दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में सालाना आयोजित होनेवाली शस्त्र पूजा के बाद संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर रोहिंग्या हिन्दुस्तान में रहने दिया गया तो वो देश की सुरक्षा के लिए खतरा होंगे। उन्होंने कहा कि जब रोहिंग्या अपने ही देश के लिए खतरा हैं तो हमारे देश के लिए यह चिंता क्यों नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा, “अगर हम ऐसे लोगों को यहां रहने देंगे तो वो ना केवल हमारे लिए रोजगार के तौर पर बोझ होंगे बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा होंगे।” उन्होंने कहा, “वो वहां से यहां आए क्यों हैं? वहां क्यों नहीं रह सके?”
संघ प्रमुख ने कहा कि भारत पहले से ही सीमाई इलाके में कई तरह की समस्याएं झेल रहा है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके में हर तरह की तस्करी खासकर गौ तस्करी होती है। उन्होंने कहा, “सीमा की समस्याएं कम नहीं हैं, सब प्रकार की तस्करी, विशेषकर गौ तस्करी, बांग्लादेश की सीमा पर चलती है। जिहादी ताकतों से उनके संबंध वहां पर उजागर हो गए। इसलिए उस देश के शासन का भी उनके प्रति रवैया कड़ा ही है।”
अवलोकन करें:--
नागपुर में संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख ने कहा, “हम लोग पहले से ही अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ और शरणार्थियों की समस्या झेल रहे हैं और अब रोहिंग्या ने भी हमारे देश में घुसपैठ कर ली है।” उन्होंने कहा कि रोहिंग्या पर जो भी फैसला लिया जाए, उससे पहले इन बातों को ध्यान में रखा जाय कि ये लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
सरसंघचालक मोहन भागवत के कथन पर टिप्पणी करने वालों की मानसिकता :--
सरसंघचालक मोहन भागवत के कथन पर टिप्पणी करने वालों की मानसिकता :--
उस दिन का बेसब्री से इंतजार करना, क्योंकि वह दिन इसी जन्म में देर सबेर आने ही वाला है-
उनको पत्थरबाजों से हमदर्दी है,
उनको रोहिंग्या मुसलमानों से भी हमदर्दी है,
उनको भारत तेरे टूकड़े होंगे के नारेबाजों से भी हमदर्दी है,
उनको रोहिंग्या मुसलमानों से भी हमदर्दी है,
उनको भारत तेरे टूकड़े होंगे के नारेबाजों से भी हमदर्दी है,
सैनिकों की शहादत से दुखी परिजनों से उन्हें कोई हमदर्दी नहीं है,
हिन्दुओं के हत्यारों से कोई शिकायत नहीं है, कोई आपत्ति नहीं,
मृत हिन्दुओं के बीवी बच्चों से कोई हमदर्दी नहीं,
पाकिस्तान या बँगला देश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार से कोई आपत्ति नहीं है,
पाकिस्तान के पेशावर में सैनिकों के स्कूल पर आतंकवादी हमलों से भी आपत्ति नहीं है,
पाकिस्तान में आतंकी हमलों में हताहत मुस्लिमों से भी कोई हमदर्दी नहीं,
बंगाल, केरल, कश्मीर के हिन्दुओं के साथ भयावह अत्याचार से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है,
हिन्दुओं के हत्यारों से कोई शिकायत नहीं है, कोई आपत्ति नहीं,
मृत हिन्दुओं के बीवी बच्चों से कोई हमदर्दी नहीं,
पाकिस्तान या बँगला देश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार से कोई आपत्ति नहीं है,
पाकिस्तान के पेशावर में सैनिकों के स्कूल पर आतंकवादी हमलों से भी आपत्ति नहीं है,
पाकिस्तान में आतंकी हमलों में हताहत मुस्लिमों से भी कोई हमदर्दी नहीं,
बंगाल, केरल, कश्मीर के हिन्दुओं के साथ भयावह अत्याचार से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है,
सिखों के दमन से इनकी आँखों में नमी नहीं उतर पाई,
भगतसिंह और गुरु गोविन्दसिंह को आतंकवादी बताया तो खून नहीं खौला,
कालीपूजा रोकी, धर्मनिरपेक्षता माना गया,
विसर्जन रोका, मजा आ गया,
हिंदूवादी पत्रकार की हत्या, मानो कुछ हुआ ही नहीं,
लंकेश की मौत पर कथित बुद्धि के ठेकेदार स्यापा करने लगे,
काश ! सबकी मौत उन्हें स्यापा करने के लिए प्रेरित करती ?
फिर प्रेरक शक्ति क्या है ?
भगतसिंह और गुरु गोविन्दसिंह को आतंकवादी बताया तो खून नहीं खौला,
कालीपूजा रोकी, धर्मनिरपेक्षता माना गया,
विसर्जन रोका, मजा आ गया,
हिंदूवादी पत्रकार की हत्या, मानो कुछ हुआ ही नहीं,
लंकेश की मौत पर कथित बुद्धि के ठेकेदार स्यापा करने लगे,
काश ! सबकी मौत उन्हें स्यापा करने के लिए प्रेरित करती ?
फिर प्रेरक शक्ति क्या है ?
कहाँ गई उनकी बुद्धि ? कहाँ गई निष्पक्षता ? आखिर इसके पीछे क्या वजह है ?
अरे, अपने बीवी बच्चों को धोखा देकर दो,चार, पांच, सात सितारा सुविधाएं तो दे दोगे, परन्तु किसी दिन बिना नशे पत्ते और बिना लालच के आईने के सामने खड़े होने की नौबत आई तो अपने उस जमीर को क्या जवाब दोगे, जो सबके सामने अपने आपको निष्पक्ष बुद्धिजीवी सिद्ध करने का नाटक करता रहा था I
याद रखना, वह दिन जरूर आएगा, और फिर खुद के सामने ही शर्म से मर भी नहीं सकोगे क्योंकि जिस झूठी निष्पक्षता से खरीद कर बीवी बच्चों को सुविधाएँ दी थी, वे सुविधाएँ निश्चित रूप से उनमें बीमारियाँ बनकर अस्पतालों में प्रकट होंगी I
अरे, अपने बीवी बच्चों को धोखा देकर दो,चार, पांच, सात सितारा सुविधाएं तो दे दोगे, परन्तु किसी दिन बिना नशे पत्ते और बिना लालच के आईने के सामने खड़े होने की नौबत आई तो अपने उस जमीर को क्या जवाब दोगे, जो सबके सामने अपने आपको निष्पक्ष बुद्धिजीवी सिद्ध करने का नाटक करता रहा था I
याद रखना, वह दिन जरूर आएगा, और फिर खुद के सामने ही शर्म से मर भी नहीं सकोगे क्योंकि जिस झूठी निष्पक्षता से खरीद कर बीवी बच्चों को सुविधाएँ दी थी, वे सुविधाएँ निश्चित रूप से उनमें बीमारियाँ बनकर अस्पतालों में प्रकट होंगी I
हिन्दुओं पर अत्याचार पर बोलते नहीं, मुंह खोलते नहीं और फिर कहते हैं, संघ किस बिना पर सब हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व करता है?
तो क्या तुम्हारे जैसे हिन्दू नामधारी नयनसुख ठेकेदार हैं, हिन्दुओं के ?
तो क्या तुम्हारे जैसे हिन्दू नामधारी नयनसुख ठेकेदार हैं, हिन्दुओं के ?
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