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कसम राम की खाते हैं, कोर्ट को धोखा देने वालों को सजा नहीं दिलवाएंगे

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रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य द्धार को ध्यान से देखिए,
निर्णय लीजिए क्या यह मस्जिद हो सकती है?
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में हुई खुदाई में मिले समस्त सबूत पेश किए जाएँ, और उन लोगों के विरुद्ध कोर्ट को धोखा देने के आरोप में दण्डित किया जाए। अयोध्या खुदाई में मन्दिर के इतने अधिक प्रमाण मिले थे, अगर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता, दुनियाँ की कोई अदालत अयोध्या में मस्जिद बनने की इजाजत नहीं देती। लेकिन मस्जिद मुद्दे पर मालपुए खाने वालों ने कोर्ट में केवल एक खम्बा बता कर, केवल कोर्ट ही नहीं समस्त देश को धोखा दिया है। बुद्धिजीवी मुसलमान अच्छी तरह से जानता है कि कुर्सी के भूखे नेताओं ने इस मुद्दे को उलझा रखा है। मुस्लिम पक्ष हर तरह से निराधार है, हिन्दू जयचन्दों की तरह ये लोग भी अपनी जेबें भर रहे हैं। 
एक बात और, जब तत्कालीन प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर ने वास्तविकता को स्वीकार कर और बातचीत स्तर से बाबरी पक्षकारों का भागना, प्रमाणित तथ्यों को अध्ययन कर जज को घर बुलाकर "इस मुद्दे पर तारीख नहीं फैसला चाहिए",  इतना निर्भीक निर्णय लेना वास्तव में बहुत साहस का काम था। हिन्दू वोट कांग्रेस से जाते देख, भूतपूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने सूचना मिलते ही, बिना कोई देरी किए, चंद्रशेखर सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर सरकार गिरवा दी।
Related imageवी.पी.सिंह ने प्रधानमंत्री पद का दुरूपयोग करते, जज के.एम.पांडेय, जिन्हे रामजन्मभूमि के ताले खोलने के आदेश दिए थे, की फाइल ही गन्दी कर दी। लेकिन सिंह के जीवनकाल में ही अल्प समय विधि मंत्री रहे डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने उसी जज पाण्डेय जी को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया, तब भी मंदिर विरोधियों ने संकेत नहीं समझे। अब इसे जन-विरोधी साम्प्रदायिक मानसिकता न कहा जाए तो क्या नाम दिया जाए? ये है कांग्रेस की मानसिकता, जो देश का सौहार्द को तार-तार कर साम्प्रदायिक दंगे करवा राज करती रही। अब अँधेरा छांटना शुरू हो चूका है।  
कहते हैं, जब एक शरीफ आदमी अपनी अपनी शराफत छोड़ देता है, अच्छे-अच्छों को दिन में तारे दिखने लगते हैं।
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6 दिसम्बर को जो घटित हुआ उसका व्यक्तिगत रूप से दुःख है, क्योकि जो ढाँचा था, वही अपने आपमें मन्दिर था। क्या किसी मस्जिद के खम्बों पर घड़ियाल बने देखे हैं, किसी मस्जिद के द्धार पर चक्र और मोर बने देखे हैं, चलिए अब इसमें भी एक बहुत बड़ी सच्चाई सामने आई, लेकिन ज्यादा दुःख उस समय हुआ, जब वहाँ हुई खुदाई में निकले मन्दिरों का मालवा, खण्डित मूर्तियों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। जिन्हे दिल्ली से प्रकाशित आर्गेनाइजर, पाञ्चजन्य साप्ताहिकों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के हिन्दू समर्पित समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। किसी भी मीडिया ने तत्कालीन सरकारों के प्रभाव में उन अवशेषों को जगजाहिर नहीं किया। जब उन्हें राम-विरोधियों ने कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया और राममन्दिर के पक्षधरों ने कोर्ट से लेकर सड़क और सड़क से लेकर संसद तक कोर्ट को गुमराह करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की माँग क्यों नहीं की?
Image result for ayodhya movementयदि कोर्ट को गुमराह करवाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही माँग को जनमानस के सहयोग से उठाई होती, जनमानस को सच्चाई का ज्ञान होता और मन्दिर के समस्त विरोधियों--चाहे वह किसी भी धर्म, अथवा जाति से क्यों न हो-- को जनमानस पानी पी-पीकर कलंकित करता। क्योकि आज भी जनमानस वास्तविकता से अज्ञान है। उसका मुख्य कारण है, अपनी कुर्सी बचाने, रोजी-रोटी की खातिर तुष्टिकरण अपनाकर देश को भ्रमित इतिहास का पढ़ाया जाना। अपने चाटुकार इतिहासकारों की सहायता से हिन्दू सम्राटों को नज़रअंदाज़ कर मुगलों को महान, दयालु, और धार्मिक बताकर महिमामंडन किया गया।
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उस दौरान तोड़े गए मन्दिरों और
हिन्दुओं की
जान लेने वालों पर कार्यवाही पर
क्यों चुप्पी साधे हो?
आज जिस तरह से उस विवादित ढांचे को गिराने वालों को दण्डित करने की माँग होती रहती है, अब उस दौरान तोड़े गए मंदिरों और हिन्दुओं को मारा गया, की सूची बनाकर गृह मंत्रालय को देकर उन अत्याचारियों को दण्डित करवाने की योजना पर कार्य हो रहा है। मुलायम सिंह पर भी आपराधिक केस करने की योजना है, जब उन्होंने अपने कार्यकाल में गोली चलवाकर रामभक्तों को मौत के घाट उतारा था। इस सन्दर्भ में रामायण चरितार्थ होती दिख रही है, कि धरती पर राक्षसों को समाप्त कर अयोध्या वापस आए थे, लगता है वर्तमान राक्षसों के अंत होने उपरान्त ही भव्य राम मन्दिर का जीर्णोद्धार होगा।
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 a report that supports the existence of a
 temple structure at the
 Shri Rama Janmabhoomi site that was razed down to build Babari structure
इस बात का रहस्योघाटन पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक डॉ  के.के. मोहम्मद ने तमिल भाषा में लिखित अपनी पुस्तक में किया है। लेकिन भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद् और मन्दिर के किसी भी पक्षधर ने सार्वजानिक नहीं की। क्यों? फिर जब कोर्ट ने शिलान्यास का आदेश दे दिया, यानि कोर्ट ने मन्दिर की वास्तविकता को स्वीकार किया था, फिर किस आधार पर मामले को लम्बित रखा जा रहा है? कौन है इसके ज़िम्मेदार, कोर्ट, सरकार, या कोर्ट को धोखा देने वाले?
एक नहीं 14 स्तंभ मिले
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पुस्तक के एक अध्याय में डॉ. मुहम्मद ने लिखा है, ‘जो कुछ भी मैंने जाना और कहा है, वह और कुछ नहीं बल्कि ऐतिहासिक सच है।’ उनके अनुसार, ‘हमे विवादित स्थल पर एक नहीं, बल्कि 14 स्तंभ मिले थे। सभी स्तंभों पर गुंबद खुदे थे।
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खुदाई में मिले अवशेष
Related imageये 11वीं व 12वीं शताब्दी के मंदिरों में पाए जाने वाले गुंबदों के समान थे। गुंबद ऐसे नौ प्रतीकों में एक हैं, जो मंदिर में होते हैं। यह भी काफी हदतक स्पष्ट हो गया था कि मस्जिद एक मंदिर के मलबे पर खड़ी है। उन दिनों मैंने इस बारे में अंग्रेजी के कई समाचार पत्रों को लिखा था।
Related imageImage result for excavation at ram mandirमेरे विचार को केवल एक समाचार पत्र ने प्रकाशित किया और वह भी ‘लेटर टू एडिटर कॉलम’ में।’ डॉ. मुहम्मद के अनुसार, वामपंथी इतिहासकारों ने इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की। अदालत द्वारा निर्णय दिए जाने के बाद भी इरफान और उनकी टीम सच मानने को तैयार नहीं है।
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Kushana period artifacts
from the 'mosque' site
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अपनी आत्मकथा में डॉ.के.के. मोहम्मद ने बताया है कि, 1976-77 के कालावधि में एएसआइ के तत्कालीन महानिदेशक प्रो. बीबी लाल के नेतृत्व में पुरातत्ववेत्ताओं के दल द्वारा अयोध्या में किए गए उत्खनन के कालावधि में मंदिरों के ऊपर बने कलश के नीचे लगाया जाने वाला गोल पत्थर मिला ।

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Today, in chapter five of the WSJ's six-part
investigative series, the litigants have their day
 in court and the site of the Babri Masjid is excavated.
यह पत्थर केवल मंदिर में ही लगाया जाता है । इसी प्रकार जलाभिषेक के पश्‍चात, मगरमच्छ के आकार की जल प्रवाहित करनेवाली प्रणाली भी मिली है ।
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The inscription confirms what
 archaeologists Lal and Gupta
 had earlier found about
 the existence of a temple complex.
Former Regional Director (North) of Archaeological Survey of India, Dr K K Muhammed, in his autobiography has alleged that Left Historians like Romia Thapar & Irfan Habib had thwarted an amicable settlement to the Babri Masjid issue.
Related imageMuhammad in his book claimed that a Hindu temple existed at the site of the Babri Masjid and that they unearthed remains of the temple’s pillars. He clearly Mentioned
“WE FOUND NOT ONE BUT 14 PILLARS OF A TEMPLE AT THE BABRI MASJID SITE. ALL THESE PILLARS HAD DOMES CARVED ON THEM. THE DOMES RESEMBLED THOSE FOUND IN TEMPLES BELONGING TO 11TH AND 12TH CENTURY. IN THE TEMPLE ARCHITECTURE DOMES ARE ONE OF THE NINE SYMBOLS OF PROSPERITY. IT WAS QUITE EVIDENT THAT THE MASJID WAS ERECTED ON THE DEBRIS OF A TEMPLE

दिसम्बर 5  को सुप्रीम कोर्ट में करीब 164 साल पुराने अयोध्या मामले की आखिरी सुनवाई शुरू हुई. चीफ जस्टिस की अगुआई में दो मजहबों के तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. ये जज हैं- चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अब्दुल नाजिर और जस्टिस अशोक भूषण. दोपहर 2 बजे कोर्ट नं. 1 में सुनवाई शुरू हुई. इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल और राजीव धवन हैं, वहीं रामलला का पक्ष हरीश साल्वे रख रहे हैं.
गौरतलब है कि 7 साल पहले इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला सुना चुका है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन को 3 बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था. अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को, सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया था.
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इसी शाहबानो प्रकरण से हिन्दू वोट घिसकते देख,
 राजीव ने राममन्दिर, अयोध्या के बंद
तालों को खोलने के लिए कोर्ट से आदेश दिलवाया था  
इस फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. उसके बाद इससे जुड़े 20 पिटीशन्स दाखिल हुए. 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया, लेकिन सुनवाई शुरू नहीं हो सकी. तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इस साल 11 अगस्त को पहली बार पिटीशन्स लिस्ट की. लेकिन पहले ही दिन डॉक्युमेंट्स के ट्रांसलेशन को लेकर मामला फंस गया. कोर्ट ने 12 हफ्ते का वक्त दिया, ताकि संस्कृत, पाली, फारसी, उर्दू और अरबी समेत 7 भाषाओं में 9 हजार पन्नों का अंग्रेजी में ट्रांसलेशन किया जा सके. अब शुरू हो चुकी सुनवाई टलेगी नहीं, इस मामले में पहले ऑरिजनल टाइटल सूट दाखिल करने वाले अपनी दलीलें रखेंगे, फिर बाकी अर्जियों पर बात होगी.

अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण जल्‍द, अगली दीवाली वहीं मनाएंगे: सुब्रमण्यम स्वामी

अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण जल्‍द, अगली दीवाली वहीं मनाएंगे: सुब्रमण्यम स्वामीबीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा और अगली दिवाली तक श्रद्धालु उसमें जा सकते हैं.स्वामी ने शनिवार रात 'रामराज्य' विषय पर यहां एक व्याख्यान में कहा, ''हम अगली दिवाली राम मंदिर में मनाएंगे.'' उन्होंने कहा, ''यह संभव है कि अयोध्या में राम मंदिर अगले वर्ष अक्‍टूबर तक लगभग तैयार हो जाए क्योंकि सब कुछ तैयार है तथा निर्माण के लिए सभी सामग्री पहले से निर्मित है. उसे केवल जोड़ना है, जैसा स्वामी नारायण मंदिर के मामले में हुआ था.'' 
अवलोकन करिए :--


आर.बी.एल.निगम श्री श्री रविशंकर ने अयोध्‍या विवाद के समाधान की पेशकश के साथ नवम्बर 16 को अयोध्‍या में सभी पक्षकारों से मुलाकात की. श्र...
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पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने अयोध्या के रामजन्मूभि पर राम मंदिर बनाने का निर्णय ले लिया था। राजीव गांधी को ?...
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स्वामी ने रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले की पांच दिसंबर को होने वाली सुनवाई से पहले कहा, ''इलाहाबाद हाई कोर्ट पहले ही मामले में काफी गहराई तक गौर कर चुका है और सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए इसके खिलाफ दलील देने को कुछ भी बचा नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''मैंने एक अतिरिक्त दलील दी है कि उस स्थान पर प्रार्थना करना मेरा और हिंदू समुदाय का मूलभूत अधिकार है। मुस्लिमों को वह अधिकार नहीं है, उनकी रूचि केवल सम्पत्ति में है, वह एक सामान्य बात है.'' भाजपा नेता ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए एक नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा था कि यदि यह स्थापित हो जाता है कि स्थान पर एक मंदिर था तो जमीन मंदिर के निर्माण के लिए दे दी जाएगी. वह अब साबित हो गया है.''
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सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि "हम रामजन्मभूमि मामले के जल्द सुनवाई के पक्षधर हैं और कपिल सिब्बल ने हमारा वकील होते हुए भी कांग्रेस पार्टी के नेता की हैसियत से मामले को जुलाई 2019 तक टालने की अर्जी दी थी"। यानि एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि मंदिर निर्माण के पक्ष में ही निर्णय होने वाला है इसीलिए कपिल सिब्बल बिलबिला रहे हैं, दूसरी बात ये कि अब जब तक कांग्रेस कपिल सिब्बल पर कोई कार्यवाई नहीं करती तब तक कपिल सिब्बल की इस अर्जी को कांग्रेस का ही स्टैंड माना जाएगा। ए के एंटनी की रिपोर्ट के बाद अचानक से जनेऊ पहन लेने से कोई हिंदू नहीं हो जाता, राहुल गांधीजी,कसाब भी कलावा पहनकर आया था। अतः आप यदि सच्चे हिंदू हैं तो कपिल सिब्बल पर तुरंत एक्शन लें अन्यथा आप जैसे हिंदू तो कसाब से भी ज्यादा बड़े अपराधी माने जाएंगे, क्योंकि वो तो दूसरे धर्म का ही था लेकिन आप तो हिंदू होकर भी मंदिर निर्माण में देर पर देर करवाकर करोड़ों हिंदुओं की भावनाएँ आहत कर रहे हैं। एक और बात अब स्पष्ट हो गयी कि इस मुद्दे का राजनीति करण करने वाले कांग्रेस व अन्य छुटभैये विपक्षी दल ही हैं न कि भाजपा।
शिया वक्‍फ बोर्ड
राम मंदिर पर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने पिछले दिनों बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, विभिन्न पार्टियों के साथ चर्चा के बाद हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और मस्जिद का निर्माण लखनऊ में करवाया जा सकने की बात कही गई है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा समाधान है जो देश में शांति और भाईचारे को सुनिश्चित करेगा. उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ के हुसैनाबाद में मस्जिद का निर्माण करवाने का प्रस्ताव है. मस्जिद को बाबार और मीर बाकी के नाम पर नहीं बनाया जाएगा. मस्जिद का नाम मस्जिदे अमन रखा जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अखिल भारतीय अखाड़ा की ओर से शिया वक्फ बोर्ड के साथ राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुलह हो जाने का दावा किया गया था. इसी बैठक के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ये बयान दिया था कि अयोध्या या फैजाबाद में किसी नई मस्जिद का निर्माण नहीं होगा. किसी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में मस्जिद के लिए जगह चिह्नित कर शिया वक्फ बोर्ड सरकार को अवगत कराएगा.
उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की आपत्ति पर भी बयान दिया था. रिजवी ने कहा था कि चूंकि सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने पंजीकरण का दावा कई जगह से हार चुका है, यह शिया वक्फ की मस्जिद थी, लिहाजा इसमें सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड का हक है. यह मंदिर-मस्जिद निर्माण को लेकर आपसी समझौते का मामला है, इसलिए इसमें कोई भी समाज, सुन्नी समाज के लोग, सुन्नी संगठन के लोग सुलह के लिए हमारी शर्तों पर बैठ जरूर सकते हैं, लेकिन अगर कोई नकारात्मक सोच के साथ बैठता है, तो उसे आने नहीं दिया जाएगा. हम इस मसले को और उलझाना नहीं चाहते.
शिवपाल सिंह यादव भी राममन्दिर के पक्षधर 
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तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायमसिंह द्वारा किए रामभक्तों का नरसंहार, क्यों नहीं मुलायम सिंह को
दण्डित करने की माँग होती?
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर जहां अयोध्या में विवादित स्थल को नुकसान पहुंचाने गए कार सेवकों पर गोलियां चलवाने के आरोप हैं, वहीं अब उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने उसी विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने की बात कही है. सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना ही चाहिए. हालांकि उन्होंने अपने बयान में यह भी जोड़ा की राम मंदिर का निर्माण आपसी सहमति और बातचीत से हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप कदम उठाए जाने चाहिए.
इसी दौरान शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को चुनावों के दौरान अयोध्या का राम मंदिर याद आता है. बीजेपी वाले सिर्फ वोट के लिए राम मंदिर की बात करते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर जल्द ही बनेगा.
20 नवंबर को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने राम-कृष्‍ण मुद्दा छेड़ते हुए कहा था कि भारत में भले ही भगवान श्रीराम के अनुयायी बहुत हैं, लेकिन श्रीकृष्ण के अनुयायी भी उनसे कम नहीं हैं. राम सिर्फ उत्तर भारत में ही पूजे जाते हैं, जबकि भगवान श्री कृष्ण को उत्तर से दक्षिण भारत तक पूजा जाता है. 
मुलायम सिंह ने कहा, ''आप दक्षिण भारत में जाइए. जितना सम्‍मान कृष्‍ण का वहां है, उतना कहीं नहीं. ठीक है हमारे आदर्श हैं राम जी, लेकिन स्‍वीकार करना पड़ेगा कि हिंदुस्‍तान के बाहर कृष्‍ण का नाम है और हिंदुस्‍तान में उत्‍तर भारत में राम को बहुत आदर्श माना जाता है.''
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने दिसम्बर 3 को इंदिरापुरम के वैशाली क्षेत्र में एक कार्यक्रम में यह बात कही. यादव युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे मुलायम ने कहा कि वह इटावा के सैफई में श्रीकृष्ण की 50 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होने जा रही है. मूर्ति के लिए सैफई महोत्सव समिति ने पैसा जुटाया है. इसी सिलसिले में उन्होंने भगवान राम और कृष्ण की चर्चा की.
मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव के परिवार में राजनीतिक झगड़ा होने के बाद से शिवपाल सिंह यादव अलग-थलग पड़ गए हैं. वहीं पूरी पार्टी पर अखिलेश यादव का वर्चस्व हो गया है.
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Source google 
 अयोध्या में बाबरी मस्जिद या राम मंदिर की कानूनी लड़ाई 25 साल से न्यायालय में है. साल 1992 में बाबरी में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद से यह लड़ाई जारी है. आज (5 दिसंबर) विवादित ढांचे के गिराए जाने की 25वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अंतिम सुनवाई चल रही है. हम आपको बताते हैं कि पिछले 25 साल में इस मामले में कितने मोड़ आए और क्या-क्या हुआ? 
अक्टूबर 1993 में विवादित ढांचा गिराए जाने के ठीक एक साल बाद सरकार ने इस विवादित स्थल को अपने कब्जे में ले लिया था. इस दौरान मंदिर तोड़कर उसपर मस्जिद बनाए जाने के दावे पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी गई. सीबीआई ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया. मार्च 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से यह पता लगाने के लिए कहा कि जहां पर मस्जिद है क्या वहां पर पहले मंदिर था? इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) अगस्त 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी गई अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि विवादित स्थल पर दसवीं शताब्दी में मंदिर था. 
Related imageमुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को चुनौती देने का फैसला किया. मई 2010 में आए एक फैसले में कोर्ट ने आडवाणी सहित कई अन्य नेताओं को आपराधिक साजिश रचने के आरोप से मुक्त कर दिया गया. जुलाई 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया कि दोनों पक्ष आपसी बातचीत से इस मामले में किसी हल तक पहुंचे.  सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने की तारीख तय कर दी. इसके साथ ही कुछ लोग इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी.  
30 सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और भगवान राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था. मई 2011 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और तीन पक्षों से यथास्थिति बरकरार रखने को कहा. फरवरी 2016 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की अनुमति मांगी. 
Related imageमार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलाने का आदेश दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद से जुड़े दो अलग-अलग मामलों को मर्ज कर दिया. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आखिरी सुनवाई करने के लिए 5 दिंसबर की तारीख तय की।
पता नहीं, कपिल सिब्बल,कांग्रेस या इसके पिछलग्गू पार्टियाँ किस भ्रम में है कि 2019 में मोदी सरकार को गिरा देंगे। राहुल और प्रियंका को प्रधानमन्त्री बनाने जैसे मुंगेरी लाल के सपने देखने से कोई रोक भी नहीं सकता। यदि प्रधानमंत्री बनना होता, 2004 में सोनिया गाँधी प्रंधानमंत्री बन गयी होती, डॉ मनमोहन सिंह नहीं। यहाँ नॉस्त्रेदमस की 1555 में की गयीं भविष्यवाणियाँ शत-प्रतिशत सत्यापित हो रही हैं। नॉस्त्रेदमस ने गाँधी परिवार के राजीव गाँधी को अन्तिम शासक बताया था। इंदिरा गाँधी के लिए लिखा, उसकी सुरक्षा उसको घर में ही गोली से मारेगी और राजीव गाँधी के लिखा है "मानव बम से होगी हत्या", प्रमाण सब के सामने है।
और भी अन्य भविष्यवाणियां सत्य होती दिख रहीं हैं..
1. एक दिन आएगा जब वोट के लिए कांग्रेसी नेता कोट पर जनेऊ पहनेंगे ~ सावरकर जी 1959 
2. एक दिन पूरे देश पर भाजपा का राज होगा 
~ अटल जी 1999 संसद में 
3. मैं कांग्रेस मुक्त भारत करके रहूंगा ~ मोदी जी 2010 
4. मै आज कांग्रेस छोड रहा हूं , पर मै शपथ लेता हूं कि मै इसी कांग्रेसी विचारधारा के विरुद्ध ऐसा संगठन खडा करूंगा जो इसका नामोनिशान मिटाकर रख देगा , चाहे इसके लिये 100 साल क्यों न लगे , 800 साल की गुलामी मे 100 साल और सही पर यही संगठन भारत को फिर अखंड भारत बनाकर रहेगा ...
-- प. पू. केशव बलिराम हेडगेवार , संस्थापक एवं प्रथम सरसंघचालक,1922, नागपुर
5. अगर मैं प्रधानमंत्री बना तो सबसे पहले   काले धन और आतंकवाद को समाप्त करने के लिये 500 और 1000 के नोट अचानक बंद कर दूंगा 
-- नरेंद्र मोदी , 2007, गुजरात में
6. भारत सरकार 500 और 1000 के नोट अचानक बंद करें , देश की आधी समस्या कुछ ही साल मे खत्म हो जायेंगी -- बाबा रामदेव 2006  से 2013 तक कई बार कहा
7. जिस दिन मरा हुवा हिंदुत्व गर्व से कहेगा मैं हिंदु हूं उस दिन अमेरिका भी भारत की परंपराओं के सामने नतमस्तक होगा और कहेगा कि फलां देश को समझाओ
-- स्वामी विवेकानन्द, 1893 , शिकागो, अमेरिका में
( सनद रहे दो दिन पहले UN ने भारत से कहा है कि उत्तर कोरिया का इलाज सिर्फ भारत कर सकता है , अमेरिका नहीं)
8. आज गौहत्याबंदी आंदोलन मे संसद के सामने इंदिरा गांधी ने एक घंटे में 400 साधुओं को गोली चलवा कर मार डाला 
मैं कांग्रेस पार्टी को श्राप देता हूं कि एक दिन हिमालय मे तपश्चर्या कर रहा एक साधू आधुनिक वेशभूषा मे इसी संसद को कब्जा करेगा और कांग्रेसी विचारधारा को नष्ट कर देगा ...यह एक ब्राह्मण का श्राप है और ब्राह्मण का श्राप कभी खाली नहीं जाता ..
--- करपात्री महाराज , संसद के सामने रोते और साधुवों की लाशें उठाते हुए, 1966 (7 नवम्बर 1966 को गोपाष्टमी थी और 31 अक्टूबर 1984 को भी गोपाष्टमी थी)
9. कांग्रेस पार्टी वोटबैंक के लिये इतनी नीचे गिर जायेगी कि वो JNU जैसे नेहरू के वामपंथी सेक्स केंद्र के नारों का समर्थन करेगी और गौहत्या का समर्थन खुलेआम करेगी, स्वयं को नक्सली साबित करेगी
-- डॉ सुब्रमण्यम स्वामी , आप की अदालत में ,2009 
10. कांग्रेस को मै खत्म करूंगा , एक ऐसा आदमी (मोदी) संघ से निकालूंगा जो कांग्रेस का अंतिम संस्कार करेगा 
- डॉ सुब्रमण्यम स्वामी , 1984  , संसद में जब उनका Citizen Charted प्रस्ताव नकारा गया 
11. नरेंद्र मोदी ही भारत का भविष्य है , 2002, गुजरात दंगों का दोष उस पर मत दो, वो निष्पाप है, अटलजी और RSS को कहता हूं वे उन्हें continue करें वरना भारत से हिंदुत्व खत्म हो जायेगा 
-- बालासाहब ठाकरे , 6 जून 2002 , उसके बाद 9 जून को अटलजी ने गोवा में नरेंद्र मोदी जी को continue किया , वरना आज हमें ऐसा PM नहीं मिलता।













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सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा

रानी चटर्जी की बोल्ड तस्वीरों ने हिलाया इंटरनेट

भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने अलग अदांज से धाक जमाने वाली रानी चटर्जी अब तक 300 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. एक्ट्रेस की गिनती इंडस्ट्री की नामी एक्ट्रेस में होती है. उनकी हर अदा पर फैंस की नजर बनी रहती हैं. इस बीच वो अपनी लेटेस्ट फोटो के चलते चर्चा का विषय बन गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उनकी किसी हॉट फोटो ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई हो. बल्कि ऐसा हर बार देखने को मिलता है. वहीं इस बार भी एक्ट्रेस की नई तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है. साथ वो इस नई तस्वीर में बेहद हॉट और बोल्ड नजर आ रही हैं. फोटो में रानी काफी प्यारी दिख रही है. तस्वीरों में रानी का स्टाइलिश अंदाज भी उनके फॉलोअर्स का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रानी चटर्जी सोशल मी़डिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी हॉट सेक्सी फोटो वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी नई अपडेट पर नजर बनाए बैठे रहते हैं. अक्सर रानी के बोल्ड फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते नजर आते हैं. हाल ही में रानी के नए लुक ने इंटरनेट को हिला दिया है. इस फोटो में रानी लाल रंग की ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस ड्रेस में रानी अपने सेक्सी