केरल में सरेआम बछड़ा काटने वाले यूथ कांग्रेसी नेता रिजिल मुक्कुट्टी ने कहा है कि यूथ कांग्रेस के राज्याध्यक्ष डीन कुरियाकोस को भी इस विवादित कार्यक्रम की जानकारी थी। रिजिल को सरेआम बछड़ा काटने के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया गया है।
रिजिल के अनुसार यूथ कांग्रेस के राज्याध्यक्ष डीन कुरियाकोस को शनिवार के दिन ही इस बात की जानकारी दी थी कि वो गोवध पर केंद्र के फैसले के खिलाफ बछड़े को काटने वाले हैं। रिजिल ने कहा कि "उन्होंने कार्यक्रम पर कोई ऐतराज नहीं जताया बल्कि वो चाहते थे कि हम मोदी सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध करें।"
रिजिल ने कहा उन्हें सिर्फ मीडिया के जरिए ही अपनी बर्खास्तगी का पता चला है। अब तक हाईकमान से इस बारे में कोई आदेश नहीं मिला है।
रिजिल ने कहा कि वो पार्टी के आदेश मानने को तैयार हैं और वो संघ परिवार के संप्रदायिक एजेंडा के खिलाफ लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बछड़ा काटने का कार्यक्रम सोच-समझकर कन्नूर में आयोजित किया गया था क्योंकि यहां पशुओं का कत्ल करने के लिए ज्यादा जगह मौजूद है। मुक्कुट्टी के मुताबिक उनका आंदोलन मांस खाने की लोगों की आजादी के हक में था।
यूथ कांग्रेस के राज्याध्यक्ष ने अपने ऊपर लगे आरोप को एकदम गलत बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी नेता को विरोध प्रदर्शन के तरीके को लेकर निर्देश नहीं दिए थे
देश को आज पता चला है कि कांग्रेस पार्टी गोहत्या की समर्थक रही है? हद है !!! जिस पार्टी ने गोहत्या-निषेध पर एक राष्ट्रीय कानून कभी नहीं बनने दिया, उस पार्टी ने गोहत्या का विरोध कब किया था? इसी कांग्रेस पार्टी ने, गोहत्या के विरोध में स्वामी करपात्रीजी महाराज (1907-1982) और संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी (1885-1990) के नेतृत्व में 1966 में गोपाष्टमी के दिन चलाए गए विराट संत आंदोलन पर गोलियां चलवाकर सैकड़ों निहत्थे साधुओं को मरवा दिया था. यह बात इस देश की जनता क्यों भूल जाती है ?
कंगना राउत का तीखा सवाल:- जानवरों की रखवाली PETA कांग्रेस की दरिदंगी पर चुप क्यों है?
चूँकि 24 घंटे से अधिक बीत चुके है, नारे लगाते हुए, कांग्रेस के लोगों ने बीच सड़क पर बस दूसरे दल के नेता का विरोध करने के लिए गाय के पैरों को बांधा, उसे लिटाकर
बेरहमी से चाकुओं से काट काट कर उसका क़त्ल किया गया, और इस दौरान लगातार नारे लगते रहे कांग्रेस के दरिंदे 24 घंटे से अधिक बीत चुके है यहाँ पर हमे एक और घटना याद आती है, आपको शक्तिमान नामक घोडा याद होगा उसकी टांग टूट गयी थी
बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई जैसे बड़े बड़े पत्रकार, हर दल का नेता चाहे आम आदमी पार्टी हो, लालू यादव हो, शरद यादव हो सभी के सभी बिलबिलाने लगे थे
शक्तिमान घोड़े के समर्थन में PETA कूद पड़ा था, यहाँ तक की कई लोग तो शक्तिमान घोड़े के मौत पर कैंडल मार्च तक निकाल रहे थे पर केरल में कांग्रेस ने बीच सड़क पर गाय को काटा, 24 घंटे से अधिक बीत चुके है
यहाँ सबसे पहले तो खुद को यादवों का मशीहा कहने वाले नेता याद आ रहे है जिनमे लालू यादव, अखिलेश यादव शामिल है, ये सब चुप है
PETA वाले तो जैसे गायब ही हो गए, तमाम मीडिया के पत्रकार जो शक्तिमान घोड़े के लिए रो रहे थे जानवर पर अत्याचार बता रहे थे ये सभी लोग कांग्रेस की दरिंदगी पर चुप है, अब इनको जानवर के प्रति अत्याचार दिखाई नहीं दे रहा है
राजनीती के लिए कांग्रेस ने हैवान की तरह गाय को बीच सड़क पर काटा पर सभी सेक्युलर और PETA वाले बिलकुल मौन है ये लोग कितने दोगले है, ये शायद कोई बता भी नहीं सकता, देश को इन सेक्युलर तत्वों से सावधान रहने की जरुरत है !
बेरहमी से चाकुओं से काट काट कर उसका क़त्ल किया गया, और इस दौरान लगातार नारे लगते रहे कांग्रेस के दरिंदे 24 घंटे से अधिक बीत चुके है यहाँ पर हमे एक और घटना याद आती है, आपको शक्तिमान नामक घोडा याद होगा उसकी टांग टूट गयी थी
बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई जैसे बड़े बड़े पत्रकार, हर दल का नेता चाहे आम आदमी पार्टी हो, लालू यादव हो, शरद यादव हो सभी के सभी बिलबिलाने लगे थे
शक्तिमान घोड़े के समर्थन में PETA कूद पड़ा था, यहाँ तक की कई लोग तो शक्तिमान घोड़े के मौत पर कैंडल मार्च तक निकाल रहे थे पर केरल में कांग्रेस ने बीच सड़क पर गाय को काटा, 24 घंटे से अधिक बीत चुके है
यहाँ सबसे पहले तो खुद को यादवों का मशीहा कहने वाले नेता याद आ रहे है जिनमे लालू यादव, अखिलेश यादव शामिल है, ये सब चुप है
PETA वाले तो जैसे गायब ही हो गए, तमाम मीडिया के पत्रकार जो शक्तिमान घोड़े के लिए रो रहे थे जानवर पर अत्याचार बता रहे थे ये सभी लोग कांग्रेस की दरिंदगी पर चुप है, अब इनको जानवर के प्रति अत्याचार दिखाई नहीं दे रहा है
राजनीती के लिए कांग्रेस ने हैवान की तरह गाय को बीच सड़क पर काटा पर सभी सेक्युलर और PETA वाले बिलकुल मौन है ये लोग कितने दोगले है, ये शायद कोई बता भी नहीं सकता, देश को इन सेक्युलर तत्वों से सावधान रहने की जरुरत है !
लोग कसमें खा रहे हैं कि आजीवन कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। यानी कि पहले देते थे या गाय न कटती तो पिछले 60 सालों के कुकृत्य भूल सकते थे।
आप विभाजन की विभीषिका भूल सकते थे। आप यू एन ओ की सीट का छोड़ना भूल सकते थे। 1948 में नेहरू ने राम मंदिर का ताला नहीं खुलने दिया आप भूल सकते थे। हिन्दी राजभाषा नहीं बनने दिया आप भूल सकते थे। धर्म के नाम पर बंटे देश के संविधान को धर्म निरपेक्ष बनाना आप भूल सकते थे। कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय न होने देना आप भूल सकते थे। चीन के हाथों 64000 sq. Km जमीन खोना भूल सकते थे। सरकार बनाने के लिए जानवरों की तरह विधायक और सांसद खरीदना भूल सकते थे। बच्चों के पाठ्यक्रम का वामपंथियों द्वारा विद्रूप करना आप भूल सकते थे। 1948 के जीप घोटाले से लेकर नेशनल हेराल्ड घोटाला आप भूल सकते थे। कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन आप भूल सकते थे।
आप विभाजन की विभीषिका भूल सकते थे। आप यू एन ओ की सीट का छोड़ना भूल सकते थे। 1948 में नेहरू ने राम मंदिर का ताला नहीं खुलने दिया आप भूल सकते थे। हिन्दी राजभाषा नहीं बनने दिया आप भूल सकते थे। धर्म के नाम पर बंटे देश के संविधान को धर्म निरपेक्ष बनाना आप भूल सकते थे। कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय न होने देना आप भूल सकते थे। चीन के हाथों 64000 sq. Km जमीन खोना भूल सकते थे। सरकार बनाने के लिए जानवरों की तरह विधायक और सांसद खरीदना भूल सकते थे। बच्चों के पाठ्यक्रम का वामपंथियों द्वारा विद्रूप करना आप भूल सकते थे। 1948 के जीप घोटाले से लेकर नेशनल हेराल्ड घोटाला आप भूल सकते थे। कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन आप भूल सकते थे।
जानवरों की खरीद-फरोख्त के पर कानून के विरोध में केरल कांग्रेस ने खुलेआम गाय काटकर उसका मांस पकाया....
शायद घोड़े का खून हरा और गाय का खून लाल रहता होगा??
तभी तो घोड़े कि टांग टूटने पे भी छाती पीटने वाली कांग्रेस आज मोदी विरोध में गाय काट रही है।
शायद घोड़े का खून हरा और गाय का खून लाल रहता होगा??
तभी तो घोड़े कि टांग टूटने पे भी छाती पीटने वाली कांग्रेस आज मोदी विरोध में गाय काट रही है।
योगेश्वर दत्त की चेतावनी
गाय का क़त्ल देखकर ओलंपिक मेडल विजेता और हरियाणा के पहलवान योगेश्वर दत्त का भी खून खौल गया है, उन्होने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा - जिस देश में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है वहीँ उसका सरेआम क़त्ल किया जा रहा रहा है, अभी भी समय है, सुधर जाओ नहीं तो इसके भयंकर परिणाम होंगे.
जिस गाय के कटने पर इतनी चीत्कार कर रहे हैं, वो कल भी न कटती अगर नेहरू ने दातार सिंह कमेटी की रिपोर्ट 1948 में मान ली होती। बोलो मालूम ही नहीं तो भूलेंगे कहाँ से। इन्दिरा गांधी ने गौहत्या के विरोध में 1966 में सन्तों पर लाठीचार्ज करवाया था, बोलो मालूम ही नहीं तो भूलेंगे कैसे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन इन्दिरा गांधी ने मुसलमानों के वोट साधने के लिए करवाया था बोलो मालूम ही नहीं तो भूलते कैसे।
मालूम सब कुछ होता है लेकिन भूलने की बीमारी है हिन्दुओं को वर्ना 60 साल तक कांग्रेस ने राज न किया होता।
हो सकता है आज जो कसमें खा रहे हैं उन्हें अपनी कसम याद रहे लेकिन हिन्दू कौम को भूलने की बहुत बड़ी बिमारी है जो सदियों से कटुओं के हाथों कटने के बाद भी आजकल इफ्तार पार्टियों में शामिल हो रहे हैं फिर कांग्रेस ने तो सिर्फ 60 साल ही बजाई थी वो कहाँ याद रहेगा।
हो सकता है आज जो कसमें खा रहे हैं उन्हें अपनी कसम याद रहे लेकिन हिन्दू कौम को भूलने की बहुत बड़ी बिमारी है जो सदियों से कटुओं के हाथों कटने के बाद भी आजकल इफ्तार पार्टियों में शामिल हो रहे हैं फिर कांग्रेस ने तो सिर्फ 60 साल ही बजाई थी वो कहाँ याद रहेगा।
60 सालों की बात छोड़ो अगर याद रखा होता कि इसी धर्म की धज्जियाँ उड़ाने और ऊंचे ऊंचे मंचों से हर बार ऐलान करने वाले "कि मैने मस्जिद बचाने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई थी को उसके बाद बार बार सरकार बनाने के लिए वोट न देते।
अब इतने से अब मन नहीं भरा तो केरल कांग्रेस की प्रभारी बिंदु कृष्णा ने ऐलान किया है की
वो प्रधानमंत्री मोदी को पोस्ट से गौमांस दिल्ली भेजेगी
वो प्रधानमंत्री मोदी को पोस्ट से गौमांस दिल्ली भेजेगी
जो कांग्रेस खुद को सेक्युलर बताती है, वो हिन्दुओ की भावनाओं से कैसे खिलवाड़ कर रही है, कांग्रेस का वैचारिक पिता रहा है जवाहर लाल नेहरू ; इस कांग्रेस को हिन्दू किस प्रकार वोट दे सकता है, ये हमारे समझ के परे है ।
कांग्रेस के लोग देखने में तो इंसान जैसे ही दिखाई देते है पर बेशक ये कलियुग के शैतान है,
भगवान ने इनको इंसान की शक्ल और शरीर दिया है।
भगवान ने इनको इंसान की शक्ल और शरीर दिया है।
जिस कांग्रेश का चुनाव चिंह् "गाय और बछड़ा" था | आज वही सार्वजनिक रुप से उनकी हत्या कर रही है | यह मानसिक दिवालियापन है |
जब गौरक्षा के विरोध मे बीफ खा लिया
तो स्वच्छ भारत अभियान के विरोध मे " गोबर भी खालो।
Comments