चीनी अधिकारियों ने कथित तौर पर शिनजियांग के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मुसलमानों के खिलाफ अपना अभियान चलाया है। चीन सरकार ने अपने देश के मुसलमानों को अपने नमाज की चटाई और कुरान की प्रतियां सौंपने का आदेश दिया है। डेली मेल के मुताबिक, साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर बाद में चटाई और कुरान पाई गईं तो गंभीर सजा दी जाएगी। रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक, पिछले सप्ताह कशगर, होतन अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई हैं। निर्वासन विश्व उईगर कांग्रेस ग्रुप के प्रवक्ता दिलक्सत रक्षित ने कहा कि उन्हें एक नोटिफिकेशन मिला है, उईगर मुस्लिम जाति के सभी लोगों के धर्म से जुड़ी कोई सामग्री नहीं मिलनी चाहिए। कुरान और धर्म से जुड़ी सभी चीजें सरकारी ऑथरिटीज को देनी हैं। इसे लेकर चीन के सबसे प्रसिद्ध सोशल मीडिया ऐप से भी नोटिफिकेशन दिया गया है।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, शिनजियांग के अधिकारियों ने इस वर्ष के शुरूआती दिनों में पांच साल पहले प्रकाशित हुए सभी कुरानों को हटाना शुरू कर दिया था, जिनमें उग्रवादी सामग्री थी। कुरान को शिनजियांग में “तीन अवैध और एक आइटम” अभियान के तहत लाया गया। यह अभियान अवैध धार्मिक सामग्री को लेकर चलाया जा रहा है। जो ज्यादातर ‘मुस्लिम उईगर’ के स्वामित्व वाली ‘अवैध’ धार्मिक वस्तुओं के खिलाफ है।
कलकत्ता हाई कोर्ट भी लगा चुकी है कुरान पर बैन
सरकार के इस आदेश का विरोध करने कोई कुर्सी का भूखा नेता नहीं आएगा, न ही अब तक लगाए प्रतिबन्धों के विरोध में आया है। यह केवल भारत में ही सम्भव है, जहाँ कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा कुरान से आपत्तिजनक आयतों को हटाने या कुरान बैन के आदेश को तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने संसद के माध्यम से उस आदेश को निरस्त करवा दिया था। जिस पर राजीव गाँधी का घोर विरोध भी हुआ था।
Chandmal Chopra stated in his writ petition: "The cited passages in the Quran... arouse in Muslims the worst sectarian passions and religious fanaticism, which has manifested itself in murders, massacres, plunder, arson, rape and destruction or desecration of sacred places both in historical and in the contemporary period, not only in India but in large parts of the world."
The petition created a lot of furore in Calcutta and abroad. Muslims created street riots. The government intervened and put heavy pressure on the judicial process.
End of paste
.... Enough of appeasement. History has shown that appeseasement of muslims is suicidal. Europeans are learning the hard way.
( Book "Calcutta Quran Petition" can be read on faithfreedom.org)
चीन ने मुहर्रम से ठीक पहले मुस्लिमों के लिए एक और फ़रमान ज़ारी कर दिया है और इस फ़रमान के बाद ये माना जा रहा है कि चीन अब मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठा रहा है l चीनी अधिकारियों ने देश में रह रहे मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन के मुस्लिमों का कहना है कि उनसे नमाज पढ़ने की चटाई और कुरान पुलिस को सौंपने को कहा गया है और ऐसा न करने पर उन्हें सजा भुगतने को भी कहा गया है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि कुरान में चरमपंथ को बढ़ावा देने वाली सामग्री है।चीन के शिन्जियांग प्रांत के अधिकारियों ने उईगुर समुदाय को चेतावनी दी है कि उन्हें अपनी सभी धार्मिक चीजें देनी होंगी वरना कड़ी सजा के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक शिन्जियांग में कुरान जब्त करने वाली खबरें आधारहीन हैं। उईगुर कांग्रेस के एक निर्वासित नेता ने अमेरिकी सरकार द्वारा चलाए जा रहे रेडियो फ्री एशिया (RFA) को बताया कि ‘हमें एक नोटिफिकेशन मिला है जिसके मुताबिक उईगुर समुदाय के सभी लोगों को उनके घर में मौजूद इस्लाम धर्म से जुड़ी एक-एक चीज, जैसे कुरान, नमाज पढ़ने वाली चटाई वगैरह अधिकारियों को सौंपना है। उन्हें स्वेच्छा से सभी धार्मिक सामान वापस देना है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें इसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी।’ यह निर्देश देश में रह रहे कजाखस्तान और किर्गिस्तान के मुस्लिमों को भी दिए गए हैं और इस आदेश की घोषणा कथित तौर पर सोशल नेटवर्किंग साइट वीचैट के जरिए की गई है। आपको याद ही होगा कि भारत में कुछ वक़्त पहले एक मुहिम सी छेड़ी गयी थी। जिसमें वामपंथी पत्रकारों और लेखकों ने अवार्ड लौटाकर तो कुछ अभिनेताओं ने भारत को असहिष्णु देश घोषित कर दिया था और ऐसे दोगले लोग तब अपने बिलों में छुप जाते है। जब डीएसपी अय्यूब पंडित की मुस्लिम भीड़ मस्जिद के बाहर पीट-पीट कर बेरहमी से हत्या कर देती है l असली असहिष्णु देश देखने के लिए ऐसे लोगों को चीन को देखना चाहिए जिसने मुहर्रम से ठीक पहले मुसलमानों के ख़िलाफ़ बहुत बड़ा तुगलकी फरमान सुनाया है। लेकिन अब कोई मुस्लिम संगठन की भावनाएं आहत नहीं होंगी और ना ही किसी वामंपथी पत्रकार या नेता के पेट में दर्द होगा और हाँ ऐसे मौके पर मानवाधिकार आयोग वालों को कैसे भूल सकते है। उन्हें रोहिंग्या मुस्लिम पर आंसू बहाना याद रहता है। लेकिन मजाल है कि चीन पर ऊँगली उठा दे कोईl खबर के मुताबिक पाकिस्तान के अज़ीज़ दोस्त चीन की सरकार ने अपने देश के मुसलमानों के ख़िलाफ़ मुहर्रम से पहले बड़ा अभियान चलाया है और सभी मुसलमानो को अपने नमाज की चटाई और कुरान की प्रतियां जब्त कराने का आदेश दिया है l डेली मेल के मुताबिकयह सख्त चेतावनी भी दी गई है कि अगरबाद में किसी की भी चटाई और कुरान पाई गईं तो गंभीर सजा दी जाएगी l आपको बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में पिछले कई सालों से धार्मिक कट्टरपंथ का संघर्ष चल रहा है और अकेले शिन्जियान प्रांत में ही उइगर मुस्लिमों की जनसख्या एक करोड़ के पार पहुंच गयी है l इसी के चलते इस बार चीन ने मुहर्रम से पहले मुस्लिमों के धार्मिक अधिकार पर बड़ी पाबंदी लगायी है, लेकिन अभी तक ना तो टीवी मीडिया इस पर बहस कर रही है और दिन रात रोहिंग्या के अधिकार पर अपनी वोटबैंक की राजनीति चमकाने वाले नेताओं के मुँह से कुछ फूटा है l ख़बरों के मुताबिक़ निर्वासन विश्व उईगर कांग्रेस ग्रुप के प्रवक्ता दिलक्सत रक्षित ने कहा है कि उन्हें एक नोटिफिकेशन मिला है और इसमें लिखा है कि उईगर मुस्लिम जाति के सभी लोगों के धर्म से जुड़ी कोई सामग्री नहीं मिलनी चाहिए l कुरान और धर्म से जुड़ी सभीचीजें सरकारी अधिकारी को देनी हैं l शिनजियांग के अधिकारियों ने इस वर्ष के शुरूआती दिनों में पांच साल पहले प्रकाशित हुए सभी कुरानों को हटाना शुरू कर दिया था, जिनमें उग्रवादी सामग्री थी l कुरान को शिनजियांग में “तीन अवैध और एक आइटम” अभियान के तहत लाया गया अभियान अवैध धार्मिक सामग्री को लेकर चलाया जा रहा है, जो ज्यादातर ‘मुस्लिम उईगर’ के स्वामित्व वाली ‘अवैध’ धार्मिक वस्तुओं के ख़िलाफ़ है l आपको बता दें कि इससे पहले भी चीन ने कुछ ऐसी ही कानून पाबंदियां लगादी थीं, जिससे चीन के मुस्लिमों ने चीन को “खुली हवा वाला जेल” कहना शुरू कर दिया था l इन फ़ैसलों में सेकुछ सबसे बड़ी मस्जिद में इबादत करने जा रहे मुस्लिम अब मेटल डिटेक्टर से तलाशी देकर प्रवेश करेंगे l 24 घंटे मस्जिदों पर पुलिस का कड़ा सुरक्षा पहरा और CCTV से निगरानी रहती है और यही नहीं शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम लोगों के रमजान महीने में रोज़ा रखने पर पाबन्दी लगाने का फरमान भी सुना दिया गया था l और तो और चीन में दाढ़ी रखने पर आंशिक प्रतिबंध लगा हुआ है साथ ही सभी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने की भी मनाही है और किसी को भी सार्वजनिक तौर पर नमाज़ पढ़ने पर भी पाबंदी लगा दी गयी थी। युवाओं को मस्जिदों से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि नमाज सेहत के लिए नुकसानदायक है। चीन के अधिकारियों का मानना है कि उइगर मुसलमान अल कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे है। वैसे ऑस्ट्रिया में बुर्के पर लगी रोक, नियम न मानने पर देना होगा भारी जुर्माना।
कलकत्ता हाई कोर्ट भी लगा चुकी है कुरान पर बैन
सरकार के इस आदेश का विरोध करने कोई कुर्सी का भूखा नेता नहीं आएगा, न ही अब तक लगाए प्रतिबन्धों के विरोध में आया है। यह केवल भारत में ही सम्भव है, जहाँ कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा कुरान से आपत्तिजनक आयतों को हटाने या कुरान बैन के आदेश को तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने संसद के माध्यम से उस आदेश को निरस्त करवा दिया था। जिस पर राजीव गाँधी का घोर विरोध भी हुआ था।
Chandmal Chopra stated in his writ petition: "The cited passages in the Quran... arouse in Muslims the worst sectarian passions and religious fanaticism, which has manifested itself in murders, massacres, plunder, arson, rape and destruction or desecration of sacred places both in historical and in the contemporary period, not only in India but in large parts of the world."
The petition created a lot of furore in Calcutta and abroad. Muslims created street riots. The government intervened and put heavy pressure on the judicial process.
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.... Enough of appeasement. History has shown that appeseasement of muslims is suicidal. Europeans are learning the hard way.
( Book "Calcutta Quran Petition" can be read on faithfreedom.org)
चीन ने मुहर्रम से ठीक पहले मुस्लिमों के लिए एक और फ़रमान ज़ारी कर दिया है और इस फ़रमान के बाद ये माना जा रहा है कि चीन अब मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठा रहा है l चीनी अधिकारियों ने देश में रह रहे मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन के मुस्लिमों का कहना है कि उनसे नमाज पढ़ने की चटाई और कुरान पुलिस को सौंपने को कहा गया है और ऐसा न करने पर उन्हें सजा भुगतने को भी कहा गया है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि कुरान में चरमपंथ को बढ़ावा देने वाली सामग्री है।चीन के शिन्जियांग प्रांत के अधिकारियों ने उईगुर समुदाय को चेतावनी दी है कि उन्हें अपनी सभी धार्मिक चीजें देनी होंगी वरना कड़ी सजा के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक शिन्जियांग में कुरान जब्त करने वाली खबरें आधारहीन हैं। उईगुर कांग्रेस के एक निर्वासित नेता ने अमेरिकी सरकार द्वारा चलाए जा रहे रेडियो फ्री एशिया (RFA) को बताया कि ‘हमें एक नोटिफिकेशन मिला है जिसके मुताबिक उईगुर समुदाय के सभी लोगों को उनके घर में मौजूद इस्लाम धर्म से जुड़ी एक-एक चीज, जैसे कुरान, नमाज पढ़ने वाली चटाई वगैरह अधिकारियों को सौंपना है। उन्हें स्वेच्छा से सभी धार्मिक सामान वापस देना है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें इसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी।’ यह निर्देश देश में रह रहे कजाखस्तान और किर्गिस्तान के मुस्लिमों को भी दिए गए हैं और इस आदेश की घोषणा कथित तौर पर सोशल नेटवर्किंग साइट वीचैट के जरिए की गई है। आपको याद ही होगा कि भारत में कुछ वक़्त पहले एक मुहिम सी छेड़ी गयी थी। जिसमें वामपंथी पत्रकारों और लेखकों ने अवार्ड लौटाकर तो कुछ अभिनेताओं ने भारत को असहिष्णु देश घोषित कर दिया था और ऐसे दोगले लोग तब अपने बिलों में छुप जाते है। जब डीएसपी अय्यूब पंडित की मुस्लिम भीड़ मस्जिद के बाहर पीट-पीट कर बेरहमी से हत्या कर देती है l असली असहिष्णु देश देखने के लिए ऐसे लोगों को चीन को देखना चाहिए जिसने मुहर्रम से ठीक पहले मुसलमानों के ख़िलाफ़ बहुत बड़ा तुगलकी फरमान सुनाया है। लेकिन अब कोई मुस्लिम संगठन की भावनाएं आहत नहीं होंगी और ना ही किसी वामंपथी पत्रकार या नेता के पेट में दर्द होगा और हाँ ऐसे मौके पर मानवाधिकार आयोग वालों को कैसे भूल सकते है। उन्हें रोहिंग्या मुस्लिम पर आंसू बहाना याद रहता है। लेकिन मजाल है कि चीन पर ऊँगली उठा दे कोईl खबर के मुताबिक पाकिस्तान के अज़ीज़ दोस्त चीन की सरकार ने अपने देश के मुसलमानों के ख़िलाफ़ मुहर्रम से पहले बड़ा अभियान चलाया है और सभी मुसलमानो को अपने नमाज की चटाई और कुरान की प्रतियां जब्त कराने का आदेश दिया है l डेली मेल के मुताबिकयह सख्त चेतावनी भी दी गई है कि अगरबाद में किसी की भी चटाई और कुरान पाई गईं तो गंभीर सजा दी जाएगी l आपको बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में पिछले कई सालों से धार्मिक कट्टरपंथ का संघर्ष चल रहा है और अकेले शिन्जियान प्रांत में ही उइगर मुस्लिमों की जनसख्या एक करोड़ के पार पहुंच गयी है l इसी के चलते इस बार चीन ने मुहर्रम से पहले मुस्लिमों के धार्मिक अधिकार पर बड़ी पाबंदी लगायी है, लेकिन अभी तक ना तो टीवी मीडिया इस पर बहस कर रही है और दिन रात रोहिंग्या के अधिकार पर अपनी वोटबैंक की राजनीति चमकाने वाले नेताओं के मुँह से कुछ फूटा है l ख़बरों के मुताबिक़ निर्वासन विश्व उईगर कांग्रेस ग्रुप के प्रवक्ता दिलक्सत रक्षित ने कहा है कि उन्हें एक नोटिफिकेशन मिला है और इसमें लिखा है कि उईगर मुस्लिम जाति के सभी लोगों के धर्म से जुड़ी कोई सामग्री नहीं मिलनी चाहिए l कुरान और धर्म से जुड़ी सभीचीजें सरकारी अधिकारी को देनी हैं l शिनजियांग के अधिकारियों ने इस वर्ष के शुरूआती दिनों में पांच साल पहले प्रकाशित हुए सभी कुरानों को हटाना शुरू कर दिया था, जिनमें उग्रवादी सामग्री थी l कुरान को शिनजियांग में “तीन अवैध और एक आइटम” अभियान के तहत लाया गया अभियान अवैध धार्मिक सामग्री को लेकर चलाया जा रहा है, जो ज्यादातर ‘मुस्लिम उईगर’ के स्वामित्व वाली ‘अवैध’ धार्मिक वस्तुओं के ख़िलाफ़ है l आपको बता दें कि इससे पहले भी चीन ने कुछ ऐसी ही कानून पाबंदियां लगादी थीं, जिससे चीन के मुस्लिमों ने चीन को “खुली हवा वाला जेल” कहना शुरू कर दिया था l इन फ़ैसलों में सेकुछ सबसे बड़ी मस्जिद में इबादत करने जा रहे मुस्लिम अब मेटल डिटेक्टर से तलाशी देकर प्रवेश करेंगे l 24 घंटे मस्जिदों पर पुलिस का कड़ा सुरक्षा पहरा और CCTV से निगरानी रहती है और यही नहीं शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम लोगों के रमजान महीने में रोज़ा रखने पर पाबन्दी लगाने का फरमान भी सुना दिया गया था l और तो और चीन में दाढ़ी रखने पर आंशिक प्रतिबंध लगा हुआ है साथ ही सभी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने की भी मनाही है और किसी को भी सार्वजनिक तौर पर नमाज़ पढ़ने पर भी पाबंदी लगा दी गयी थी। युवाओं को मस्जिदों से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि नमाज सेहत के लिए नुकसानदायक है। चीन के अधिकारियों का मानना है कि उइगर मुसलमान अल कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे है। वैसे ऑस्ट्रिया में बुर्के पर लगी रोक, नियम न मानने पर देना होगा भारी जुर्माना।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 2016-2017 में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि बीजिंग सरकार अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार कर रही है। उनकी धार्मिक आजादी को छीना जा रहा है। चीन में उईगर मुसलमानों और हान चीनी समुदाय के बीच 2009 से संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले भी चीन ने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुसलमानों को लंबी दाढ़ी रखने और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। गौरतलब है कि उईगर मुसलमान आम तौर पर टर्की भाषा बोलते हैं। शिनजियांग प्रांत, वर्ष 1949 से पहले तुर्किस्तान का हिस्सा हुआ करता था।
चीन ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। पिछले कुछ वर्षों से लगभग हर रमजान के महीने में मुसलमानों पर कोई न कोई पाबन्दी लगती रहती है। मस्जिदों पर लाउडस्पीकर, अज़ान, सड़क या किसी सार्वजनिक स्थान पर नमाज़, रोज़ा न रखना, बुर्का हो या टोपी आदि पर पाबन्दी लगती रहती है और विश्व के किसी भी मुस्लिम देश में चीन द्वारा लगाई जाने वाली पाबंदियों का विरोध करने का साहस नहीं दिखा।
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