दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में मेडल जीतने वाले 11 खिलाड़ियों को सितम्बर 5 को राजधानी दिल्ली में सम्मानित किया. इस दौरान रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली खिलाड़ी दिव्या काकरान ने केजरीवाल को खरी-खरी सुना दी.
दिव्या ने सीएम केजरीवाल से कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने के बाद आपने मुझसे मदद का वादा किया था. इसके बाद जब एशियन गेम्स की तैयारियों के लिए मैंने आपको लिखकर दिया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि मेरा फोन तक नहीं उठाया गया.
एशियन गेम्स में फ्रीस्टाइल 68 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली दिव्या ने कहा, 'मैं आज यहां पहुंच गई हूं इसलिए मेरी सब मदद कर रहे हैं. मेडल जीतने पर सरकार खिलाड़ियों की मदद कर रही है लेकिन इससे पहले जब ज्यादा जरूरत थी तब हमें किसी तरह की सहायता नहीं मिली.'
दिव्या ने कहा, 'कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में मैंने ब्रॉन्ज समेत दिल्ली को लगातार 12 मेडल दिए. मैं कहना चाहती हूं कि आप अभी मेरे लिए इतना कर रहे हैं लेकिन जब एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल आया था तब मेरे लिए कुछ भी नहीं हुआ था.'
एशियन मेडल विजेता इस खिलाड़ी ने आगे कहा, ''मैं जिन हालातों से लड़कर यहां आई हूं, उस तरह के कई गरीब बच्चे हैं. उनके लिए आप भी कुछ सोचें. क्योंकि जब ज्यादा जरूरत होती है तब कोई मदद नहीं करता.'' यहां दिव्या का मतलब खेलों की तैयारियों में खर्च होने वाले पैसों से था.
हरियाणा में खिलाड़ियों को ज्यादा सपोर्ट
दिव्या ने सीएम के सामने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ''हम बेशक गरीब हैं, लेकिन हमारे मन में करने की ज्वाला है. मैं आज पानी में भी पहलवानी कर रही हूं. अगर आप सपोर्ट करेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा. जो नए बच्चे निकलकर आ रहे हैं, आप उनकी मदद कीजिए. हरियाणा में दिल्ली से ज्यादा मेडल आए हैं. क्योंकि उनके साथ सपोर्ट हैं. हरियाणा में मेडल जीतने वाले को 3 करोड़ मिलते हैं जबकि दिल्ली में 20 लाख रुपए मिलते हैं. हालांकि, अब यहां एक करोड़ कर दिए हैं. हरियाणा के बारे में लोग कहते हैं कि वहां दूध है, घी है. लेकिन वहां सपोर्ट बहुत बड़ी चीज है. दूध-घी हमारे यहां भी है मगर सपोर्ट नहीं है. अब आप सोचिए कि अगली बार दिल्ली में सबसे ज्यादा मेडल आएं और गोल्ड आएं.''
अब खिलाड़ियों के 2 नीतियां
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिव्या से कहा कि वह उनसे सहमत हैं लेकिन उनकी सरकार कई अवरोधों का सामना कर रही थी. उनकी सरकार जल्द ही खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दो नीतियां तैयार करेंगी. इन दो नीतियों के तहत सरकार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और शुरुआती दिनों में युवा प्रतिभा के रूप में पहचाने जाने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देगी.
मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि पहली नीति का नाम 'प्ले एंड प्रोग्रेस' होगा और इसके तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने जीवन में एक बार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाएं दी जाएंगी.
इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विशेषज्ञों की समिति तैयार की जाएगी, जिसमें दिग्गज खिलाड़ी और अन्य अधिकारी शामिल होंगे. यह समिति हर मामले में दी जाने वाली वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाओं के लिए फैसला लेगी.
दूसरी नीति को 'मिशल एक्सिलेंस' नाम दिया जाएगा और यह नीति युवावस्था में प्रतिभाओं की खोज पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि उभरते खिलाड़ियों को उनके खेल में उत्तीर्ण बनाए जाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी.
पुरस्कार राशि में इजाफा
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को दिए जाने वाले नकद पुरस्कार में इजाफा किया है. ऐसे में दिल्ली सरकार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए देगी. इसके अलावा, रजत पदक विजेताओं को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 50 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी. इससे पहले स्वर्ण पदक वालों को 20 लाख रुपए, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपए दिए जाते थे.
दिव्या ने सीएम केजरीवाल से कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने के बाद आपने मुझसे मदद का वादा किया था. इसके बाद जब एशियन गेम्स की तैयारियों के लिए मैंने आपको लिखकर दिया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि मेरा फोन तक नहीं उठाया गया.
एशियन गेम्स में फ्रीस्टाइल 68 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली दिव्या ने कहा, 'मैं आज यहां पहुंच गई हूं इसलिए मेरी सब मदद कर रहे हैं. मेडल जीतने पर सरकार खिलाड़ियों की मदद कर रही है लेकिन इससे पहले जब ज्यादा जरूरत थी तब हमें किसी तरह की सहायता नहीं मिली.'
दिव्या ने कहा, 'कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में मैंने ब्रॉन्ज समेत दिल्ली को लगातार 12 मेडल दिए. मैं कहना चाहती हूं कि आप अभी मेरे लिए इतना कर रहे हैं लेकिन जब एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल आया था तब मेरे लिए कुछ भी नहीं हुआ था.'
एशियन मेडल विजेता इस खिलाड़ी ने आगे कहा, ''मैं जिन हालातों से लड़कर यहां आई हूं, उस तरह के कई गरीब बच्चे हैं. उनके लिए आप भी कुछ सोचें. क्योंकि जब ज्यादा जरूरत होती है तब कोई मदद नहीं करता.'' यहां दिव्या का मतलब खेलों की तैयारियों में खर्च होने वाले पैसों से था.
हरियाणा में खिलाड़ियों को ज्यादा सपोर्ट
दिव्या ने सीएम के सामने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ''हम बेशक गरीब हैं, लेकिन हमारे मन में करने की ज्वाला है. मैं आज पानी में भी पहलवानी कर रही हूं. अगर आप सपोर्ट करेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा. जो नए बच्चे निकलकर आ रहे हैं, आप उनकी मदद कीजिए. हरियाणा में दिल्ली से ज्यादा मेडल आए हैं. क्योंकि उनके साथ सपोर्ट हैं. हरियाणा में मेडल जीतने वाले को 3 करोड़ मिलते हैं जबकि दिल्ली में 20 लाख रुपए मिलते हैं. हालांकि, अब यहां एक करोड़ कर दिए हैं. हरियाणा के बारे में लोग कहते हैं कि वहां दूध है, घी है. लेकिन वहां सपोर्ट बहुत बड़ी चीज है. दूध-घी हमारे यहां भी है मगर सपोर्ट नहीं है. अब आप सोचिए कि अगली बार दिल्ली में सबसे ज्यादा मेडल आएं और गोल्ड आएं.''
अब खिलाड़ियों के 2 नीतियां
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिव्या से कहा कि वह उनसे सहमत हैं लेकिन उनकी सरकार कई अवरोधों का सामना कर रही थी. उनकी सरकार जल्द ही खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दो नीतियां तैयार करेंगी. इन दो नीतियों के तहत सरकार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और शुरुआती दिनों में युवा प्रतिभा के रूप में पहचाने जाने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देगी.
मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि पहली नीति का नाम 'प्ले एंड प्रोग्रेस' होगा और इसके तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने जीवन में एक बार पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाएं दी जाएंगी.
इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विशेषज्ञों की समिति तैयार की जाएगी, जिसमें दिग्गज खिलाड़ी और अन्य अधिकारी शामिल होंगे. यह समिति हर मामले में दी जाने वाली वित्तीय और खेल संबंधी सुविधाओं के लिए फैसला लेगी.
दूसरी नीति को 'मिशल एक्सिलेंस' नाम दिया जाएगा और यह नीति युवावस्था में प्रतिभाओं की खोज पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि उभरते खिलाड़ियों को उनके खेल में उत्तीर्ण बनाए जाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी.
पुरस्कार राशि में इजाफा
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को दिए जाने वाले नकद पुरस्कार में इजाफा किया है. ऐसे में दिल्ली सरकार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए देगी. इसके अलावा, रजत पदक विजेताओं को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 50 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी. इससे पहले स्वर्ण पदक वालों को 20 लाख रुपए, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपए दिए जाते थे.
Comments