सवर्णों के भारत बंद बुलाने के बाद से भाजपा सरकार पर दवाब की रणनीति काम कर रही है। एसएसी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पटलने के बाद से अमित शाह ने कमान संभाल ली है कि कही सवर्ण के वोटों में भटकाव ना हो।
कांग्रेस को इन सब के लिए जिम्मेवार बता रहे नेता भी पार्टी के इस रुख से खुश नहीं हैं। हालांकि अब पार्टी के अंदर से उठने वाली आवाज के बाद अमित शाह राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने तो खुल कर कहा था कि सवर्णों की चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के ही एक और नेता सुरेंद्र सिंह ने भी दलित उत्पीड़न पर तंज कसते हुए कहा कि यह बिजनेस बन गया है।
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जाहिर है लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा नहीं चाहती इस एसएसी एसटी एक्ट में बदलाव के कारण भाजपा को नुकसान हो। आपको बता दें कि दलित संगठनों के बंद के दौरान भारत के कई राज्यों में हिंसा हुई थी।
मध्यप्रदेश में भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा उग्र प्रदर्शन हुआ था। इस कारण पार्टी अभी इस मुद्दे पर आहिस्ता आहिस्ता कदम बढ़ा रही है।
इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचर निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) को फिर लागू करने के खिलाफ सितम्बर 6 को भारत बंद का कई संगठनों ने समर्थन किया है। साथ ही चेताया है कि अगड़ों व पिछड़ों के उत्पीड़न के लिए लाए जा रहे इस कानून को वापस न लिया गया तो भाजपा को सबक सिखाया जाएगा।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति और भारतीय नागरिक परिषद ने एससी-एसटी एक्ट के साथ ही प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी संघर्ष का एलान किया। वहीं, अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने भी इस एक्ट के विरोध में सितम्बर 5 को यहां अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू करते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
उधर, आरक्षण समर्थकों के संगठन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी-एसटी एक्ट का विरोध करने वालों की आलोचना की है। साथ ही भाजपा नेता व सांसद कलराज मिश्र के एससी-एसटी एक्ट पर पुनर्विचार वाली संबंधी बयान को बचकाना बताया। जब लोकसभा व राज्यसभा में सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से इसे पास किया है तो समीक्षा की बात क्यों होनी चाहिए। पुन: समीक्षा की बात दलित समाज के साथ धोखा है।
बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर, कहीं चली गोलियां, कहीं चक्का जाम
देश में आज सवर्ण समाज सड़कों पर उतरा हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST एक्ट में किए गए बदलाव को ही पलट दिया गया. इसी को लेकर सवर्ण सरकार से खासा नाराज है. गुरुवार को भारत बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन, हिंसा की तस्वीरें सामने आई हैं. सबसे ज्यादा असर बिहार में दिख रहा है. बिहार में कई जगह ट्रेनें रोकी गई तो वहीं पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई.
भारत बंद को लेकर बिहार में अच्छा खासा असर देखा जा रहा है. बिहार के खगड़िया में सवर्णों के समूह ने NH31 पर जाम लगा दिया है. यहां पर लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन किया जाए. बिहार के लखीसराय जिले में भी लोगों ने NH-80 को जाम कर दिया है.
आरा में हुई फायरिंग
बिहार के आरा में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. इस दौरान बंद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बंद समर्थकों लाठीचार्ज किया. सूत्रों की मानें तो आरा में फायरिंग भी हुई है. घटना शहर के नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर मोहल्ले की है.
कांग्रेस को इन सब के लिए जिम्मेवार बता रहे नेता भी पार्टी के इस रुख से खुश नहीं हैं। हालांकि अब पार्टी के अंदर से उठने वाली आवाज के बाद अमित शाह राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने तो खुल कर कहा था कि सवर्णों की चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के ही एक और नेता सुरेंद्र सिंह ने भी दलित उत्पीड़न पर तंज कसते हुए कहा कि यह बिजनेस बन गया है।
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अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (पंजी.) दिल्ली
दिनांक 9/9/2018 रविवार को अनुसूचित जाति और जनजाति के विरोध में तत्काल बैठक बुलाई गई है। हमें SC / ST Act और आरक्षण मुक्त भारत चाहिए। कृपया इस तत्काल बैठक मैं पधारने की कृपा करें।।
पता :- 9 No, बेला रोड सन्यास आश्रम नियर सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन दिल्ली - 110054
धन्यवाद 🙏🏻
पंडित राधेश्याम शर्मा ( अध्यक्ष ) मुंडका
अनिल वत्स (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष )
पंडित विक्रांत टिकरी वाले ( युवा शक्ति अध्यक्ष )
सुनील कमांडो, संदीप प्रधान, रमेश मुद्गगल प्रधान, सतीश शर्मा (गढ़ी वाले), श्री भगवान (कराला), श्री राधेश्याम (कराला), चेतन शर्मा, रवि गौड, सीमा कौशिक, आकाश वत्स, रामकिशन शर्मा, आनंद प्रकाश (रोहिणी)
तीर्थ प्रकाश वत्स (राष्ट्रीय संगठन प्रभारी)मुंडका - 9868105060
-----------------------------------------------जाहिर है लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा नहीं चाहती इस एसएसी एसटी एक्ट में बदलाव के कारण भाजपा को नुकसान हो। आपको बता दें कि दलित संगठनों के बंद के दौरान भारत के कई राज्यों में हिंसा हुई थी।
मध्यप्रदेश में भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा उग्र प्रदर्शन हुआ था। इस कारण पार्टी अभी इस मुद्दे पर आहिस्ता आहिस्ता कदम बढ़ा रही है।
इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति और भारतीय नागरिक परिषद ने एससी-एसटी एक्ट के साथ ही प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी संघर्ष का एलान किया। वहीं, अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने भी इस एक्ट के विरोध में सितम्बर 5 को यहां अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू करते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
उधर, आरक्षण समर्थकों के संगठन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी-एसटी एक्ट का विरोध करने वालों की आलोचना की है। साथ ही भाजपा नेता व सांसद कलराज मिश्र के एससी-एसटी एक्ट पर पुनर्विचार वाली संबंधी बयान को बचकाना बताया। जब लोकसभा व राज्यसभा में सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से इसे पास किया है तो समीक्षा की बात क्यों होनी चाहिए। पुन: समीक्षा की बात दलित समाज के साथ धोखा है।
बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर, कहीं चली गोलियां, कहीं चक्का जाम
देश में आज सवर्ण समाज सड़कों पर उतरा हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST एक्ट में किए गए बदलाव को ही पलट दिया गया. इसी को लेकर सवर्ण सरकार से खासा नाराज है. गुरुवार को भारत बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन, हिंसा की तस्वीरें सामने आई हैं. सबसे ज्यादा असर बिहार में दिख रहा है. बिहार में कई जगह ट्रेनें रोकी गई तो वहीं पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई.
भारत बंद को लेकर बिहार में अच्छा खासा असर देखा जा रहा है. बिहार के खगड़िया में सवर्णों के समूह ने NH31 पर जाम लगा दिया है. यहां पर लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन किया जाए. बिहार के लखीसराय जिले में भी लोगों ने NH-80 को जाम कर दिया है.
आरा में हुई फायरिंग
बिहार के आरा में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. इस दौरान बंद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बंद समर्थकों लाठीचार्ज किया. सूत्रों की मानें तो आरा में फायरिंग भी हुई है. घटना शहर के नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर मोहल्ले की है.
बिहार के आरा में सवर्णों ने आरा रेलवे स्टेशन के पास लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस को रोक दिया गया है. यहां लोगों का कहना है कि देश में SC/ST कानून में जल्द बदलाव नहीं किया गया तो इससे भी बड़ा आंदोलन देश में होगा.
छपरा में सवर्णों ने NH-19 पर जाम लगा दिया है. बड़ी संख्या में लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सड़कों पर उतरे हैं. मधुबनी में सवर्ण आंदोलनकारियों ने एनएच-105 पर जाम लगा दिया है. लोग केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कर रहे हैं.
पिछली हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार कई जिलों में अलर्ट जारी कर भारी पुलिस की तैनाती किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले भी थानों में पहुंचा दिए गए हैं.
बिहार के मुजफ्फरपुर में भी SC/ST एक्ट के विरोध में कई जगह सड़क जाम हैं. वहीं नवादा में भारत बंद के दौरान लोगों ने घूम-घूमकर बाजार को बंद कराया, यहां पर राजगीर पथ पर लोगों ने आगजानी कर सड़क को जाम किया. बिहार के दरभंगा और मसूदन में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका, भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे.
आगरा में सवर्ण और अनुसूचित जाति के बीच पथराव, पुलिस ने छोड़े अश्रु गैस के गोले
एससीएसटी एक्ट के विरोध में किये गए भारत बंद के दौरान आगरा से सटे कस्बे पिनाहट में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। एससीएसटी एक्ट के समर्थन और विरोधी आमने सामने आ गए और बाजार बंद कराने को लेकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों के बीच गाली गलौज के बाद जमकर पत्थरबाजी हुई। पथराव में कुछ लोग घायल भी हो गए।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के लोगों को खदेड़ दिया लेकिन कुछ देर बाद दोनों ओर से फिर लोग एकत्र हो गए और पत्थरबाजी करने लगे। मामले को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस को मामला शांत कराने के लिए अश्रु गैस के गोले दागने पड़े। स्थिति जब नियंत्रण में नहीं हुई तो पुलिस ने हवाई फाय¨रग का सहारा लिया। अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हालांकि पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
सवर्णो द्वारा भारत बंद की घोषणा के बाद से बाजार बंद करने की अपील की गई थी। बाजारों में जगह- जगह अपली के पर्चे भी चस्पा कर दिए गए थे। पिनाहट कस्बे में लोगों ने सुबह रेलवे ट्रेक पर आगरा- इटावा पैसेंजर ट्रेन रोक कर प्रदर्शन किया और फिर बाजार में रैली निकाली थी। इसके बाद एसडीएम बाह अरुण कुमार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारी बाजार में जगह- जगह सभाएं करके आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे थे, तभी विभिन्न वाहनों से दर्जनों ग्रामीण पहुंच गए।
बाजार में कुछ लोगों के प्रतिष्ठान खुले देख उन्हें बंद कराने का दवाब बनाने लगे। एससीएसटी एक्ट के समर्थकों ने प्रतिष्ठान बंद करने का विरोध किया तो दोनों पक्षों में विवाद हो गया। गाली गलौज के बाद चेहरे पर रुमाल बांधे कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते दोनों पक्षों में जबरदस्त पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दोनों पक्षों को खदेड़ा दिया लेकिन रुक रुक पर पथराव होता रहा। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गया और अश्रु गैस के गोले दागे। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवाई फाय¨रग भी करनी पड़ी। फिलहाल पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
उधर खंदौली में यमुना एक्सप्रेस वे पर जाम लगा रहे ग्रामीणों ने एसडीएम की गाड़ी पर पथराव कर दिया किरावली मुख्य चौराहा पर युवाओं ने रैली निकाली और चौराहा पर बैठकर जाम लगा दिया। जाम खुलवाने के लिए फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज हरेंद्र सिंह को जाम खुलवाने के लिए लाठी- ठंडों सहित अश्रु गैस के गोले भी दागने पड़े।
विरोधियों का सम्मेलन 28 को, समर्थकों का अभियान 9 से
प्रमोशन में आरक्षण पर जंग छिड़ने के आसार बनने लगे हैं। प्रमोशन में आरक्षण विरोधियों के संगठन सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने इस बाबत रणनीति तय करने के लिए 28 सितंबर को लखनऊ में पूरे देश के कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है। वहीं, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने प्रमोशन में आरक्षण को जायज बताते हुए इस सिलसिले में लोकसभा में लंबित विधेयक को पारित कराने के लिए 9 सितंबर से अभियान की घोषणा की है।
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