आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जहाँ तक मोदी का जादू अथवा लहर की बात है, वह मध्य प्रदेश में नहीं के बराबर होने के आसार नज़र आने लगे हैं। भ्रष्टाचार, सरकारी कामों में लापरवाही, स्थानीय नेताओं का जनसमस्याओं को अनदेखा करना, कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ करना, शिक्षा स्तर में आती गिरावट, आदि आदि के कारण ऐसा आभास होता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार को बनाए रखने में मोदी-योगी-अमित को जी-जान लगानी पड़ेगी, अन्यथा सत्ता कांग्रेस के हाथों में जाती दिख रही है। भ्रष्टाचार और प्रशासनिक स्तर की लापरवाही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 5 वर्षों से लम्बित ऑडिटोरियम के हो निर्माण का निरीक्षण करने पर सामने आ गया है। मुख्यमंत्री को केवल शिलान्यास पत्थर पर अपने नाम अंकित होने से मतलब, बाकी जाए भ्रष्टाचार की झोली में।
गुजरात तो जैसे-तैसे बचा लिया। लेकिन मध्य प्रदेश में सत्ता हाथ से फिसलती जान पड़ रही है। अभी हुए निकाय चुनावों को आधार माना जाए, तो शंका गलत सिद्ध होती नहीं दिखती। गुजरात में बराबर की टक्कर देकर नए अध्यक्ष राहुल गाँधी ही नहीं अपितु समस्त कांग्रेस के हौंसले बुलन्द है। पाटीदार आंदोलन से गुजरात में भाजपा को नुकसान नहीं, बल्कि लाभ हुआ है। भाजपा के विरुद्ध जाता वोट कांग्रेस के स्थान पर पाटीदारों ने खिंच लिया। अगर पाटीदार आंदोलनकारियों ने अपने उम्मीदवार खड़े करने की बजाए कांग्रेस को ही समर्थन देकर लड़ते, निस्संदेह भाजपा वाला अंक कांग्रेस का होता और कांग्रेस वाला अंक भाजपा का होता। यानि स्थिति एकदम विपरीत होती।
कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही गुजरात चुनाव में "पप्पू" कहे जाने राहुल गाँधी ने मन्दिरों में माथा टेक और जनेऊ पहन भाजपा को टक्कर दी, वही समीकरण मध्य प्रदेश में होने जा रहा है। माना कांग्रेस कार्यकाल में हिन्दुओं को बहुत अपमानित किया गया, लेकिन अब कांग्रेस भी हिन्दुओं को लुभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। अब उसे मुस्लिम वोट से अधिक हिन्दू वोट की चिन्ता है।
भाजपा शासित राज में BJP को बड़ा झटकादेश के कुछ राज्यों को बीजेपी का गढ़ कहा जाने लगा है. इस में गुजरात के बाद मध्यप्रदेश का नाम आता है. यहां पर पिछली तीन बार से बीजेपी सत्ता में आती रही है और मुखिया रहे हैं शिवराज सिंह चौहान. लेकिन इस बार के आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं दिखती है. ऐसा राजनीतिक हल्कों में कहा जा रहा है.
इस विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के गुना जिले राघोगढ़ नगर पालिका में हुए चुनाव में 24 में से 20 वार्ड कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यहां पर बीजेपी को केवल चार वार्डों की जीत से संतोष करना पड़ा है. उल्लेखनीय है कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान यहां पर हुए निकाय चुनाव के लिए प्रचार करने आए. वैसे यहां पर पिछले दो दशकों से कांग्रेस का कब्जा रहा है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह का यह इलाका है.
7 साल पीडब्ल्यूडी मंत्री रही हूं, क्या काम ऐसे होता है
--आनन्दीबेन पटेल, राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शनिवार को राजभवन में पीडब्ल्यूडी के अफसरों पर जमकर बरसीं। ऑडिटोरियम का काम पांच साल बाद भी पूरा न होने का कारण अफसरों से पूछा तो वे कुछ जवाब नहीं दे पाए। इस पर आनंदीबेन ने कहा कि मुझे सब पता है पीडब्ल्यूडी में काम किस तरह होता है। मैं भी सात साल तक गुजरात में पीडब्ल्यूडी मंत्री रही हूं। राज्यपाल ने राजभवन के 30 एकड़ क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का मौके पर पहुंचकर मुआयना किया। उनके साथ राजभवन के प्रमुख सचिव एम मोहन राव समेत पीडब्ल्यूडी के अफसर मौजूद थे।राजभवन में ऑडिटोरियम बनाए जाने का काम 2013 में शुरू हुआ था, जिसकी लागत 9 करोड़ रुपए थी। बाद में सरकार ने इसे रोककर रखा और यह निर्माण पूरा नहीं हो सका। पीडब्ल्यूडी अफसरों ने बताया कि तीन सालों से ऑडिटोरियम बनाने के लिए राशि स्वीकृत नहीं की थी। इस कार्य के लिए 2017 में ही प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। तब राज्यपाल ने पूछा कि अब काम कितने समय में पूरा होगा तो अफसरों ने कहा कि एक साल में पूरा कर देंगे। वहीं, राजभवन में अन्य कई काम भी कराए जा रहे हैं। इनमें रेस्ट हाउस में फर्नीचर का काम कराया जाना है। इस पर अफसरों का कहना था कि यह काम पूरे करवा दिए गए हैं। राज्यपाल ने कम्युनिटी हाॅल में बैठने की व्यवस्था उच्च स्तर पर करने, महिलाओं व बुजुर्गों के चढ़ने तथा उतरने के लिए सुविधा उपलब्ध कराने तथा चौड़े रैम्प बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि इसका ध्यान रखे कि जिस ठेकेदार को टेंडर दें, वही जिम्मेदारी से कार्य पूरा करे।
‘अगर सपना पूरा न हो तो निराश न हों’
राज्यपाल आनंदीबेन ने राजभवन में नेतृत्व विकास शिविर में शामिल अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्राओं से भेंट की। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि अपने भविष्य के सपने को साकार करने का प्रयास करो। अगर सपना पूरा न हो तो निराश न हो, ईश्वर पर भरोसा रखो, वे जरूर कोई दूसरा रास्ता निकालेंगे। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा प्राप्त करने के साथ आचार, विचार, चरित्र और व्यवहार सुधारने पर भी ध्यान देना चाहिए। उच्च शिक्षा और अच्छे चरित्र से ही आप अपना भविष्य उज्जवल बना सकते हो और देश का नेतृत्व कर सकते हो।
राज्यपाल ने बच्चों को घड़ी, पुस्तकें और चाकलेट भेंट की। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको यह संकल्प लेकर जाना चाहिए कि हम पानी की बचत करेंगे, थाली में खाना नहीं छोड़ेंगे और जितना खा सकें, उतना ही लेंगे। उन्होंने कहा कि अपव्यय से न जाने कितने गरीब बच्चों का पेट भर सकता है, बचे हुए पानी को पेड़ में डालने से पेड़ों को सूखने से बचाया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को पर्यावरण सुधारने और स्वच्छता अभियान में भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन बच्चों के लिए हमेशा खुला रहेगा। आदिम जाति एवं अनुसूचित कल्याण राज्य मंत्री लालसिंह आर्य ने कहा कि मप्र सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को नेतृत्व विकास शिविर के जरिए मुख्यधारा से जुड़ने की प्रेरणा दे रही है।
गणतंत्र दिवस पर टीचरों ने बच्चो को खिलवाई भाजपा को वोट न देने की कसम
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद से एक अजीब मामला सामने आया है,एक वीडियो में शपथ ग्रहण का मामला कैद हुआ है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो मध्यप्रदेश के ईटारसी के एक आईटीआई कॉलेज का है जहां 26 जनवरी के मौके पर झंडारोहण के बाद स्कूल के 150 छात्र-छात्राओं को बीजेपी को वोट न देने के लिए शपथ दिलाई गई।
इस कॉलेज के बच्चों की मांग है कि आईटीआई में कंप्यूटर की ऑनलाइन परीक्षा बंद कराई जाए। जिसके विरोध में ही शपथ ली जा रही थी। छात्रों का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
व्यक्ति के साथ-साथ ही बाकी बच्चों को भी यही शपथ लेते देखा जा रहे हैं। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि शपथ दिलाने वाला व्यक्ति उस स्कूल का शिक्षक है या कोई अन्य पदाधिकारी।
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