आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बाद प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का नाम मन्दिर उद्धघाटन के लिए स्मरण किया जाएगा। अन्तर केवल इतना है कि एक ने अपने ही देश में उद्धघाटन किया और दूसरे ने देश से बाहर। दोनों ही उद्घाटनों का अपना ही अलग महत्व है। दोनों--डॉ राजन बाबू और मोदी-- ही निडर। जब तत्कालीन उप-प्रधानमन्त्री एवं गृह मंत्री सरदार पटेल की छत्रसाया में सोमनाथ मन्दिर का जीणोद्धार किए जाने पर राजन बाबू को उद्धघाटन करने का निमंत्रण दिया। जवाहरलाल नेहरू के लाख विरोध के बावजूद राजन बाबू ने उद्घाटन किया। यूँ तो नेहरू और राजन बाबू के बीच नोंकझोंक होती रहती थी। लेकिन राजन बाबू के आगे नेहरू तो क्या किसी में विरोध करने का साहस नहीं होता था।
जवाहरलाल के मन में राजन बाबू के दिल इतना अधिक द्वेष था कि राजन बाबू के कार्यकाल में ही उनका स्वास्थ्य डगमगा रहने के कारण तत्कालीन गृह मन्त्री "मामाजी" उर्फ़ लाल बहादुर शास्त्री ने नेहरूजी से कहा "डॉ साहब की तबियत चिन्ताजनक है, अगर पद पर रहते कोई अनहोनी हो गयी, तो बापू की समाधि के पास इनको भी स्थान दे दिया जाए।" तुरन्त नेहरू ने कहा "नहीं वहाँ मेरी बनेगी।" आखिर में राजन बाबू के वह स्थान निश्चित हुआ, जहाँ आज शास्त्रीजी की है, जिसे विजयघाट कहते हैं। खैर, लिखते-लिखते Organiser weekly के पृष्ठ आँखों के आगे आ गए। बस दुःख इस बात का है कि कांग्रेस विरोधी तक डॉ राजेन्द्र प्रसाद को याद नहीं करते।
लेकिन अब प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी राजन बाबू के पदचिन्हों पर चल, अबू धाबी में पहले हिंदू मन्दिर का उद्घाटन करने वाले है। 9 से 12 फरवरी के बीच फिलिस्तीन, यूएई और ओमान की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात में सिर्फ एक हिन्दू मंदिर है, जो दुबई में स्थित है। मोदी की 2015 की यात्रा के दौरान यूएई सरकार ने अबू धाबी में मंदिर निर्माण के लिए जमीन के आवंटन का ऐलान किया था। सरकार ने अल-वाथबा इलाके में मंदिर के निर्माण के लिए 20,000 स्क्वेयर मीटर आवंटित की थी।
इस मन्दिर के निर्माण के लिए प्राइवेट तौर पर फंडिंग की जा रही है। यूएई में करीब 26 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की आबादी का 30 फीसदी हिस्सा हैं. पीएम नरेंद्र मोदी 10 फरवरी की शाम को अबू धाबी पहुंचेंगे और अगले दिन दुबई जाएंगे. 11 फरवरी, रविवार को वह दुबई ओपेरा में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी कर सकते हैं. इस इवेंट में तकरीबन 1,800 लोग हिस्सा ले सकते हैं.
इसके अलावा 11 फरवरी से ही शुरू हो रहे तीन दिनों के वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में भी पीएम मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. बता दें कि 2015 में पीएम मोदी के यूएई दौरे के बाद से ही भारत के साथ उसके आर्थिक और रक्षा संबंधों में तेजी आई है. गौरतलब है कि 2017 में रिपब्लिक डे परेड में भी अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान चीफ गेस्ट भी थे।
मजे की बात यह है कि आज हिन्दू मुग़ल आतताइयों द्वारा मस्जिद और दरगाहों में परिवर्तित मंदिरों को वापस लेने के लिए तुष्टिकरण के कारण संघर्ष कर रहे हैं, और युएई में मन्दिर बन भी गया। यह हम भारतवासियों के लिए बहुत ही शर्म की बात नहीं, बल्कि डूब मरने वाली बात है।
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