आखिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी "पप्पू" छवि से कभी बाहर आ पाएंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड से चार अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे। इसके लिए वो तीन अप्रैल को कोझीकोड जाएंगे। ज्ञात हो, राहुल गांधी के नामांकन पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। सीपीएम के महासचिव और केरल के सीएम पी विजयन का कहना है कि ये तो राहुल गांधी को तय करना है कि क्या वो बीजेपी को हटाना चाहते हैं या नहीं। लेकिन इन सबके बीच सीपीएम ने कहा कि उनकी करारी हार तय है।
इस बीच केरल सीपीआईएम के मुखपत्र देशाभिमानी टूडे में राहुल गांधी को पप्पू बताया गया है। पेपर में ये लिखा गया है कि वायनाड से राहुल गांधी का चुनाव लड़ना तो पप्पू स्ट्राइक है। पूरे भारत में सिर्फ केरल को छोड़कर कांग्रेस का सीपीएम के साथ गठबंधन है।
केरल के सीएम पी विजयन ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का अस्तित्व नहीं है। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी को उम्मीदवार को बनाया गया है उससे साफ है कि कांग्रेस विपक्षी एकता को कमजोर कर रही है। कांग्रेस एक तरफ बीजेपी को हराने की बात कर रही है और दूसरी तरफ ऐसे फैसले कर रही है जो विपक्ष की सोच के खिलाफ है।
कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में कांग्रेस ने मार्च 31 को फैसला किया कि वो वायनाड से चुनाव लडेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी से राहुल गांधी का सिर्फ चुनावी रिश्ता नहीं है, बल्कि भावनात्मक संबंध है। जहां तक वायनाड की बात है कि तो केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के कार्यकर्ता चाहते थे कि वो इस सीट का प्रतिनिधित्व करें। ये बात अलग है कि कानून मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा था कि मुस्लिम मतों की वजह से वह वायनाड गए। ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी का अमेठी के प्रति कैसा नजरिया होगा।
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