वित्तीय सेवा कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्पाद एवं सेवा कर जीएसटी लागू होने से सभी राज्यों का राजस्व सुधरेगा और राज्यों की आय में 350 अरब रूपए से लेकर 450 अरब रुपए तक की बढ़ोतरी होगी।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने एक विश्लेषण में बताया कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों का सम्मिलित घाटा जीडीपी के 6 प्रतिशत या उससे नीचे ही रहेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू कर सकती है।
गौरतलब है कि जीएसटी आने के बाद वस्तु और सेवाओं पर लगने वाले करों का दर समान हो जाएगा और भारत एकीकृत मार्केट बन जाएगा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड की रिपोर्ट का शीर्षक 'भारत-राज्यों की वित्तीय स्थिति' है।रिपोर्ट के मुताबिक स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य सरकारें अपने राजस्व में 350-450 अरब रपये की वृद्धि की उम्मीद कर सकती हैं। यह मोटे तौर सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी के 0.2-0.3 प्रतिशत के बराबर है।
अध्ययन के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया कि यदि वे अपने वित्तीय घाटे को बजट के लक्ष्यों तक सीमित रख सकें और केंद्र भी अपने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.2 प्रतिशत रखने के लक्ष्य पर बना रहे तो केंद्र और राज्यों का सम्मिलित राजोषीय घाटा 2017-18 में 6 प्रतिशत या उससे कम रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार 18 राज्यों ने 2017-18 में राजकोषीय घाटा 2.7 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है जो 2016-17 के ही बराबर है जिसमें राज्य बिजली बोर्डों को घाटे से उबारने की उदय योजना का प्रभाव शामिल नहीं किया गया है।
आइये जानते है GST से क्या होगा सस्ता और क्या महंगा :-
0% टैक्स :-
मीट , दूध, दही, ताज़ा सब्जियां, शहद, गुण, प्रसाद, कुमकुम, बिंदी और पापड़ को जीएसटी दायरे से बाहर रखा गया है। इसके कारण खाद्य पदार्थ खासकर गेंहू और चावल सस्ते होंगे क्योंकि जीएटी लागू होने के बाद इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा जबकि अब तक इन उत्पादों पर वैट लगता था।
5% टैक्स स्लैब
पिज्ज़ा ब्रैड, कंडस्ड मिल्क, फ्रोज़न सब्जियां, जीवन रक्षक दवाइयां और मिठाइयां इस स्लैब में रखी गई हैं। कोयला भी इसी स्लैब में है। इस पर पहले 11.69 प्रतिशत टैक्स लगता था। इसके चलते बिजली उत्पादन महंगा होता है। चीनी, चाय, कॉफी और खाने का तेल भी इसी स्लैब में हैं। अब तक इन पर 9% टैक्स लगता था।
12 %टैक्स स्लैब
फ्रोजन मीट, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयां, अगरबत्ती, छाता, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
18 वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
28% टैक्स स्लैब
एसी और फ्रिज, च्यूइंगम, चॉकलेट्स, कस्टर्ड पाउडर और चॉकलेट निर्मित पदार्थ 28 प्रतिशत टैक्स दर में आएंगे। गुड्स एंड सर्विस टैक्स 1 जुलाई 2017 से लागू होगा !
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