आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
राजनीती में न कोई किसी का बैरी और न ही कोई किसी का मित्र। कल तक जो शीला दीक्षित अरविन्द केजरीवाल के साथ गठबन्धन की घोर विरोधी थी, आज गठबंधन के लिए आला कमान यानि राहुल गाँधी के निर्णय को स्वीकारने को तैयार है, दाल में कुछ काला होने का संकेत देता है। पुराने राजनीतिज्ञ एवं सियासी पण्डितों को यह बात भी स्मरण होगी कि अपने ससुर तत्कालीन केन्द्रीय मन्त्री उमा शंकर दीक्षित के कार्यकाल में "बहूजी" के नाम से चर्चित बहु कौन थी। ससुर तो मात्र एक मोहरा थे, शतरंज की बिसात तो "बहूजी" ही बिछाती थी। देखते हैं अब "बहूजी" मोहरा बनेगीं या बनाएंगी?
दिल्ली कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की अटकलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम छांटने के लिए मार्च 30 की देर रात बैठक की। आप के साथ गठबंधन पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि इस संबंध में अंतिम फैसला रविवार(मार्च 31) शाम तक या सोमवार(अप्रैल 1) को कर दिया जाएगा और ये आधिकारिक घोषणा होगी।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के आवास पर हुई जो काफी देर तक चली। कमेटी को पिछले महीने सात लोकसभा सीटों के लिए मिले 80 आवेदनों में से नाम छांटने का काम सौंपा गया है।पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि औसतन हर सीट के लिए दो-तीन नाम छांटे जाएंगे और उम्मीदवारों के अंतिम चयन के लिए आला कमान को नई सूची भेजी जाएगी।आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में फैसला पार्टी प्रमुख राहुल गांधी को करना है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें लगातार आती रही हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता और दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ने कुछ दिन पहले कहा था कि जहां तक उन्हें जानकारी है दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं का मत है कि बीजेपी को हराना ही सबकी पहली जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें आप के साथ गठबंधन में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि बीजेपी को हराने के लिए आपसी मतभेदों को भुला दिया जाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की अपनी इच्छा जताई थी लेकिन कांग्रेस ने उनकी मांग को कोई तवज्जो नहीं दी। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को कोई खास तवज्जों नहीं थी जिसके बाद आप ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया था।
अवलोकन करें:-
अब समस्या यह होने वाली है कि यदि इन दोनों पार्टियों में समझौता हो जाता है, उस स्थिति में आप द्वारा घोषित उन सीटों के उम्मीदवारों का क्या होगा, जिन पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार चाहती है। क्या वह आसानी से अपना हक़ छोड़ देंगे? जो इस समझौते में दरार डाल सकती है या आम आदमी पार्टी में दरार, देखते हैं, ऊंट किस करवट बैठता है। कांग्रेस को दिल्ली में अपनी खोई ज़मीन को प्राप्त करना है तो दूसरी ओर पैरों के नीचे खिसकती ज़मीन को बनाए रखने की मंझधार में दोनों ही पार्टियाँ हैं। वैसे भी आप में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा।
यह भी सम्भावनायें व्यक्त की जा रही हैं, शायद इस आड़ में कांग्रेस यानि शीला गुट अपना हिसाब चुकता करने की कोशिश कर सकती है। क्योकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में केजरीवाल ने केवल तत्कालीन मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित पर ही नहीं, बल्कि सांसद पुत्र संदीप दीक्षित पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। संदीप पर आरोप था, "बिजली के तेज भागते मीटर।" अब कौन किससे हिसाब चुकता है, चुनाव परिणाम ही बातएंगे।
राजनीती में न कोई किसी का बैरी और न ही कोई किसी का मित्र। कल तक जो शीला दीक्षित अरविन्द केजरीवाल के साथ गठबन्धन की घोर विरोधी थी, आज गठबंधन के लिए आला कमान यानि राहुल गाँधी के निर्णय को स्वीकारने को तैयार है, दाल में कुछ काला होने का संकेत देता है। पुराने राजनीतिज्ञ एवं सियासी पण्डितों को यह बात भी स्मरण होगी कि अपने ससुर तत्कालीन केन्द्रीय मन्त्री उमा शंकर दीक्षित के कार्यकाल में "बहूजी" के नाम से चर्चित बहु कौन थी। ससुर तो मात्र एक मोहरा थे, शतरंज की बिसात तो "बहूजी" ही बिछाती थी। देखते हैं अब "बहूजी" मोहरा बनेगीं या बनाएंगी?
दिल्ली कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की अटकलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम छांटने के लिए मार्च 30 की देर रात बैठक की। आप के साथ गठबंधन पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि इस संबंध में अंतिम फैसला रविवार(मार्च 31) शाम तक या सोमवार(अप्रैल 1) को कर दिया जाएगा और ये आधिकारिक घोषणा होगी।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के आवास पर हुई जो काफी देर तक चली। कमेटी को पिछले महीने सात लोकसभा सीटों के लिए मिले 80 आवेदनों में से नाम छांटने का काम सौंपा गया है।पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि औसतन हर सीट के लिए दो-तीन नाम छांटे जाएंगे और उम्मीदवारों के अंतिम चयन के लिए आला कमान को नई सूची भेजी जाएगी।आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में फैसला पार्टी प्रमुख राहुल गांधी को करना है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें लगातार आती रही हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता और दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ने कुछ दिन पहले कहा था कि जहां तक उन्हें जानकारी है दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं का मत है कि बीजेपी को हराना ही सबकी पहली जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें आप के साथ गठबंधन में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि बीजेपी को हराने के लिए आपसी मतभेदों को भुला दिया जाए।
Delhi Congress chief Sheila Dikshit on possible alliance between Congress and Aam Aadmi Party (AAP) in Delhi: You will get to know about it in a matter of few hours, by this evening or by tomorrow. There will be an official announcement.
अवलोकन करें:-
यह भी सम्भावनायें व्यक्त की जा रही हैं, शायद इस आड़ में कांग्रेस यानि शीला गुट अपना हिसाब चुकता करने की कोशिश कर सकती है। क्योकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में केजरीवाल ने केवल तत्कालीन मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित पर ही नहीं, बल्कि सांसद पुत्र संदीप दीक्षित पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। संदीप पर आरोप था, "बिजली के तेज भागते मीटर।" अब कौन किससे हिसाब चुकता है, चुनाव परिणाम ही बातएंगे।
Comments