निदा की चोटी काटने वाले को मिलेगा 11,786 रुपए का इनाम--ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोईन सिद्दकी नूरी
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
ऐ शमा, तू जल परवाना जले या न जले,
परवानों का अम्बार है, तू क्या जलायेगी उसे तेरी लौ अगर तपिश है, तो परवाने की उड़ान भी कम नहीं,
मत इतरा इतना, परवाने भी मगरूर हैं,
तुझे हर हाल में जलना ही है
शमा भी तैयार है हर हाल में परवाने को खाक करने हो
लगता है, कल तक मुल्लावाद की जलती आग में मुस्लिम महिला अब अपना सबकुछ दाव पर लगाकर अपने अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई लड़ने मैदान में क्या उतरी, मुल्लावाद में तूफान आ गया। पहले तीन तलाक पर और अब हलाला पर। मुस्लिम महिलाओं से हलाला पर पूछने पर उनका कहना है कि "एक तरफ किसी गैर-मर्द की निगाहों से बचाने के लिए बुर्का या परदे के पीछे रखा जाता है, तो दूसरी तरफ गलती से तलाक होने पर हलाला के नाम पर गैर-मर्द के साथ हम-बिस्तर होने का इस्लामिक फरमान सुनाया जाता है। जैसे औरत औरत न होकर मर्द की हवस होकर रह गयी है। आखिर हम औरतों का भी आत्मसम्मान है? कब तक औरत को बेगैरत किया जाता रहेगा? "
हलाला के विरुद्ध उतरी बरेली की निदा पर कट्टरपंथियों का एक और कहर ढाया जा रहा है। उनकी चोटी काटने वाले को इनाम देने का फतवा जारी कर दिया गया है। क्या फतवा देने वाले की किसी महिला की चोटी काट, उसे बदसूरत करने कर अपमानित करने का मंशा है? केश ही नारी के सौन्दर्य को चार चाँद लगाते हैं। यदि हलाला का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं की चोटियां कटती रहेंगी, फिर औरत की खूबसूरती का आनन्द कहाँ से लोगे?
बरेली का चर्चित निदा खान प्रकरण अब बहुत आगे तक बढ़ गया है। देश भर की निगाहें अब इस प्रकरण पर टिकी हुई हैं। ताजा मामला कुछ ऐसा है जो सभ्य समाज को सोचने के लिए मजबूर कर देगा। एक मुस्लिम संगठन ने निदा के खिलाफ बड़ा एलान किया है।
तीन तलाक और हलाला के मुद्दों पर पीड़ित महिलाओं के हक की आवाज बनी निदा खान और फ़रहत नक़वी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। दरगाह आला हजरत से निदा के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद अब एक और तालीबानी फरमान जारी हुआ है। ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोईन सिद्दकी नूरी की तरफ से दोनों महिलाओं की चोटी काटने वाले और पत्थर मार कर देश से बाहर करने वाले को 11,786 रुपए इनाम की घोषणा की गई है।
निदा ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना काउंसिल की तरफ से बरेली शहर की तमाम मस्जिदों में पर्चे बंटवा दिए जिसमें लिखा गया था कि यह दोनों महिलाएं इस्लाम से खारिज हैं, देश द्रोही हैं, इन दोनों को तीन दिन का समय दिया जाता है अगर इन महिलाओं ने देश नहीं छोड़ा तो इन दोनों की चोटियाँ काट कर पत्थर मार-मार कर देश से बाहर निकाल दिया जाएगा और ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को 11 हजार 786 रुपए बतौर इनाम दिया जाएगा।
इसके अलावा मोइन सिद्दकी ने दोनों महिलाओं के चरित्र पर भी गंदी टिप्पणी की है. वहीं इस एलान की सूचना लगते ही दोनों ही महिलाओं की नींद उड़ गई है और इस शर्मनाक हरकत के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाने की भी बात कही है। निदा खान ने मामले की शिकायत पुलिस से भी की है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
ऐ शमा, तू जल परवाना जले या न जले,
परवानों का अम्बार है, तू क्या जलायेगी उसे तेरी लौ अगर तपिश है, तो परवाने की उड़ान भी कम नहीं,
मत इतरा इतना, परवाने भी मगरूर हैं,
तुझे हर हाल में जलना ही है
शमा भी तैयार है हर हाल में परवाने को खाक करने हो
लगता है, कल तक मुल्लावाद की जलती आग में मुस्लिम महिला अब अपना सबकुछ दाव पर लगाकर अपने अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई लड़ने मैदान में क्या उतरी, मुल्लावाद में तूफान आ गया। पहले तीन तलाक पर और अब हलाला पर। मुस्लिम महिलाओं से हलाला पर पूछने पर उनका कहना है कि "एक तरफ किसी गैर-मर्द की निगाहों से बचाने के लिए बुर्का या परदे के पीछे रखा जाता है, तो दूसरी तरफ गलती से तलाक होने पर हलाला के नाम पर गैर-मर्द के साथ हम-बिस्तर होने का इस्लामिक फरमान सुनाया जाता है। जैसे औरत औरत न होकर मर्द की हवस होकर रह गयी है। आखिर हम औरतों का भी आत्मसम्मान है? कब तक औरत को बेगैरत किया जाता रहेगा? "
हलाला के विरुद्ध उतरी बरेली की निदा पर कट्टरपंथियों का एक और कहर ढाया जा रहा है। उनकी चोटी काटने वाले को इनाम देने का फतवा जारी कर दिया गया है। क्या फतवा देने वाले की किसी महिला की चोटी काट, उसे बदसूरत करने कर अपमानित करने का मंशा है? केश ही नारी के सौन्दर्य को चार चाँद लगाते हैं। यदि हलाला का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं की चोटियां कटती रहेंगी, फिर औरत की खूबसूरती का आनन्द कहाँ से लोगे?
तीन तलाक और हलाला के मुद्दों पर पीड़ित महिलाओं के हक की आवाज बनी निदा खान और फ़रहत नक़वी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। दरगाह आला हजरत से निदा के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद अब एक और तालीबानी फरमान जारी हुआ है। ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोईन सिद्दकी नूरी की तरफ से दोनों महिलाओं की चोटी काटने वाले और पत्थर मार कर देश से बाहर करने वाले को 11,786 रुपए इनाम की घोषणा की गई है।
निदा ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना काउंसिल की तरफ से बरेली शहर की तमाम मस्जिदों में पर्चे बंटवा दिए जिसमें लिखा गया था कि यह दोनों महिलाएं इस्लाम से खारिज हैं, देश द्रोही हैं, इन दोनों को तीन दिन का समय दिया जाता है अगर इन महिलाओं ने देश नहीं छोड़ा तो इन दोनों की चोटियाँ काट कर पत्थर मार-मार कर देश से बाहर निकाल दिया जाएगा और ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को 11 हजार 786 रुपए बतौर इनाम दिया जाएगा।
इसके अलावा मोइन सिद्दकी ने दोनों महिलाओं के चरित्र पर भी गंदी टिप्पणी की है. वहीं इस एलान की सूचना लगते ही दोनों ही महिलाओं की नींद उड़ गई है और इस शर्मनाक हरकत के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाने की भी बात कही है। निदा खान ने मामले की शिकायत पुलिस से भी की है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
Comments