गुजरात कैबिनेट में कद के हिसाब मंत्रालय नहीं मिलने से डिप्टी सीएम नितिन पटेल खफा हैं। उन्होंने बीजेपी हाईकमान को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है। पटेल ने कैबिनेट से इस्तीफे की बात भी कही है। इस बीच, पास नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को डिप्टी सीएम समेत 10 बीजेपी विधायकों के पार्टी छोड़ने पर उन्हें कांग्रेस में अच्छा पद दिलाने का ऑफर दिया। वहीं, बीजेपी सूत्रों की मानें तो अभी 2-3 दिनों तक नितिन पटेल पार्टी हाईकमान के फैसले का इंतजार करेंगे। पार्टी भी ऐसे ऑप्शन पर विचार कर रही है, ताकि पटेल का सम्मान भी बना रहे और सीएम विजय रूपाणी की जिद को भी ठेस न पहुंचे।
नितिन पटेल की नाराजगी पर क्या बोले हार्दिक
- शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सारंगपुर में कहा, ''अगर डिप्टी सीएम नितिन पटेल 10 विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ने को तैयार हैं तो कांग्रेस में उन्हें अच्छा पद देने के लिए बात करेंगे। बीजेपी उनका सम्मान नहीं कर रही है तो पार्टी छोड़ देनी चाहिए।''
पटेल ने नहीं लिया चार्ज
- उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ पाटीदार नेता नितिन पटेल ने कथित तौर पर विभागों के बंटवारे को लेकर नाराजगी के चलते शुक्रवार को चार्ज नहीं लिया। वे स्वर्णिम संकुल से निकलकर सीधे अहमदाबाद में अपने आवास पर आ गए, जहां उनसे मिलने के लिए हजारों समर्थक मौजूद थे। इनमें पाटीदार विधायक और चुनाव में हारे पाटीदार नेता शामिल थे।
अवलोकन करिए:--
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- पटेल को दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, लेकिन उनसे वित्त, नगर विकास और नगरीय आवास के अलावा पेट्रो रसायन जैसे अहम विभाग छीन लिए गए। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट मीटिंग को लेकर अपनी नाराजगी के चलते पटेल सुबह 4 बजे तक नहीं सोए।
पटेल ने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल तक बंद कर दिया
- 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण के बाद गुरुवार को देर रात मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हुआ। बताया जा रहा है कि इस दौरान नितिन पटेल की नाराजगी को लेकर कैबिनेट की पहली मीटिंग भी 4 घंटे देरी से शुरू हुई। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम रूपाणी के साथ बैठे नितिन पटेल पूरी तरह चुप रहे।
- यह भी कहा जा रहा है कि डिप्टी सीएम पटेल ने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है और वह निजी व्हीकल से आ-जा रहे हैं। शुक्रवार को ज्यादातर मंत्रियों ने अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया, लेकिन नितिन पटेल ने देर शाम तक ऐसा नहीं किया।
रूपाणी ने कई अहम विभाग अपने पास रखे
- नितिन पटेल से वित्त विभाग का प्रभार लेकर फिर से कैबिनेट में वापसी करने वाले पूर्व वित्त मंत्री सौरभ पटेल को दे दिया गया। उनका नगर विकास और पेट्रो रसायन विभाग मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पास रख लिया। हालांकि, पटेल को फिर से स्वास्थ्य विभाग का प्रभार दे दिया गया है।
- अब पटेल के पास मार्ग और मकान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर और राजधानी परियोजना जैसे विभाग हैं। इससे नितिन पटेल नाराज बताए जा रहे हैं।
पाटीदार आंदोलन के वक्त पटेल ने संभाला था मोर्चा
- नितिन पटेल ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से पास नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ मोर्चा संभाला था। वह पास और हार्दिक के सीधे निशाने पर रहे थे। वह पाटीदार बहुल महेसाणा सीट बचाने में तो कामयाब रहे पर उनकी जीत का अंतर पिछली बार से काफी कम हो गया।
पटेल ने आनंदी बेन से सुनाई व्यथा
- कैबिनेट में उपेक्षा से व्यथित नितिन पटेल ने बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से भी फोन पर बात की थी। आनंदीबेन ने नितिन पटेल को सांत्वना देते हुए इंतजार करने को कहा।
रूपाणी के जैसा बड़ा चेम्बर बन रहा है पटेल के लिए
- नितिन पटेल को मनाने के लिए स्वर्णिम संकुल में सीएम के चेम्बर की तरह बड़ा और भव्य चेम्बर तैयार किया जा रहा है। स्वर्णिम संकुल की तीसरी मंजिल पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का चेम्बर है। ऐसी ही सुविधाओं वाला 45 बाय 29 फीट एरिया में दूसरी मंजिल पर नितिन पटेल के लिए चेम्बर बन रहा है।
- अब तक नितिन पटेल जहां बैठते हैं, वह अन्य मंत्रियों के चेम्बर की तरह है। बगल का चेम्बर उनके कार्यालय स्टाफ के लिए है। एक चेम्बर मंत्री ईश्वर परमार को दिया गया है। पटेल को विशाल चेम्बर देकर बड़ा दर्जा देने की कोशिश हो रही है, ताकि वे मान जाएं।
BJP के 15 पाटीदार विधायक कांग्रेस के संपर्क में
- बीजेपी के 15 से ज्यादा पाटीदार विधायक कैबिनेट के एलान से पहले ही कांग्रेस की पटेल लीडरशिप के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी विधायक लेउवा पाटीदार में जबरदस्त जनाधार वाले कांग्रेस नेता परेश धानाणी के संपर्क में बताए जाते हैं। इसके पीछे बीजेपी में पाटीदारों के घट रहे प्रभाव को मुख्य वजह बताया जा रहा है। ये विधायक पार्टी लाइन को छोड़ कर पाटीदार समाज की धुरी पर एकजुट होने को तैयार हैं।
बीजेपी की नीति है यूज एंड थ्रो: कांग्रेस
कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, 'यह भाजपा की नीति है कि जब उसे लगता है वे कोई काम के नहीं हैं तो वे अपने वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करते हैं और उन्हें दरकिनार कर देते हैं. यह केशुभाई पटेल, आनंदीबेन पटेल, गोरधन जदाफिया जैसे पाटीदार नेताओं के मामले में खास तौर पर दिखाई दिया है.'
कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, 'यह भाजपा की नीति है कि जब उसे लगता है वे कोई काम के नहीं हैं तो वे अपने वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करते हैं और उन्हें दरकिनार कर देते हैं. यह केशुभाई पटेल, आनंदीबेन पटेल, गोरधन जदाफिया जैसे पाटीदार नेताओं के मामले में खास तौर पर दिखाई दिया है.'
उन्होंने कहा, 'अब नितिन पटेल की बारी है.चुंकि हम विभाग के बंटवारे को भाजपा के अंदरूनी मामले के रूप में देखते हैं इसलिए हम इसमें आगे नहीं बढ़ना चाहेंगे. जहां तक थुम्मर के बयान की बात है तो यह उनका व्यक्तिगत विचार है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.' गौरतलब है कि नितिन ने विभाग के बंटवरे पर हाल ही में नाखुशी जताई थी.
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