कई महीनों से भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर रही तनातनी आखिरकार ख़त्म हो ही गई। चीन को भारत की कूटनीतिक चालों से हार मान ही लेना पड़ा। भारत की इस बड़ी जीत पर कांग्रेस ने हाल ही में पीएम मोदीकी तारीफ की थी। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने टिप्पणी की है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि विदेश मंत्रालय, उसका स्टाफ और पीएम के पूरे ऑफिस को इस बड़ी जीत का क्रेडिट दिया जाना चाहिए। ये सभी लोग तारीफ के काबिल हैं।
उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत ने जिस तरह से बिना किसी शोर-शराबा मचाए और अपना सीना ठोंके चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया है l यह बहुत प्रशंसनीय है l उमर ने कहा कि डोकलाम में विवाद से पहले की यथास्थिति बनाए रखने पर चीन का राजी होना देश के लिए ए बड़ी कूटनीतिक जीत है l इसी के साथ उन्होंने ने कहा कि भारत और पीएम मोदी की जीत क्यों न हो, क्योंकि चीन ही डोकलाम में सड़क का निर्माण कर वहां पर अपना हक़ जताना चाहता था l
उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है l विरोधी होने के बावजूद कैसे उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी की तारीफ़ कर रहा है l राना प्रताप सिंह नाम के एक यूजर ने भी इस तरह के ट्वीट को देखते हुए लिखा है कि "रोको, क्या यह उमर अब्दुल्ला ही हैं, किसी ने उनका ट्विटर अकाउंट हैक तो नहीं किया है ?”
उमर अब्दुल्ला के इस तरह के ट्वीट पर आशुतोष सिंह नाम के यूजर ने लिखा है कि “भगवान आपको सद्बुद्धि दे रहे हैं l ऐसे ही ठीक से रहा करो अच्छा लगता है l”
उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट पर ऐसे ही न जाने कितने रिएक्शन आए हैं l इस ट्वीट पर लोगों ने कहा है कि आखिरकार आप भी पीएम मोदी के मुरीद हो ही गए l
लेकिन जहाँ डोकलाम विवाद सुलझने की ख़ुशी में देश जश्न ही मना रहा था इसी बीच अब इस मुद्दे पर देश में ही मौजूद सैन्य और सामरिक मामलों के विशेषज्ञ इसे डोकलाम में विवाद का अस्थाई निपटारा ही कह रहे हैं. उनका मानना है कि सर्दियों का मौसम खत्म होने के बाद चीन की तरफ से इस इलाके में एक बार दोबारा विवाद खड़ा किया जा सकता है. हाँ लेकिन डोकलाम पर चीन के इस तरह से पैर वापिस खींचने के फैसले को कूटनीति के मोर्च पर भारत की जीत भी माना जा रहा है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि विदेश मंत्रालय, उसका स्टाफ और पीएम के पूरे ऑफिस को इस बड़ी जीत का क्रेडिट दिया जाना चाहिए। ये सभी लोग तारीफ के काबिल हैं।
शशि थरूर ने कहा कि विदेश मंत्रालय को उसकी कूटनीति के लिए बधाई जिसने डोकलाम में चीन की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। भारत की रणनीति की वजह से ही चीनी सैनिक अपनी सीमा में वापस लौट गए।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले में कल अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि डोकलाम से चीन और भारत की सेनाओं अगर वाकई हट जाती हैं तो यह स्वागतयोग्य है। हालांकि पार्टी ने इस पर कुछ दिन इंतजार करने की बात भी कही थी। वहीं उमर अब्दुल्ला ने भी पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि चीन के खिलाफ भारत की यह कूटनीतिक जीत इसलिए भी काफी मायने रखती है क्योंकि यह ढिंडोरा पीटने की बजाए बहुत ही शांतिपूर्ण और संयमित तरीके से किया गया है।
आपको बता दें कि सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में भारत और चीनी सेना दो महीने से भी ज्यादा समय से आमने-सामने है। यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया। डोकलाम इलाके को भूटान अपना मानता है, लेकिन चीन का दावा है कि यह उसके क्षेत्र में आता है। भारत की चिंता यह है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा।
उमर अब्दुल्ला भी हुए मोदी के मुरीद
नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने को चीन के साथ चल रहे डोकलाम विवाद को लेकर एक ट्वीट किया है l उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी पर हमेशा से निशाना साधते आए हैं लेकिन इस बार उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की तारीफ़ करते हुए सबको चौंका दिया है l आख़िरकार विरोधी होते हुए भी उमर अब्दुल्ला को भी पीएम मोदी की तारीफ़ करनी पड़ी l उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में डोकलाम से चीन को अपनी सेना हटाने के लिए मजबूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथियों को बहुत-बहुत-बधाई दी है lउमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत ने जिस तरह से बिना किसी शोर-शराबा मचाए और अपना सीना ठोंके चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया है l यह बहुत प्रशंसनीय है l उमर ने कहा कि डोकलाम में विवाद से पहले की यथास्थिति बनाए रखने पर चीन का राजी होना देश के लिए ए बड़ी कूटनीतिक जीत है l इसी के साथ उन्होंने ने कहा कि भारत और पीएम मोदी की जीत क्यों न हो, क्योंकि चीन ही डोकलाम में सड़क का निर्माण कर वहां पर अपना हक़ जताना चाहता था l
उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है l विरोधी होने के बावजूद कैसे उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी की तारीफ़ कर रहा है l राना प्रताप सिंह नाम के एक यूजर ने भी इस तरह के ट्वीट को देखते हुए लिखा है कि "रोको, क्या यह उमर अब्दुल्ला ही हैं, किसी ने उनका ट्विटर अकाउंट हैक तो नहीं किया है ?”
उमर अब्दुल्ला के इस तरह के ट्वीट पर आशुतोष सिंह नाम के यूजर ने लिखा है कि “भगवान आपको सद्बुद्धि दे रहे हैं l ऐसे ही ठीक से रहा करो अच्छा लगता है l”
उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट पर ऐसे ही न जाने कितने रिएक्शन आए हैं l इस ट्वीट पर लोगों ने कहा है कि आखिरकार आप भी पीएम मोदी के मुरीद हो ही गए l
लेकिन जहाँ डोकलाम विवाद सुलझने की ख़ुशी में देश जश्न ही मना रहा था इसी बीच अब इस मुद्दे पर देश में ही मौजूद सैन्य और सामरिक मामलों के विशेषज्ञ इसे डोकलाम में विवाद का अस्थाई निपटारा ही कह रहे हैं. उनका मानना है कि सर्दियों का मौसम खत्म होने के बाद चीन की तरफ से इस इलाके में एक बार दोबारा विवाद खड़ा किया जा सकता है. हाँ लेकिन डोकलाम पर चीन के इस तरह से पैर वापिस खींचने के फैसले को कूटनीति के मोर्च पर भारत की जीत भी माना जा रहा है.
क्यों माना जा रहा है इसे अस्थायी सुलह
जानकारी के लिए बता दें कि वायुसेना के वरष्ठि सेवानिवृत अधिकारी एयर मार्शल बी़ के पांडे्य ने कहा है कि, “चीन ने अपने बयान में डोकलाम में सड़क बनाने के काम को रोकने का कोई ज़िक्र नहीं किया है. बता दें कि ये सड़क ही भारत की आपत्ति की वजह थी जिसके चलते ये विवाद शुरू हुआ था.
क्यों पलटी मार सकता है चीन
चीन का ये कदम इस समय एक अस्थायी समाधान ही माना जा सकता है. इसके पीछे एक बड़ा कारण ये भी बताया जा रहा है कि सितंबर महीने के पहले सप्ताह में बीजिंग में ब्रक्सि देशों की बैठक होने वाली है. ऐसे में विवाद की वजह से अगर कोई पड़ोसी सदस्य देश ब्रक्सि बैठकों में भाग नहीं लेता है तो विश्व मंच पर चीन की बहुत बड़ी किरकिरी हो सकती थी. माना जा रहा है कि शायद इसीलिए चीन ने अभी कदम पीछे खींचे हैं.
दूसरी बड़ी वजह: ये हो सकती है चीन की अंदरुनी राजनीति
बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में चीन ने विदेशी सीमा से लगने वाले इलाकों में विकास पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दिया है. चीन की इस नीति से उसके आंतरिक राज्यों में विकास की उपेक्षा हुई है जिसकी वजह से लोगों में काफी गुस्सा है. इस मुद्दे पर चीनी थिंक टैंक का ये भी मानना है कि नवंबर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर सरकार किसी तरह से लोगों के गुस्सा का सामना करने की हालत में नहीं है. ऐसे में हर मायनों में चीनी सरकार के लिए ये ही बेहतर था कि वो डोकलाम मुद्दे को किसी भी तरह से सुलझाए.
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