी अत्याचार हेमंत करकरे ने किया था, हेमंत करकरे महाराष्ट्र में ATS का प्रमुख था। रॉ के एक रिटायर्ड अधिकारी ने पूरा खुलासा किया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर और तमाम केस में जिहादियों के मारे जाने से मुस्लिम नाराज थे।
जिहादियों खुश करने के लिए कांग्रेस ने “भगवा आतंकवाद या हिंदू आतंकवाद” का प्लान किया और उसके लिए संघ के कुछ लोगों को इसमें फंसाने की पूरी साजिश रची गयी थी। 
हेमंत करकरे जो पूरी तरह से कांग्रेसी था, उस समय महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार थी, उसने इस काम में कांग्रेस की पूरी मदद किया उसने साध्वी प्रज्ञा के मुंह में मटन चिकन ठूस दिया उनकी कंठी माला उतार कर फेंक दी थी मार-मार कर उनके दोनों पैर तोड़ दिए थे हेमंत करकरे ही वो शख्स था जिसने साध्वी प्रज्ञा के फेंफड़ों की झिल्ली तक फाड़ दी थी, साध्वी प्रज्ञा को कैंसर भी हेमंत करकरे के अत्याचारों के कारण हुआ
साध्वी प्रज्ञा की सगी बहन के बताया की जब वो साध्वी से मिलने जेल गयी थी, तो साध्वी ने उन्हें कहा था कि हेमंत करकरे दबाव डाल रहा है की, “खुद को आतंकी मान ले वरना तेरे बाप को भी इसी तरह उल्टा लटकाकर मारूंगा।"
ख़ैर ईश्वर का न्याय देखिए वही हेमंत करकरे कांग्रेस की साजिश का शिकार हुआ, जिहादियों को खुश करने के लिए हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा पर इतना अत्याचार किया, जिहादी आतंकवादी कसाब ने हेमंत करकरे को मार डाला था और हेमंत करकरे के मरने के 3 या 4 साल के बाद उसकी पत्नी कविता करकरे भी कैंसर से मारी गई ….ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं।

“विदेशी महिला से उत्पन्न संतान से सचेत रहो”-- चाणक्य 

कांग्रेस वो पार्टी है जो दुनिया के सबसे धनि देश भारत की सत्ता पर काबिज रही
भारत धनि देश (पानी है, खनिज है, 8 मौसम है, अच्छी जमीन है), 60 सालों तक कांग्रेस की जगह कोई अच्छा शासक होता तो आज भारत अमरीका से 10 साल आगे होता
खैर, तो हम बता रहे थे की 1947 के से 70 सालों में लगभग 60 साल कांग्रेस ही भारत की सत्ता में रही, भारत अब भी पिछड़ा हुआ है, 20 करोड़ लोग आज भी भूखे सो रहे है रोजाना, सभी को शौचालय तक नहीं है, भारत पर खरबों रुपए का कर्ज है
टुच्चे से देश पाकिस्तान ने भारत के बड़े भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर 1948 में), भारत के साथ ही आज़ाद हुआ देश चीन इतना शक्तिशाली हुआ की उसने भी भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है (1962 के बाद, चीन अधिकृत कश्मीर, तिब्बत इत्यादि)
जबकि अमरीकी राष्ट्रपति कैनेडी ने नेहरू को परमाणु बम का ऑफर दिया था, सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट का ऑफर मिला था, नेहरू ने सबकुछ चीन को दे दिया
और आज राहुल गाँधी कहते है की, नरेन्द्र मोदी भारत को बर्बाद कर देगा, कांग्रेस को लाइए वो भारत को बचाएगी, नरेन्द्र मोदी तो सैनिको के खून का दलाल है (नेहरू के ज़माने में रक्षामंत्री थे कृष्णा मेनन, उनका कहना था की भारत के सैनिको को हथियारों की जरुरत नहीं, लाठी से काम चल  सकता है, हथियारों का निर्माण लगभग बन्द था, भारत के हज़ारो सैनिक 1962 में नेहरू-मेनन ने मरवा दिए) भारत में आज जितनी भी समस्या है, राहुल गाँधी के हिसाब से ढाई साल से राज  कर रहे नरेन्द्र मोदी के कारण ही सारी समस्या है
उनके अनुसार भारत को कांग्रेस ने स्वर्ग बनाया हुआ था, नरेन्द्र मोदी नरक बना देंगे
वैसे राहुल गाँधी एक विदेशी माँ से उत्पन्न संतान है, और ये जो अखंड भारत था (1947 में नेहरू-जिन्ना) इत्यादि ने तोड़ दिया, ये देश है चाणक्य (चंद्रगुप्त केवल चाणक्य के शिष्य थे)
जिन्होंने सैंकड़ो टुकड़ो में बंटे पड़े भूभाग को 1 देश बनाया था, उस चाणक्य से अधिक महाज्ञानी भारत के इतिहास में कौन होगा
जब चंद्रगुप्त मौर्य की संधि के तहत मेसेडोनिया की के सेनापति सेल्युकुस की बेटी हेलेना से शादी हुई तो चाणक्य ने हुक्म सुनाया की “चंद्रगुप्त-हेलेना” से उत्पन्न संतान कभी भारत की गद्दी पर न बैठे, केवल “चंद्रगुप्त-दुर्धरा” का ही संतान गद्दी पर बैठे
क्योंकि विदेशी महिला से उत्पन्न संतान चाहे कितना अच्छा हो परंतु वो भारत का भला नहीं कर सकता
चाणक्य ने ये भी कहा था की, “हेलेना कभी भारत के मामलों में दखल न दे, चंद्रगुप्त और भारत ने चाणक्य की बात को माना और भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश था, और आज भारत के लोगों ने तो सोनिया गाँधी को 10 साल तक सत्ता ही सौंपी हुई थी”
वैसे एक गरीब से चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सारी बाते मानी तो वो इतिहास के सबसे बड़े राजा बन गए, भारत के सर्वप्रथम राजा बने, अगर चाणक्य की कही हुई बात आज बचे कूचे भारत के लोग माने तो निश्चित भारत का कल्याण होगा

सोनिया गांधी हिन्दुओ के साथ वो करना चाहती थी जो बर्बर औरंगजेब ने भी नहीं किया था

औरंगजेब और अन्य मुगलो, तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओ का कत्लेआम किया
हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिर तोड़े, धर्म का नाश किया ये सब हम इतिहास पढ़कर जानते है
परन्तु जो काम औरंगजेब ने भी हिन्दुओ के साथ नहीं किया वो काम सोनिया गांधी की कांग्रेस हिन्दुओ के साथ करना चाहती थी, यानि हिन्दुओ का पूरा सफाया
इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस ने ये 2 मुख्य षड्यंत्र रचे थे
1 – पहला षड्यंत्र था हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करना इसके तहत सरकार ने जिसके गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे थे उन्होंने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया याद रखें आजतक भारत में सरकार ने कभी “मुस्लिम आतंकवाद” शब्द का प्रयोग नहीं किया षड्यंत्र 2004 में इनकी सरकार के बाद ही शुरू हो गया था जिसके तहत 2006 मालेगाव ब्लास्ट, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, हैदराबाद की मस्जिद में ब्लास्ट
इन सबको करवाकर हिन्दू नेताओं को पकड़ना, देश तथा दुनिया में हिन्दू आतंकवादी है ऐसा दिखाना
इस षड्यंत्र में सुशिल कुमार शिंदे से पहले चिदंबरम मुख्य रूप से शामिल थे
ब्लास्टों के बाद हिन्दू नेताओं की धरपकड़ हुई जिनपर आजतक एक भी सबूत नहीं मिले
इसके बाद कांग्रेस ने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया जिस से हिन्दुओ के प्रति दुनिया में एक सन्देश जाये आपको ध्यान रखना चाहिए की कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी, हिन्दू आतंकवाद से देश को खतरा है ऐसा बयान दिया था
2 – दूसरा षड्यंत्र था हिन्दुओ के खिलाफ ऐसा कानून की वो अपने ही देश में गुलाम होकर रह जाये
वो कानून था “साम्प्रदायिकता विरोधी कानून”
इस कानून के तहत किसी भी इलाके में कोई भी दंगा हो, वो किसी ने भी शुरू किया हो पर उसके लिए हिन्दू को जिम्मेदार माना जायेगा
चुकी हिन्दू देश में बहुसंख्यक है, अगर कश्मीर में भी कोई दंगा हो जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं फिर भी दोषी हिन्दू को ही माना जायेगा तथा जिस इलाके में दंगा हुआ उस इलाके के हिन्दुओ पर केस चलाया जायेगा

आतंक का कोई मजहब नहीं है तो आतंकी संगठनो के नाम पर क्यों नहीं ऐतराज़ करते मुस्लिम संगठन !

दुनिया भर में मुस्लिम छोटी छोटी बातों पर ऐतराज़ कर दंगे तक करते है 
बंगाल को कट्टरपंथियों ने हाल ही में जलाया, देश भर में भीड़ लेकर आ जाते है, दंगे करते है, मुस्लिम संगठन सड़क जाम करते है 

पर कभी आतंकवाद के खिलाफ, अल्लाह और मोहम्मद के नाम पर हो रहे कत्लेआम के खिलाफ मुस्लिम संगठन बाहर नहीं निकलते 
अरे भैया आतंकी तुम्हारे मजहब का नाम लेकर, अल्लाह मोहम्मद का नाम लेकर कत्लेआम कर रहे है, पर उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं 

आतंकी अल्लाह हू अकबर कहकर कत्लेआम करते है, उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं

दुनिया में कई आतंकी संगठन है, इन सबके नाम आप लगभग रोज ही सुनते होंगे, आइये जरा इनके नाम का हिंदी में अनुवाद करें 

जैश-ए-मोहम्मद 
लश्करे तोइबा 
हिज़्बुल मुजाहिदीन 
अलकायदा 
ISIS 

अगर आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं है तो मुस्लिम संगठन जो छोटी छोटी बातों पर सड़क पर आ जाते है वो इन आतंकी संगठनो के नामो पर कभी ऐतराज़ क्यों नहीं करते, या फिर ये आतंकी संगठन जो कर रहे है सब जायज है ! 

सुप्रीम कोर्ट ने जड़ा कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा – सच जीता और और झूठ हारा


किस तरह कांग्रेस ने इस ब्लास्ट के नाम पर न सिर्फ हिन्दू आतंकवाद शब्द को गढ़ा बल्कि देश के साथ गद्दारी भी की l मालेगांव ब्लास्ट में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को इसमें आरोपी बना दिया गया और बिना किसी गुनाह के उन्हें जेल में डाल दिया गया l

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक बड़ा फ़ैसला सुनाया और कोर्ट ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को अंतरिम जमानत दे दी l कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने की अपील ठुकराते हुए ये फैसला दिया l

इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी l वहीं ब्लास्ट की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी l
आपको बता दें कि इस मामले की जांच पहले एटीएस के पास थीजिसके बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई l एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थीजबकि कर्नल पुरोहित की बेल का विरोध किया था l
गौरतलब है कि इस मामले में बेहद चालाकी से अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने बेहद गंभीर साज़िश रची थी l दरअसल मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार के दौरान 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद सेना के होनहार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को हिंदू आतंकवादी बताकर गिरफ्तार कर लिया गया था मामले की जांच कर रही मुंबई एटीएस ने उन पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ही कथित हिंदू आतंकी संगठनों को आरडीएक्स मुहैया करवाया था l
यहाँ तक कि उन्हें पूरी तरह से केस में फंसाने के लिए उनके घर से 60 किलो आरडीएक्स की बरामदगी भी दिखा दी गई थी इसके बाद एनडीटीवी समेत कांग्रेस के पिट्ठू कुछ चैनलों के जरिए ख़बरें फैलाई गयीं ताकि देश में हिन्दू आतंकवाद नाम का जुमला गढ़ा जा सकेलेकिन कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद महाराष्ट्र एटीएस कर्नल पुरोहित के खिलाफ चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर पाई l
पूरी कोशिश की गयी कि इस बहादुर जवान को ज्यादा से ज्यादा दिनों तक जेल में रखकर तड़पाया जाए ताकि वो टूट जाए और उसपर लगाए गए फर्जी आरोप स्वीकार कर ले l 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ये बात सामने आयी कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ अब तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं की गयी और गलत तरीके से उन्हें जेल में रखा जा रहा है l
दरअसलपुरोहित सेना के खुफिया विभाग में एक मिशन के तहत काम कर रहे थे ।  देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में उन्होंने अपनी पैठ बना ली थी । वहां से मिलने वाली सूचना वह लगातार मिशन मुख्यालय पुणे को भेज रहे थे । इसी दौरान उन्हें  जाली नोटों के व्यापार के कुछ राज़ मिले अगर ये राज सार्वजनिक हो जाते तो कई नेताओं का राजनीतिक जीवन बर्बाद हो जाता,  क्योंकि मामला सीधा देशद्रोह का बनता |
तभी मालेगांव ब्लास्ट हुआ और ब्लास्ट की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस बनाई गई थी एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे बनाए गए थेजो बाद में आतंकवादियों के मुंबई पर हुए हमले में मारे गए क्या हेमंत करकरे ने नकली नोटों के कारोबारियों से मिल कर कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया था कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि उन की हेमंत करकरे से कई बार बात हुई थीक्या कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाने में कांग्रेस भी शामिल थी ?
रॉ’ के पूर्व अधिकारी आरएसएन. सिंह लिखते हैं – ‘ यूपीए शासनकाल में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक व्यूह रचना की गई । ऐसा करने के पीछे एक ही वजह थी- वोट बैंक की राजनीति ।’ उसी के तहत जेहादी आतंक’ की तर्ज पर हिन्दू आतंक’ का तानाबाना बुना गया। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने अमेरिकी राजदूत से कहा था  कि भारत के लिए चिंता का विषय हिन्दू आतंक’ हैन कि जेहादी आंतक’|अगला कदम इस नव निर्मित हिन्दू आतंक को साबित करना था। ले.कर्नल पुरोहित को फंसा कर एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने यह काम आसान किया |
इस तरह हिन्दू आतंक की मौजूदगी भी साबित हो गई और देशद्रोही नेताओं का भविष्य भी सुरक्षित रह गयालेकिन पूरे खेल में जिस तरह का घिनौना षड्यंत्र रचा गयावह खासा चौंकाने वाला है हैरानी वाली बात तो यह है कि यूपीए सरकार की भूमिका भी थी इसके सबूत तक मौजूद हैं पहला सबूत  ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित की चिट्ठी  है यह चिट्ठी कर्नल पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी को 31मई 2014 को लिखी थी इस में विस्तार से ब्योरा है ब्योरा यह है कि ब्लास्ट के समय वह एक ट्रेनिंग के लिए पचमढी में थे |
24 अक्टूबर, 2008 को कर्नल आरके. श्रीवास्तव को सेना ने पंचमढ़ी भेजा और सेना ने उन्हें आदेश दिया कि वे ले.कर्नल पुरोहित को मुंबई लेकर जाएंजहां उन्हें एटीएस के हवाले किया गया दूसरा सबूत है सेना कोर्ट की सुनवाई और तीसरा सबूत एमएसएचआरसी (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग) को भेजी गई शिकायत यह शिकायत कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने की थीजिन्हें इस केस में गवाह बनाया गया थाउन्होंने  मानवाधिकार आयोग को कहा कि उन्हें डरा धमाका कर र्नल पुरोहित के खिलाफ बयान लिए गए |
आपको बता दें कि  भारतीय सेना कर्नल पुरोहित को बेगुनाह मानती रही और उन्हें हर महीने तनख्वाह मिलती रही भारतीय सेना की और से लगातार कहा जाता रहा कि कर्नल पुरोहित उनके ही मिशन पर थेलेकिन राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कानूनी कार्रवाई तेज हुई और 15अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैंइसलिए उनकी जमानत पर विचार होना चाहिए l
यहाँ तक कि उन पर लगाया गया मकोका भी हटा दिया गयालेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ साजिशों का ऐसा ताना-बाना बुना था कि उन्हें ज़मानत न मिल सके l लेकिन सोमवार को कांग्रेस के अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया l
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित कोंग्रेसी नेताओं से जुड़े कई ऐसे अहम् राज जानते हैंजो यदि बाहर आ गए तो देश के कई कद्दावर नेताओं को बेनकाब कर सकते हैं देश के कई नेताओं की जान आफत में पड़ सकती है उनके मुताबिक़ ये राज लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को अपने खुफिया मिशन के दौरान पता चले थे पुरोहित ने अपने खुफिया मिशन के दौरान देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में गहरी पैठ बना ली थी l
वहां से मिलने वाली सूचना वो सेना में अपने कमांड को भेज रहे थे ख़बरें ये तक हैं कि कर्नल पुरोहित को जाली नोटों के एक ऐसे रैकेट के बारे में पता चल गया था,जिसमें देश के कुछ कद्दावर नेता भी शामिल थेलेकिन ये बात उन नेताओं तक पहुंच गयी और कर्नल को रास्ते से हटाने के तरीके खोजे जाने लगे बीजेपी को रोकने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम के जुमले को गढ़ा गया और साज़िश करके कर्नल पुरोहित को हिंदू आतंकवादी घोषित करके गिरफ़्तार करवा दिया गया यानी एक तीर से दो शिकार किये गए l
कर्नल पुरोहित को फंसाना आसान भी थाक्योंकि अपने ख़ुफ़िया मिशन के दौरान उन्होंने कुछ हिंदू संगठनों में भी अपनी पैठ बनायी थीहालांकि वहां पर कुछ भी गलत होता उन्हें नहीं दिखा था l
आपको बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते के फौरन बाद 31 मई को खुद कर्नल पुरोहित ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी l 18 पेज की अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने कोंग्रेसी नेताओं द्वारा उनके ख़िलाफ़ की गयी पूरी साज़िश का सिलसिलेवार ढंग से जिक्र किया था उन्होंने बताया कि कैसे मुंबई एटीएस ने साजिश करके उन्हें फंसाया और मालेगाव में हुए धमाकों के वक्त तो वो मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में थे l
उस वक़्त वो सेना के ट्रेनिंग सेंटर में अरबी भाषा सीखने आए थेताकि जिहादी आतंकवादियों की पोल खोल सकें l 24 अक्टूबर 2008 को सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुंबई लाने के लिए कर्नल आरके श्रीवास्तव को पंचमढ़ी भेजाताकि मुंबई एटीएस उनसे बम धमाकों के बारे में पूछताछ कर सके कर्नल श्रीवास्तव को मूवमेंट आर्डर दिया गया कि कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली के सेना मुख्यालय लाया जाए और फिर वहां से मुंबई ले जाया जाए l
सेना द्वारा उनका मोबाईल फोन भी जमा करने के लिए कहा गया इस बात ने कर्नल पुरोहित को हैरत में डाल दिया लेकिन सेना का अनुशासन मानकर उन्होंने अपना फ़ोन जमा करवा दिया इसके बाद कर्नल श्रीवास्तव ने आश्चर्यजनक तरीके से सेना के मूवमेंट ऑर्डर का उल्लंघन किया और कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली ना ले जाकर सीधे मुंबई पहुंच गए और उन्हें एटीएस के हवाले कर दिया l
कर्नल पुरोहित की चिट्ठी के मुताबिक़ ये घटना 29 अक्टूबर 2008 की है एटीएस उन्हें जेल ले जाने की जगह खंडाला के एक बंगले में ले गयी और वहां उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया इस दौरान उनपर लगातार दबाव बनाया गया कि वो बम धमाकों में अपना हाथ होने की बात कबूल लें उन्हें बेरहमी से मारा-पीटा गया और थर्ड डिग्री का तक का इस्तेमाल किया गया उन्हें धमकी दी गयी कि यदि उन्होंने आरोप कबूल नहीं किये तो उनकी बहनपत्नी और मां को वहां लाया जाएगा और उनके सामने नंगा करके परेड करायी जाएगी l
इसके बावजूद कर्नल पुरोहित झूठ कबूलने को तैयार नहीं हुएतब नवंबर 2008 को एटीएस ने उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की घोषणा की गयी इस दौरान यानी 29अक्टूबर से नवंबर, 2008 तक उन्हें लापता दिखाया गया आपको बता दें कि उस दौरान मुंबई एटीएम का प्रमुख हेमंत करकरे थाजो 26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों के हाथों मारा गया l
जब कर्नल पुरोहित ने झूठे आरोप स्वीकार नहीं कियेतो उनके ख़िलाफ़ झूठे गवाह तक खड़े किये गए कैप्टन नितिन दात्रे जोशी और सुधाकर चतुर्वेदी को धमका कर गवाह बनने के लिए मजबूर किया गया सिर  पर बन्दूक रखकर कैप्टन नितिन जोशी से बयान लिया गया और सुधाकर के घर सबूत प्लांट करवा दिए गए लेकिन अब दोनों ही मामलों की सच्चाई सामने आ गयी है .
कोर्ट में कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने कबूल कर लिया कि एटीएस ने कर्नल पुरोहित को फंसाने के लिए उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाया था l 5 सितंबर 2009 को कैप्टन जोशी ने महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजीजिसमें उन्होंने खुद के साथ हुए सलूक की पूरी कहानी बयान की अपनी शिकायत में उन्होंने जिक्र किया कि 12नवंबर 2008 को एटीएस उन्हें मुंबई के काला चौकी पुलिस स्टेशन लायी l
वहां एटीएस अधिकारी दिलीप श्रीराव ने जोशी को धमकाते हुए कहा कि वो ऐसा बयान दें जिससे कर्नल पुरोहित को फंसाया जा सके वरना उन्हें भी झूठे केस में फंसा कर 15साल के लिए जेल में ठूंस दिया जाएगामारा-पीटा जाएगा सो अलग इसके बाद एटीएस जोशी को उस जगह ले गयीजहां कर्नल पुरोहित को हिरासत में रखा गया थाl
पुरोहित की ओर इशारा करते हुए एटीएस अधिकारी ने कहा कि ठीक से देख लो इसकी हालत और समझ लो कि यदि तुमने हमारी बात नहीं मानी तो तुम्हारा भी यही हाल किया जाएगा तुम इतना तो समझ ही सकते हो कि जब हमने एक कर्नल को फंसा दियातो तुम्हें फंसाने में एटीएस को कोई दिक्कत नहीं होगी l
डरा-धमका कर और बन्दूक की नोक पर एटीएस अधिकारी मोहन कुलकर्णी ने कैप्टन जोशी का बयान खुद बोलकर लिखवाया इस बयान में कहा गया कि, “लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने 2006 में मुझे कुछ हथियार अपने घर में रखने के लिए दिए थेतब मैंने पुरोहित के घर में आरडीएक्स देखा पुरोहित ने मुझे बताया कि समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के लिए आरडीएक्स उन्होंने ही भेजा था.”l
एटीएस के दिलीप श्रीराव ने एटीएस के मुखिया हेमंत करकरे की सलाह पर इस बयान को अंतिम रूप दिया अपनी शिकायत में कैप्टन जोशी ने बताया कि कोर्ट में पेशी से पहले एटीएस अफसर मोहन कुलकर्णी ने उन्हें गोलियों से भरी एक पिस्तौल दिखाई और कहा कि यदि तुमने कोर्ट में बयान बदला तो तुम्हारे सिर में एक गोली उतार दी जाएगी   डरे-सहमे कैप्टन जोशी उस वक़्त कोर्ट में सच कहने की हिम्मत नहीं कर पाएl
इसके बाद खुलासा हुआ कि एटीएस ने कैप्टन जोशी के रिकार्डेड बयान को सील बंद नहीं कियाबल्कि साधारण तरीके से उसे एक लिफाफे में रखकर केवल स्टेपल कर दिया गयाजबकि नियम के मुताबिक़ गवाह के बयान को सीलबंद किया जाना चाहिएदरअसल ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीच रास्ते में जरूरत पड़ने पर बयान में मनमुताबिक फेरबदल करवाया जा सके l
कैप्टन जोशी के मन में इस कदर डर बिठा दिया गया कि उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सत्ता से हटने तक वो खौफ की जिंदगी जीते रहे कर्नल पुरोहित के ख़िलाफ़ चल रहा मामला अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है और जानकारों के मुताबिक़ उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है एटीएस द्वारा प्लांट किये गए फर्जी गवाह भी सच्चाई कबूल कर चुके हैं और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें ज़मानत भी दे दी है l निश्चित तौर पर सच की जीत हुई है और झूठ की हार l ये फ़ैसला कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा माना जा रहा है l 
आपको बता दें कि 29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6लोग मारे गए थेजबकि 79 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे l इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे l ब्लास्ट के लिए आरडीएक्‍स देने और साजिश रचने के आरोप में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोनों को ही अब ज़मानत मिल चुकी है l 
जिस कर्नल पुरोहित को कांग्रेस ने मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार किया था, उनपर बड़ा खुलासा ये हुआ की कर्नल पुरोहित मालेगाव में ख़ुफ़िया मिशन पर तैनात किये गए थे
वो खुद मालेगाव नहीं गए थे, बल्कि ख़ुफ़िया मिशन पर सरकार ने ही उनको मालेगाव में तैनात किया था
अब देखिये डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने क्या जानकारी दी है
गौरव प्रधान ने बताया की, कर्नल पुरोहित बहुत कुछ जान चुके थे इसलिए उन्हें 26/11 से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिया गया
अब आपको बता दें की जनरल पाशा कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का सरगना था
और उसी के इशारे पर कर्नल पुरोहित को सोनिया-मनमोहन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया
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कितना दर्द सहन किया होगा कर्नल के परिवार ने
पहले साध्वी प्रज्ञा और अब कर्नल ।। आज हिन्दू विरोधी कांग्रेस
बिलबिला रखी है क्योंकि जिस आर्मी अफसर कर्नल पुरोहित को
उसने झूठे आरोप में फसा हिन्दू आंतकी का नाम दे जेल में रखा
आज उसे जमानत मिल गयी है
ताकि उनका 26/11 का बनाया गया प्लान लीक न हो
कर्नल पुरोहित की गिरफ़्तारी के बाद ही 26/11 का हमला 2008 में हुआ
और आतंकी हिन्दू नाम से ID लेकर, हाथ में हिन्दू कलावा बांधकर पाकिस्तान से आकर कत्लेआम कर रहे थे
पूरा स्क्रिप्ट था की इन 10 आतंकियों को मार कर इनको हिन्दू घोषित कर दिया जाये जिसके बाद “हिन्दू आतंकवाद” घोषित हो जायेगा
साथ  ही “26/11 आरएसएस की साजिश” करके किताब भी तैयार थी
ये तो तुकाराम ने शरीर पर कई गोलियां खाकर कसाब को जिन्दा पकड़ लिया और बाद में सब पता चला की ये तो पाकिस्तानी आतंकी थे
गौरव प्रधान का खुलासा बहुत बड़ा है, और इसके विस्तृत जांच की जरुरत है
वैसे समझौता ट्रैन ब्लास्ट पर तो खुलसा टाइम्स नाउ ने कर ही दिया की कैसे पाकिस्तानी आतंकियों को भगा दिया गया और हिन्दुओ को पकड़ लिया गया
देखें टाइम्स नाउ पर रॉ के पूर्व अधिकारी में भी इस बात का खुलासा किया है
अगर अजमल कसाब जिन्दा नहीं पकड़ा गया होता तो 26/11 को हिन्दू आतंकवाद घोषित कर देती सोनिया-मनमोहन सरकार
2004 से 2014 तक हुए हर आतंकी हमलों में सीधे तौर पर कांग्रेस संदिग्ध है और इस कड़ी में
हाई लेवल जांच की सख्त जरुरत है
अवलोकन करें :--



You will never vote for Congress after watching this video of Sadhvi Pragya.
POSTCARD.NEWS
पिछली सरकार के रहते स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के साथ जो अमाननीय व्यवहार किया गया, काश उसका एक प्रतिशत भी किसी मुस्लिम आतंकी के साथ किया होता, छद्दम धर्म-निरपेक्षों और मानवाधिकार संस्थानों ने आसमान सिर पर उठा कर, अत्याचार करने वालों को ही जेल में बन्द करवा दिया होता। इन लोगों पर जिस तरह अत्याचार किए गए थे, उसे तत्कालीन महामहिम पाटिल को भी अवगत करवाया गया था। उस पत्र को Organiser साप्ताहिक ने शायद पृष्ठ 18/19 पर प्रकाशित भी किया था।
वास्तव में पिछली यूपीए सरकार ने हिन्दुत्व को बदनाम करने को कमर कसे हुए थी। जिसे कुर्सी के भूखे नेता सोनिया गाँधी का साथ देते रहे। जबकि सब जानते थे कि इस्लामिक आतंकवाद को बचाने के लिए बेकसूर हिन्दू साधु-संत-साध्वियों को अपमानित किया जा रहा है। बदकिस्मती से यदि 2014 चुनाव में भाजपा की बजाए पिछली सरकार की वापसी हो गयी होती, बापू आशाराम की तरह अब तक दो/तीन साधु-संत, जो अपने-अपने समागमों में सोनिया  अत्याचारों के विरुद्ध प्रवचन दे रहे थे, जेल में पहुंच चुके होते। अभी आशा राम की रिहाई बाकी है। बापू आशा के विरुद्ध 9 जून 2012 से षड्यंत्र की तैयारी चल रही थी। जब अपने एक समागम में बापू ने कहा था "सोनिया बहुत हो गया, इटली वापस जाओ, तुम हिन्दुओं को ईसाई बनवाओगी, आशा राम और मेरे शिष्य उनको वापस हिन्दू बनाएंगे...." इस घटना को मैंने एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते प्रकाशित भी की थी, जबकि समस्त मीडिया बापू के विरुद्ध सरकार के षड्यंत्र पर पर्दा डाल बदनाम करने  में व्यस्त थी।
जिस भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था, उसी मुद्दे को लेकर अन्ना हज़ारे ने भी किया, लेकिन लाइट बन्द कर अश्रु गैस छोड़ रामदेव पर जो अत्याचार किया गया था, अन्ना के साथ क्यों नहीं हुआ? यह इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन सरकार हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।
2017 का सबसे बड़ा हिन्दू विरोधी आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन में शामिल है: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उमर खालिद जैसे तत्व, देश के वामपंथी और सेक्युलर पत्रकार, ये तमाम वो लोग है जो हमेशा कहते है “आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता”, पर ये लोग देश भर में हिन्दुओ को आतंकवादी बताकर आंदोलन कर रहे है। गाय को खाना बताया जा रहा है, हिन्दू को आतंकवादी बताया जा रहा है, एक हिन्दू होने के नाते आपको  इसके खिलाफ आवाज उठाना होगा। ये वो  कांग्रेस है जिसने सरकार में रहते हुए हिन्दुओ को गुलाम बनाने वाला बिल लाने की कोशिश की थी। ये वही कांग्रेस है जिसके नेताओं ने हिन्दुओ को आतंकवादी बताया था   देश का हिन्दू उस समय भी चुप था। अब ये सड़कों पर आकर हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है, अगर देश का हिन्दू एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, तो ये लोग कल से हिन्दुओ को आतंकवादी बुलाएँगे
इस तरह के प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस फण्ड कर रही है। दिल्ली में मनीष सिसोदिया प्रदर्शन कर रहा है तो मुंबई में उमर खालिद, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर कांग्रेस के नेता, आम आदमी पार्टी के नेता हिन्दुओ को आतंकवादी बता रहे है। इस देश के हिन्दुओ को अपनी चुप्पी तोड़कर इनका विरोध करना होगा। 
क्योकि हिन्दू आतंकवादी नहीं है, हिन्दू आतंकवादी होता तो ये लोग ऐसे सड़क पर प्रदर्शन नहीं कर रहे होते। 
साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार 
साध्वी प्रज्ञा पर सबसे ज्यादा अमानवी अत्याचार हेमंत करकरे ने किया था, हेमंत करकरे महाराष्ट्र में ATS का प्रमुख था। रॉ के एक रिटायर्ड अधिकारी ने पूरा खुलासा किया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर और तमाम केस में जिहादियों के मारे जाने से मुस्लिम नाराज थे।
जिहादियों खुश करने के लिए कांग्रेस ने “भगवा आतंकवाद या हिंदू आतंकवाद” का प्लान किया और उसके लिए संघ के कुछ लोगों को इसमें फंसाने की पूरी साजिश रची गयी थी। 
हेमंत करकरे जो पूरी तरह से कांग्रेसी था, उस समय महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार थी, उसने इस काम में कांग्रेस की पूरी मदद किया उसने साध्वी प्रज्ञा के मुंह में मटन चिकन ठूस दिया उनकी कंठी माला उतार कर फेंक दी थी मार-मार कर उनके दोनों पैर तोड़ दिए थे हेमंत करकरे ही वो शख्स था जिसने साध्वी प्रज्ञा के फेंफड़ों की झिल्ली तक फाड़ दी थी, साध्वी प्रज्ञा को कैंसर भी हेमंत करकरे के अत्याचारों के कारण हुआ
साध्वी प्रज्ञा की सगी बहन के बताया की जब वो साध्वी से मिलने जेल गयी थी, तो साध्वी ने उन्हें कहा था कि हेमंत करकरे दबाव डाल रहा है की, “खुद को आतंकी मान ले वरना तेरे बाप को भी इसी तरह उल्टा लटकाकर मारूंगा।"
ख़ैर ईश्वर का न्याय देखिए वही हेमंत करकरे कांग्रेस की साजिश का शिकार हुआ, जिहादियों को खुश करने के लिए हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा पर इतना अत्याचार किया, जिहादी आतंकवादी कसाब ने हेमंत करकरे को मार डाला था और हेमंत करकरे के मरने के 3 या 4 साल के बाद उसकी पत्नी कविता करकरे भी कैंसर से मारी गई ….ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं।

“विदेशी महिला से उत्पन्न संतान से सचेत रहो”-- चाणक्य 

कांग्रेस वो पार्टी है जो दुनिया के सबसे धनि देश भारत की सत्ता पर काबिज रही
भारत धनि देश (पानी है, खनिज है, 8 मौसम है, अच्छी जमीन है), 60 सालों तक कांग्रेस की जगह कोई अच्छा शासक होता तो आज भारत अमरीका से 10 साल आगे होता
खैर, तो हम बता रहे थे की 1947 के से 70 सालों में लगभग 60 साल कांग्रेस ही भारत की सत्ता में रही, भारत अब भी पिछड़ा हुआ है, 20 करोड़ लोग आज भी भूखे सो रहे है रोजाना, सभी को शौचालय तक नहीं है, भारत पर खरबों रुपए का कर्ज है
टुच्चे से देश पाकिस्तान ने भारत के बड़े भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर 1948 में), भारत के साथ ही आज़ाद हुआ देश चीन इतना शक्तिशाली हुआ की उसने भी भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है (1962 के बाद, चीन अधिकृत कश्मीर, तिब्बत इत्यादि)
जबकि अमरीकी राष्ट्रपति कैनेडी ने नेहरू को परमाणु बम का ऑफर दिया था, सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट का ऑफर मिला था, नेहरू ने सबकुछ चीन को दे दिया
और आज राहुल गाँधी कहते है की, नरेन्द्र मोदी भारत को बर्बाद कर देगा, कांग्रेस को लाइए वो भारत को बचाएगी, नरेन्द्र मोदी तो सैनिको के खून का दलाल है (नेहरू के ज़माने में रक्षामंत्री थे कृष्णा मेनन, उनका कहना था की भारत के सैनिको को हथियारों की जरुरत नहीं, लाठी से काम चल  सकता है, हथियारों का निर्माण लगभग बन्द था, भारत के हज़ारो सैनिक 1962 में नेहरू-मेनन ने मरवा दिए) भारत में आज जितनी भी समस्या है, राहुल गाँधी के हिसाब से ढाई साल से राज  कर रहे नरेन्द्र मोदी के कारण ही सारी समस्या है
उनके अनुसार भारत को कांग्रेस ने स्वर्ग बनाया हुआ था, नरेन्द्र मोदी नरक बना देंगे
वैसे राहुल गाँधी एक विदेशी माँ से उत्पन्न संतान है, और ये जो अखंड भारत था (1947 में नेहरू-जिन्ना) इत्यादि ने तोड़ दिया, ये देश है चाणक्य (चंद्रगुप्त केवल चाणक्य के शिष्य थे)
जिन्होंने सैंकड़ो टुकड़ो में बंटे पड़े भूभाग को 1 देश बनाया था, उस चाणक्य से अधिक महाज्ञानी भारत के इतिहास में कौन होगा
जब चंद्रगुप्त मौर्य की संधि के तहत मेसेडोनिया की के सेनापति सेल्युकुस की बेटी हेलेना से शादी हुई तो चाणक्य ने हुक्म सुनाया की “चंद्रगुप्त-हेलेना” से उत्पन्न संतान कभी भारत की गद्दी पर न बैठे, केवल “चंद्रगुप्त-दुर्धरा” का ही संतान गद्दी पर बैठे
क्योंकि विदेशी महिला से उत्पन्न संतान चाहे कितना अच्छा हो परंतु वो भारत का भला नहीं कर सकता
चाणक्य ने ये भी कहा था की, “हेलेना कभी भारत के मामलों में दखल न दे, चंद्रगुप्त और भारत ने चाणक्य की बात को माना और भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश था, और आज भारत के लोगों ने तो सोनिया गाँधी को 10 साल तक सत्ता ही सौंपी हुई थी”
वैसे एक गरीब से चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सारी बाते मानी तो वो इतिहास के सबसे बड़े राजा बन गए, भारत के सर्वप्रथम राजा बने, अगर चाणक्य की कही हुई बात आज बचे कूचे भारत के लोग माने तो निश्चित भारत का कल्याण होगा

सोनिया गांधी हिन्दुओ के साथ वो करना चाहती थी जो बर्बर औरंगजेब ने भी नहीं किया था

औरंगजेब और अन्य मुगलो, तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओ का कत्लेआम किया
हिन्दू महिलाओं का बलात्कार किया, मंदिर तोड़े, धर्म का नाश किया ये सब हम इतिहास पढ़कर जानते है
परन्तु जो काम औरंगजेब ने भी हिन्दुओ के साथ नहीं किया वो काम सोनिया गांधी की कांग्रेस हिन्दुओ के साथ करना चाहती थी, यानि हिन्दुओ का पूरा सफाया
इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस ने ये 2 मुख्य षड्यंत्र रचे थे
1 – पहला षड्यंत्र था हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करना इसके तहत सरकार ने जिसके गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे थे उन्होंने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया याद रखें आजतक भारत में सरकार ने कभी “मुस्लिम आतंकवाद” शब्द का प्रयोग नहीं किया षड्यंत्र 2004 में इनकी सरकार के बाद ही शुरू हो गया था जिसके तहत 2006 मालेगाव ब्लास्ट, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, हैदराबाद की मस्जिद में ब्लास्ट
इन सबको करवाकर हिन्दू नेताओं को पकड़ना, देश तथा दुनिया में हिन्दू आतंकवादी है ऐसा दिखाना
इस षड्यंत्र में सुशिल कुमार शिंदे से पहले चिदंबरम मुख्य रूप से शामिल थे
ब्लास्टों के बाद हिन्दू नेताओं की धरपकड़ हुई जिनपर आजतक एक भी सबूत नहीं मिले
इसके बाद कांग्रेस ने “हिन्दू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया जिस से हिन्दुओ के प्रति दुनिया में एक सन्देश जाये आपको ध्यान रखना चाहिए की कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी, हिन्दू आतंकवाद से देश को खतरा है ऐसा बयान दिया था
2 – दूसरा षड्यंत्र था हिन्दुओ के खिलाफ ऐसा कानून की वो अपने ही देश में गुलाम होकर रह जाये
वो कानून था “साम्प्रदायिकता विरोधी कानून”
इस कानून के तहत किसी भी इलाके में कोई भी दंगा हो, वो किसी ने भी शुरू किया हो पर उसके लिए हिन्दू को जिम्मेदार माना जायेगा
चुकी हिन्दू देश में बहुसंख्यक है, अगर कश्मीर में भी कोई दंगा हो जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं फिर भी दोषी हिन्दू को ही माना जायेगा तथा जिस इलाके में दंगा हुआ उस इलाके के हिन्दुओ पर केस चलाया जायेगा

आतंक का कोई मजहब नहीं है तो आतंकी संगठनो के नाम पर क्यों नहीं ऐतराज़ करते मुस्लिम संगठन !

दुनिया भर में मुस्लिम छोटी छोटी बातों पर ऐतराज़ कर दंगे तक करते है 
बंगाल को कट्टरपंथियों ने हाल ही में जलाया, देश भर में भीड़ लेकर आ जाते है, दंगे करते है, मुस्लिम संगठन सड़क जाम करते है 

पर कभी आतंकवाद के खिलाफ, अल्लाह और मोहम्मद के नाम पर हो रहे कत्लेआम के खिलाफ मुस्लिम संगठन बाहर नहीं निकलते 
अरे भैया आतंकी तुम्हारे मजहब का नाम लेकर, अल्लाह मोहम्मद का नाम लेकर कत्लेआम कर रहे है, पर उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं 

आतंकी अल्लाह हू अकबर कहकर कत्लेआम करते है, उसपर ऐतराज़ क्यों नहीं

दुनिया में कई आतंकी संगठन है, इन सबके नाम आप लगभग रोज ही सुनते होंगे, आइये जरा इनके नाम का हिंदी में अनुवाद करें 

जैश-ए-मोहम्मद 
लश्करे तोइबा 
हिज़्बुल मुजाहिदीन 
अलकायदा 
ISIS 

अगर आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं है तो मुस्लिम संगठन जो छोटी छोटी बातों पर सड़क पर आ जाते है वो इन आतंकी संगठनो के नामो पर कभी ऐतराज़ क्यों नहीं करते, या फिर ये आतंकी संगठन जो कर रहे है सब जायज है ! 

सुप्रीम कोर्ट ने जड़ा कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा – सच जीता और और झूठ हारा


किस तरह कांग्रेस ने इस ब्लास्ट के नाम पर न सिर्फ हिन्दू आतंकवाद शब्द को गढ़ा बल्कि देश के साथ गद्दारी भी की l मालेगांव ब्लास्ट में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को इसमें आरोपी बना दिया गया और बिना किसी गुनाह के उन्हें जेल में डाल दिया गया l

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक बड़ा फ़ैसला सुनाया और कोर्ट ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को अंतरिम जमानत दे दी l कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने की अपील ठुकराते हुए ये फैसला दिया l
इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी l वहीं ब्लास्ट की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी l
आपको बता दें कि इस मामले की जांच पहले एटीएस के पास थीजिसके बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई l एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थीजबकि कर्नल पुरोहित की बेल का विरोध किया था l
गौरतलब है कि इस मामले में बेहद चालाकी से अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने बेहद गंभीर साज़िश रची थी l दरअसल मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार के दौरान 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद सेना के होनहार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को हिंदू आतंकवादी बताकर गिरफ्तार कर लिया गया था मामले की जांच कर रही मुंबई एटीएस ने उन पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ही कथित हिंदू आतंकी संगठनों को आरडीएक्स मुहैया करवाया था l
यहाँ तक कि उन्हें पूरी तरह से केस में फंसाने के लिए उनके घर से 60 किलो आरडीएक्स की बरामदगी भी दिखा दी गई थी इसके बाद एनडीटीवी समेत कांग्रेस के पिट्ठू कुछ चैनलों के जरिए ख़बरें फैलाई गयीं ताकि देश में हिन्दू आतंकवाद नाम का जुमला गढ़ा जा सकेलेकिन कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद महाराष्ट्र एटीएस कर्नल पुरोहित के खिलाफ चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर पाई l
पूरी कोशिश की गयी कि इस बहादुर जवान को ज्यादा से ज्यादा दिनों तक जेल में रखकर तड़पाया जाए ताकि वो टूट जाए और उसपर लगाए गए फर्जी आरोप स्वीकार कर ले l 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ये बात सामने आयी कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ अब तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं की गयी और गलत तरीके से उन्हें जेल में रखा जा रहा है l
दरअसलपुरोहित सेना के खुफिया विभाग में एक मिशन के तहत काम कर रहे थे ।  देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में उन्होंने अपनी पैठ बना ली थी । वहां से मिलने वाली सूचना वह लगातार मिशन मुख्यालय पुणे को भेज रहे थे । इसी दौरान उन्हें  जाली नोटों के व्यापार के कुछ राज़ मिले अगर ये राज सार्वजनिक हो जाते तो कई नेताओं का राजनीतिक जीवन बर्बाद हो जाता,  क्योंकि मामला सीधा देशद्रोह का बनता |
तभी मालेगांव ब्लास्ट हुआ और ब्लास्ट की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस बनाई गई थी एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे बनाए गए थेजो बाद में आतंकवादियों के मुंबई पर हुए हमले में मारे गए क्या हेमंत करकरे ने नकली नोटों के कारोबारियों से मिल कर कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया था कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि उन की हेमंत करकरे से कई बार बात हुई थीक्या कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाने में कांग्रेस भी शामिल थी ?
रॉ’ के पूर्व अधिकारी आरएसएन. सिंह लिखते हैं – ‘ यूपीए शासनकाल में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक व्यूह रचना की गई । ऐसा करने के पीछे एक ही वजह थी- वोट बैंक की राजनीति ।’ उसी के तहत जेहादी आतंक’ की तर्ज पर हिन्दू आतंक’ का तानाबाना बुना गया। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने अमेरिकी राजदूत से कहा था  कि भारत के लिए चिंता का विषय हिन्दू आतंक’ हैन कि जेहादी आंतक’|अगला कदम इस नव निर्मित हिन्दू आतंक को साबित करना था। ले.कर्नल पुरोहित को फंसा कर एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने यह काम आसान किया |
इस तरह हिन्दू आतंक की मौजूदगी भी साबित हो गई और देशद्रोही नेताओं का भविष्य भी सुरक्षित रह गयालेकिन पूरे खेल में जिस तरह का घिनौना षड्यंत्र रचा गयावह खासा चौंकाने वाला है हैरानी वाली बात तो यह है कि यूपीए सरकार की भूमिका भी थी इसके सबूत तक मौजूद हैं पहला सबूत  ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित की चिट्ठी  है यह चिट्ठी कर्नल पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी को 31मई 2014 को लिखी थी इस में विस्तार से ब्योरा है ब्योरा यह है कि ब्लास्ट के समय वह एक ट्रेनिंग के लिए पचमढी में थे |
24 अक्टूबर, 2008 को कर्नल आरके. श्रीवास्तव को सेना ने पंचमढ़ी भेजा और सेना ने उन्हें आदेश दिया कि वे ले.कर्नल पुरोहित को मुंबई लेकर जाएंजहां उन्हें एटीएस के हवाले किया गया दूसरा सबूत है सेना कोर्ट की सुनवाई और तीसरा सबूत एमएसएचआरसी (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग) को भेजी गई शिकायत यह शिकायत कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने की थीजिन्हें इस केस में गवाह बनाया गया थाउन्होंने  मानवाधिकार आयोग को कहा कि उन्हें डरा धमाका कर र्नल पुरोहित के खिलाफ बयान लिए गए |
आपको बता दें कि  भारतीय सेना कर्नल पुरोहित को बेगुनाह मानती रही और उन्हें हर महीने तनख्वाह मिलती रही भारतीय सेना की और से लगातार कहा जाता रहा कि कर्नल पुरोहित उनके ही मिशन पर थेलेकिन राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कानूनी कार्रवाई तेज हुई और 15अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैंइसलिए उनकी जमानत पर विचार होना चाहिए l
यहाँ तक कि उन पर लगाया गया मकोका भी हटा दिया गयालेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ साजिशों का ऐसा ताना-बाना बुना था कि उन्हें ज़मानत न मिल सके l लेकिन सोमवार को कांग्रेस के अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया l
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित कोंग्रेसी नेताओं से जुड़े कई ऐसे अहम् राज जानते हैंजो यदि बाहर आ गए तो देश के कई कद्दावर नेताओं को बेनकाब कर सकते हैं देश के कई नेताओं की जान आफत में पड़ सकती है उनके मुताबिक़ ये राज लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को अपने खुफिया मिशन के दौरान पता चले थे पुरोहित ने अपने खुफिया मिशन के दौरान देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में गहरी पैठ बना ली थी l
वहां से मिलने वाली सूचना वो सेना में अपने कमांड को भेज रहे थे ख़बरें ये तक हैं कि कर्नल पुरोहित को जाली नोटों के एक ऐसे रैकेट के बारे में पता चल गया था,जिसमें देश के कुछ कद्दावर नेता भी शामिल थेलेकिन ये बात उन नेताओं तक पहुंच गयी और कर्नल को रास्ते से हटाने के तरीके खोजे जाने लगे बीजेपी को रोकने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम के जुमले को गढ़ा गया और साज़िश करके कर्नल पुरोहित को हिंदू आतंकवादी घोषित करके गिरफ़्तार करवा दिया गया यानी एक तीर से दो शिकार किये गए l
कर्नल पुरोहित को फंसाना आसान भी थाक्योंकि अपने ख़ुफ़िया मिशन के दौरान उन्होंने कुछ हिंदू संगठनों में भी अपनी पैठ बनायी थीहालांकि वहां पर कुछ भी गलत होता उन्हें नहीं दिखा था l
आपको बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते के फौरन बाद 31 मई को खुद कर्नल पुरोहित ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी l 18 पेज की अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने कोंग्रेसी नेताओं द्वारा उनके ख़िलाफ़ की गयी पूरी साज़िश का सिलसिलेवार ढंग से जिक्र किया था उन्होंने बताया कि कैसे मुंबई एटीएस ने साजिश करके उन्हें फंसाया और मालेगाव में हुए धमाकों के वक्त तो वो मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में थे l
उस वक़्त वो सेना के ट्रेनिंग सेंटर में अरबी भाषा सीखने आए थेताकि जिहादी आतंकवादियों की पोल खोल सकें l 24 अक्टूबर 2008 को सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुंबई लाने के लिए कर्नल आरके श्रीवास्तव को पंचमढ़ी भेजाताकि मुंबई एटीएस उनसे बम धमाकों के बारे में पूछताछ कर सके कर्नल श्रीवास्तव को मूवमेंट आर्डर दिया गया कि कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली के सेना मुख्यालय लाया जाए और फिर वहां से मुंबई ले जाया जाए l
सेना द्वारा उनका मोबाईल फोन भी जमा करने के लिए कहा गया इस बात ने कर्नल पुरोहित को हैरत में डाल दिया लेकिन सेना का अनुशासन मानकर उन्होंने अपना फ़ोन जमा करवा दिया इसके बाद कर्नल श्रीवास्तव ने आश्चर्यजनक तरीके से सेना के मूवमेंट ऑर्डर का उल्लंघन किया और कर्नल पुरोहित को पहले दिल्ली ना ले जाकर सीधे मुंबई पहुंच गए और उन्हें एटीएस के हवाले कर दिया l
कर्नल पुरोहित की चिट्ठी के मुताबिक़ ये घटना 29 अक्टूबर 2008 की है एटीएस उन्हें जेल ले जाने की जगह खंडाला के एक बंगले में ले गयी और वहां उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया इस दौरान उनपर लगातार दबाव बनाया गया कि वो बम धमाकों में अपना हाथ होने की बात कबूल लें उन्हें बेरहमी से मारा-पीटा गया और थर्ड डिग्री का तक का इस्तेमाल किया गया उन्हें धमकी दी गयी कि यदि उन्होंने आरोप कबूल नहीं किये तो उनकी बहनपत्नी और मां को वहां लाया जाएगा और उनके सामने नंगा करके परेड करायी जाएगी l
इसके बावजूद कर्नल पुरोहित झूठ कबूलने को तैयार नहीं हुएतब नवंबर 2008 को एटीएस ने उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की घोषणा की गयी इस दौरान यानी 29अक्टूबर से नवंबर, 2008 तक उन्हें लापता दिखाया गया आपको बता दें कि उस दौरान मुंबई एटीएम का प्रमुख हेमंत करकरे थाजो 26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों के हाथों मारा गया l
जब कर्नल पुरोहित ने झूठे आरोप स्वीकार नहीं कियेतो उनके ख़िलाफ़ झूठे गवाह तक खड़े किये गए कैप्टन नितिन दात्रे जोशी और सुधाकर चतुर्वेदी को धमका कर गवाह बनने के लिए मजबूर किया गया सिर  पर बन्दूक रखकर कैप्टन नितिन जोशी से बयान लिया गया और सुधाकर के घर सबूत प्लांट करवा दिए गए लेकिन अब दोनों ही मामलों की सच्चाई सामने आ गयी है .
कोर्ट में कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने कबूल कर लिया कि एटीएस ने कर्नल पुरोहित को फंसाने के लिए उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाया था l 5 सितंबर 2009 को कैप्टन जोशी ने महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजीजिसमें उन्होंने खुद के साथ हुए सलूक की पूरी कहानी बयान की अपनी शिकायत में उन्होंने जिक्र किया कि 12नवंबर 2008 को एटीएस उन्हें मुंबई के काला चौकी पुलिस स्टेशन लायी l
वहां एटीएस अधिकारी दिलीप श्रीराव ने जोशी को धमकाते हुए कहा कि वो ऐसा बयान दें जिससे कर्नल पुरोहित को फंसाया जा सके वरना उन्हें भी झूठे केस में फंसा कर 15साल के लिए जेल में ठूंस दिया जाएगामारा-पीटा जाएगा सो अलग इसके बाद एटीएस जोशी को उस जगह ले गयीजहां कर्नल पुरोहित को हिरासत में रखा गया थाl
पुरोहित की ओर इशारा करते हुए एटीएस अधिकारी ने कहा कि ठीक से देख लो इसकी हालत और समझ लो कि यदि तुमने हमारी बात नहीं मानी तो तुम्हारा भी यही हाल किया जाएगा तुम इतना तो समझ ही सकते हो कि जब हमने एक कर्नल को फंसा दियातो तुम्हें फंसाने में एटीएस को कोई दिक्कत नहीं होगी l
डरा-धमका कर और बन्दूक की नोक पर एटीएस अधिकारी मोहन कुलकर्णी ने कैप्टन जोशी का बयान खुद बोलकर लिखवाया इस बयान में कहा गया कि, “लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने 2006 में मुझे कुछ हथियार अपने घर में रखने के लिए दिए थेतब मैंने पुरोहित के घर में आरडीएक्स देखा पुरोहित ने मुझे बताया कि समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के लिए आरडीएक्स उन्होंने ही भेजा था.”l
एटीएस के दिलीप श्रीराव ने एटीएस के मुखिया हेमंत करकरे की सलाह पर इस बयान को अंतिम रूप दिया अपनी शिकायत में कैप्टन जोशी ने बताया कि कोर्ट में पेशी से पहले एटीएस अफसर मोहन कुलकर्णी ने उन्हें गोलियों से भरी एक पिस्तौल दिखाई और कहा कि यदि तुमने कोर्ट में बयान बदला तो तुम्हारे सिर में एक गोली उतार दी जाएगी   डरे-सहमे कैप्टन जोशी उस वक़्त कोर्ट में सच कहने की हिम्मत नहीं कर पाएl
इसके बाद खुलासा हुआ कि एटीएस ने कैप्टन जोशी के रिकार्डेड बयान को सील बंद नहीं कियाबल्कि साधारण तरीके से उसे एक लिफाफे में रखकर केवल स्टेपल कर दिया गयाजबकि नियम के मुताबिक़ गवाह के बयान को सीलबंद किया जाना चाहिएदरअसल ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीच रास्ते में जरूरत पड़ने पर बयान में मनमुताबिक फेरबदल करवाया जा सके l
कैप्टन जोशी के मन में इस कदर डर बिठा दिया गया कि उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस के सत्ता से हटने तक वो खौफ की जिंदगी जीते रहे कर्नल पुरोहित के ख़िलाफ़ चल रहा मामला अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है और जानकारों के मुताबिक़ उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है एटीएस द्वारा प्लांट किये गए फर्जी गवाह भी सच्चाई कबूल कर चुके हैं और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें ज़मानत भी दे दी है l निश्चित तौर पर सच की जीत हुई है और झूठ की हार l ये फ़ैसला कांग्रेस के गाल पर क़रारा तमाचा माना जा रहा है l 
आपको बता दें कि 29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट में 6लोग मारे गए थेजबकि 79 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे l इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम थे l ब्लास्ट के लिए आरडीएक्‍स देने और साजिश रचने के आरोप में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल प्रसाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोनों को ही अब ज़मानत मिल चुकी है l 

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

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भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा

रानी चटर्जी की बोल्ड तस्वीरों ने हिलाया इंटरनेट

भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने अलग अदांज से धाक जमाने वाली रानी चटर्जी अब तक 300 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. एक्ट्रेस की गिनती इंडस्ट्री की नामी एक्ट्रेस में होती है. उनकी हर अदा पर फैंस की नजर बनी रहती हैं. इस बीच वो अपनी लेटेस्ट फोटो के चलते चर्चा का विषय बन गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उनकी किसी हॉट फोटो ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई हो. बल्कि ऐसा हर बार देखने को मिलता है. वहीं इस बार भी एक्ट्रेस की नई तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है. साथ वो इस नई तस्वीर में बेहद हॉट और बोल्ड नजर आ रही हैं. फोटो में रानी काफी प्यारी दिख रही है. तस्वीरों में रानी का स्टाइलिश अंदाज भी उनके फॉलोअर्स का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रानी चटर्जी सोशल मी़डिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी हॉट सेक्सी फोटो वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी नई अपडेट पर नजर बनाए बैठे रहते हैं. अक्सर रानी के बोल्ड फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते नजर आते हैं. हाल ही में रानी के नए लुक ने इंटरनेट को हिला दिया है. इस फोटो में रानी लाल रंग की ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस ड्रेस में रानी अपने सेक्सी