आंध्र प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। राजमुंदरी के एक मस्जिद के अंदर खून से लथपथ शव बरामद किया गया है। हत्याकांड को बीभत्स तरीके से अंजाम दिया गया है। हत्यारों ने कुरान को भी जलाया था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस घटना के बाद आसपास के लोग सकते में हैं। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है। अधिकारी इस मामले में फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, हत्या की घटना को शुक्रवार को अंजाम दिया गया था, लेकिन शनिवार को इसका पता चला। मृतक की पहचान बिहार निवासी मोहम्मद फारूक (61) के तौर पर की गई है। वह लालचेरुवु इलाके में स्थित नूरानी मस्जिद में अजान पढ़ते थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह शहर में नए-नए आए थे। शुक्रवार को अजान की आवाज नहीं सुनाई दी तो पड़ोसी ने मस्जिद में जाकर जांच पड़ताल की जहां उनका खून में लथपथ शव पाया गया था। आनन-फानन में इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी. राजकुमारी ने इस मामले में किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हत्या के कारणों के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामले की जांच चल रही है।’ एसपी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन बिहार के अधिकारियों के संपर्क में है, ताकि मृतक परिजनों को हर संभव मदद पहुंचाई जा सके। शव को बिहार भेज दिय गया है।
पांच हजार रुपये पर कर रहे थे काम: मुस्लिम अधिकारों के लिए काम करने वाले मोहम्मद इब्राहिम खान ने बताया कि फारूक बेहद गरीब थे। वह यहां महज पांच हजार रुपये मासिक पर काम कर रहे थे। इब्राहिम ने कहा, ‘इस वक्त वह इस हत्याकांड में संलिप्तता को लेकर किसी का नाम नहीं ले सकते हैं। लेकिन, कुरान को जलाना और सिगरेट का टुकड़ा पाया जाना डराने वाला है। ऐसा लगता है जैसे इस हत्याकांड को आपसी टकराव और ध्रुवीकरण के इरादे से अंजाम दिया गया था।’ घटना की जानकारी मिलते ही शहर में विरोध प्रदर्शन होने लगे। लोग सड़क पर बैठकर इबादत करने लगे।( इनपुट समाचार एजेंसियों )
जानकारी के मुताबिक, हत्या की घटना को शुक्रवार को अंजाम दिया गया था, लेकिन शनिवार को इसका पता चला। मृतक की पहचान बिहार निवासी मोहम्मद फारूक (61) के तौर पर की गई है। वह लालचेरुवु इलाके में स्थित नूरानी मस्जिद में अजान पढ़ते थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह शहर में नए-नए आए थे। शुक्रवार को अजान की आवाज नहीं सुनाई दी तो पड़ोसी ने मस्जिद में जाकर जांच पड़ताल की जहां उनका खून में लथपथ शव पाया गया था। आनन-फानन में इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी. राजकुमारी ने इस मामले में किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हत्या के कारणों के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामले की जांच चल रही है।’ एसपी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन बिहार के अधिकारियों के संपर्क में है, ताकि मृतक परिजनों को हर संभव मदद पहुंचाई जा सके। शव को बिहार भेज दिय गया है।
पांच हजार रुपये पर कर रहे थे काम: मुस्लिम अधिकारों के लिए काम करने वाले मोहम्मद इब्राहिम खान ने बताया कि फारूक बेहद गरीब थे। वह यहां महज पांच हजार रुपये मासिक पर काम कर रहे थे। इब्राहिम ने कहा, ‘इस वक्त वह इस हत्याकांड में संलिप्तता को लेकर किसी का नाम नहीं ले सकते हैं। लेकिन, कुरान को जलाना और सिगरेट का टुकड़ा पाया जाना डराने वाला है। ऐसा लगता है जैसे इस हत्याकांड को आपसी टकराव और ध्रुवीकरण के इरादे से अंजाम दिया गया था।’ घटना की जानकारी मिलते ही शहर में विरोध प्रदर्शन होने लगे। लोग सड़क पर बैठकर इबादत करने लगे।( इनपुट समाचार एजेंसियों )
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