दिल्ली विधानसभा में दो व्यक्तियों ने आज हंगामा किया। बता दें कि ये दोनों आदमी खुद को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बता रहे थे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम पहले भी संबंधी मामले में उछल चुका है।
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने दोनों व्यक्तियों को एक महीने जेल में रहने की सजा सुनाई।
विधानसभा में हंगामा करने वाले ये दोनों आदमी सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने का नारा लगा रहे थे। दोनों व्यक्तियों ने कागज फाड़कर नारेबाजी की।
दोनों व्यक्ति पहली मंजिल पर बैठे थे, जिसके बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बता दें सत्येंद्र जैन से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई आठ घंटे पुछताछ कर चुकी है।
आम आदमी पार्टी के गठन से लेकर अब तक की इसकी कार्यशैली का अवलोकन करने पर इस पार्टी पर आरोप कि "रायता फ़ैलाने वाली पार्टी" शत-प्रतिशत सटीक सिद्ध हो रहा है। यदि यह पार्टी वास्तव में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ने और जनता को उससे मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से आयी है, तो इसे दिल्ली में गंभीरता और कमर्ठता से दिल्ली सरकार को चलाना था। लेकिन यह केवल "मोदी विरोध" करने में अपना स्वर्णमयी काल व्यर्थ कर दिया। दिल्ली सरकार को केन्द्रीय सरकार के साथ समन्वय बनाकर अपनी नीतियों को सार्थक सिद्ध करने था।
नए नए लोगों को अपनी पार्टी में सम्मिलित करने उपरांत किसी के चरित्र एवं कार्य पद्धति पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। दिल्ली में पार्टी द्वारा पार्टी में ही महिला शोषण मुद्दा सुलझ ही नहीं पाया कि गोवा और पंजाब में भाजपा को मात देने ताबड़-तोड़ रैलियां करते रहे, और उन रैलियों की आड़ में जो महिला शोषण होता है, उसने इस पार्टी की छवि को और कलंकित कर दिया। लेकिन पंजाब को छोड़ गोवा में अपने सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त करवा बैठे। जो किसी भी पार्टी के लिए अच्छे लक्षण नहीं। यह मूल बातें अरविन्द केजरीवाल और इनकी पार्टी समझने में पूर्णरूप से असमर्थ है। दिल्ली नगर निगम चुनावों में भी अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने पर अपने लेख में स्पष्ट लिखा था, "यदि केजरीवाल अभी भी गंभीरता से अपनी सरकार का संचालन करे, निश्चित रूप से भाजपा एवं अन्य विरोधियों को मात देने में सक्षम होंगे।"
अब दिल्ली में मॉनसून लगभग दस्तक दे चूका है। आधे घंटे की बारिश में सीवर बहने लगते हैं। यमुना पर गाँधी नगर से लेकर शाहदरा और दिल्ली सीमा तक सफाई का बहुत ही बुरा हाल है। नालियाँ भरी पड़ी है। सड़कें टूटी हुई हैं। नीचे एक 28.6.2017 का वीडियो सीताराम बाजार का है जो कि भारत की सत्ता में रही सरकारों के प्रमुख रैली स्थल रामलीला ग्राउंड दिल्ली से सिर्फ 5 मिनट की दूरी पर है, खुद केजरीवाल भी वहां शपथ ले चुका ह, चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन से ही इसकी शुरुआत होती है, लेकिन यहाँ सड़को की हालत बहुत ही खराब है यहां पर पिछले10 सालों से सड़कों की कोई मरम्मत नहीं हुई है, केजरीवाल ने जो झूठे वायदे किये थे उन सबकी पोल खुल चुकी है, यहां का विधायक आसिम अहमद खान है, वो रोज केजरी को गालियाँ देता है, केजरी उसको चोर कहता है, ये सड़क दो निगम छेत्रो में आती है, जहा पर 50 सालों से सीताराम बाजार में कांग्रेस के निगम पार्षद है, अजमेरी गेट वार्ड से पिछले दस सालो से, राकेश कुमार जो पहले निर्दलीय था बाद में आप में शामिल हुआ था, अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष का नेता भी है, आज पहली बारिश में ही सड़क की इतने बुरी हालत हो गयी थी कि पैदल चलना तो नामुमकिन हो गया था, अगर कोई बीमार आदमी रिक्शे में भी बैठता है तो झटके खा खा कर और तबियत ख़राब हो जाती है, लेकिन बढ़ी बढ़ी बाते बना कर दिल्ली की सत्ता में आने वाले केजरी को न फुर्सत है और न कोई शर्म। अब तो जैसे केजरी की आदत सी बन गयी है जिस थाली में खाओ उसी में छेद करो।
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आम आदमी पार्टी से अरविन्द केजरीवाल द्वारा खदेड़ बाहर किए गए प्रशांत भूषण को अफसोस हो रहा है कि वे समय रहते केजरीवाल की फितरत नहीं पहचान सके और केजरीवाल के हाथों इस्तेमाल हो गए। जिस तरह केजरीवाल से अलग हुए लोग केजरीवाल की आलोचना कर रहे है, किसी को अचंभित होने की जरुरत नहीं। जिस दिन केजरीवाल सत्ता से बाहर हुए, इनका वही हाल होगा जो आज कांग्रेस का है। शीला सरकार से कहीं अधिक घोटाले इस सरकार के होंगे। जनता को भी समझना चाहिए जो सरकार दिल्ली में तो भलीभांति सरकार चला नहीं पा रही, विपरीत इसके दूसरे राज्यों में भाग रही है, दाल में काला जरूर है। जनता को केजरीवाल की “तू डाल-डाल, मैं पात-पात” नीति को समझना होगा। जितनी पानी की त्रहि दिल्ली में इस पार्टी के राज्य में हो रही है कभी नहीं हुई।
अवलोकन करिये :--
इतना ही नहीं पार्टी से निकलने वाला हर कोई पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है। यानि जब पार्टी स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त है, उस स्थिति में सरकारी तंत्र से भ्रष्टाचार कैसे दूर की बात बेईमानी है।
दर्शक दीर्घा से हुई हरकत दिल्ली सरकार के लिए बहुत निंदनीय है। केजरीवाल सरकार के प्रति जनता का बढ़ता रोष है। यदि अभी भी यह पार्टी होश में नहीं आयी, निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी का भविष्य घोर अंधकारमय होने वाला है।
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