यह तस्वीर दैनिक जागरण अखबार में छपी है। |
एक तरफ उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ घटना की गम्भीरता को देखते हुए आरोपियों को दण्डित करने पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्ही की पार्टी के नेता इस घटना पर मालपुए खाने को तत्पर हैं। लगता है ये नेता लाशों पर मालपुए खाने वालों में से है, जो दैनिक जागरण में प्रकाशित उनकी फोटो प्रमाणित कर रही है। देखिए ऊपर चित्र में इन बेशर्मों को, किस तरह मुस्करा रहे हैं? दिख रहा है कोई शोक? क्या यही हैं इन बेशर्म नेताओं के संस्कार? ये वो बेशर्म भाजपा नेता है, जो अपने ही प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के मार्ग में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं। लगता है इन बेशर्म नेताओं को मोदी और योगी के आचरण का पता नहीं? ऐसे ही नेताओं के आचरण के कारण भाजपा प्रदेश में बार-बार पराजित होती रही है। क्या जरुरत थी, ये सब नाटक करने की, क्या लाशों पर 56 भोग बनाने गए थे? लानत है ऐसी राजनीति पर।
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी को हुई हिंसा में मारे गये युवक चंदन को श्रद्धांजलि देने के लिए मेरठ में बीजेपी नेताओं ने रविवार (28 जनवरी) को श्रद्धांजलि सभा आयोजित की थी। इस मौके पर छीपी टैंक पर दीप प्रजवल्लन का कार्यक्रम हुआ और मौन रखकर चंदन को श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम की एक तस्वीर काफी हैरान कर देने वाली है। कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता दीप जलाते हुए हंसते दिख रहे हैं। श्रद्धांजलि सभा में कैंट विधायक सत्यप्रकाश, संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता और बिजेंद्र अग्रवाल, अरुण वशिष्ठ, नीरज त्यागी समेत कई बीजेपी स्थानीय नेता शामिल हुए। बीजेपी नेताओं ने मृतक चंदन के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कासगंज-एटा क्षेत्र के सांसद राजवीर सिंह ने चंदन गुप्ता को अपना आदमी बताया था। राजवीर सिंह ने चंदन की मौत पर कहा था, ‘यह घटना योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई थी चंदन गुप्ता हमारा आदमी था।’
अवलोकन करिए:--
मृतक चंदन गुप्ता के परिवार वालों ने बाद में कहा था कि चंदन किसी दल या संगठन से नहीं जुड़ा हुआ था। वह सिर्फ तिंरगा यात्रा में शिरकत करने गया था। बता दें कि गणतंत्र दिवस पर विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा कासगंज के बड्डूनगर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी तथा एक अन्य जख्मी हो गया था।इस बीच, कासगंज शहर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हालांकि अधिकतर बाजार सोमवार (29 जनवरी) को भी बंद हैं, लेकिन सड़कों पर लोगों का आवागमन शुरू हो चुका है। बहरहाल, जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को एहतियातन आज रात 10 बजे तक बंद रखा है। पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ियां शहर में लगातार गश्त कर रही हैं। शहर की सीमाएं अब भी सील हैं।
जिलाधिकारी आर.पी. सिंह ने बताया कि कासगंज में पिछले 36 घंटे के दौरान शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। मामले के आरोपियों की धरपकड़ जारी है।
वंदे मातरम के विरोधियों से खाली कराओ बस्ती, भेजो पाकिस्तान--साध्वी प्राची
और एक तरफ साध्वी प्राची हैं, जो दंगे को कितनी गम्भीरता से लेकर, दंगाइयों के विरुद्ध बोल रही हैं, वहीँ उपरोक्त बेशर्म नेता पता नहीं कौन-सी गिरी सोंच और मानसिकता का परिचय दे रहे हैं।उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा के बाद जायजा लेने जा रहीं साध्वी प्राची को पुलिस ने हाथरस के कस्बा सिकंदराराऊ में रोक दिया। कासगंज जाने में सफल नहीं हुईं तो साध्वी अलीगढ़ पहुंचीं और यहां उन्होंने प्रशासन पर जमकर भड़ास निकाली । साध्वी ने कहा कि हिंदुस्तान में रहना है तो वंदेमातरम कहना है, जो ऐसा नहीं करेगा उसे पाकिस्तान जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, हमने अब कासगंज में चंदन को खो दिया, यह घटना पुलिस अफसरों की लापरवाही है। यूपी में 15 साल तक सपा-बसपा की सरकार रही, अफसरों की मानसिकता अब तक नहीं बदल सकी है। साध्वी ने कहा कि कासगंज के अफसरों की इस लापरवाही की शिकायत और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगी। उन्होंने यूपी सरकार को 24 घंटे के भीतर चंदन के हत्यारों को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया है।
एटा सांसद राजवीर सिंह के घर पर पत्रकारों से रूबरू साध्वी प्राची ने कहा कि मुजफ्फरनगर में सचिन ओर गौरव को हमने खोया, दादरी कांड के बाद जेलर ने राहुल को पीट-पीटकर मार डाला और अब गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत माता के जयकारे लगाने पर समुदाय विशेष के हमले में चंदन की मौत हो गई। साध्वी ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष बाहुल्य इलाकों में हिंदुओं का रहना सुरक्षित नहीं है। साध्वी ने कहा कि जो लोग वंदेमातरम का विरोध कर रहे हैं, वे कान खोलकर सुन लें-हिंदुस्तान में रहना है तो वंदेमातरम कहना होगा, नहीं तो उन्हें पाकिस्तान जाना होगा।
इससे पूर्व जब हाथरस में पुलिस ने साध्वी प्राची को कासगंज जाने से रोका तो वह सिकंदराराऊ के पंत चौराहा पर धरने पर बैट गईं। इस दौरान उनकी सिकंदराराऊ कोतवाल से नोंकझोंक हुई। पुलिस ने गाड़ी की चाबी निकाल ली तो आक्रोशित हुए समर्थकों ने अलीगढ़-एटा और मथुरा-बरेली रोड पर जाम लगा दिया। कई थानों की पुलिस फोर्स साध्वी समर्थकों को काबू में करने में जुटी रही। साध्वी कासगंज की तरफ कूच न कर पाएं इसके लिए सीमा भी सील कर दी गई थी।
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