आप चाहे माने या ना मानें लेकिन देशभक्ति का जज्बा हरियाणा के लोगों में बहुत है, जब भी बात देश पर आती है, महिला हों, क्रिकेटर हों, खिलाडी हों, फिल्म कलाकार हों, सब के सब एक साथ देश की एकता के लिए खड़े हो जाते हैं और देशद्रोहियों पर हमला बोल देते हैं।
पिछले तीन दिनों से दिल्ली के रामजस कॉलेज में देशद्रोहियों का झुण्ड इकठ्ठा हो गया है और देश का माहौल एक बार फिर से खराब हो गया है, रामजस कॉलेज में देशविरोधी नारे भी लगे थे जिसके बाद ABVP छात्र संगठन ने देश-विरोधी नारे लगाने वालों को पीट दिया था।
इसके बाद वामपंथी संगठन की एक छात्रा गुरमेहर कौर का एक वीडियो सामने आया जिसमें पाकिस्तान से प्रेम करने का सन्देश दिया गया था, गुरमेहर कौर एक शहीद सैनिक मंदीप सिंह की बेटी है, उसने वीडियो सन्देश में कहा था कि मेरी पिता को पाकिस्तान ने नहीं मारा, उन्हें तो युद्ध ने मारा था। गुरमेहर कौर के कहने का मतलब था कि पाकिस्तान से नफरत मत करो, पाकिस्तान से प्रेम करो ताकि शांति स्थापित हो सके और किसी बेटी को फिर से अनाथ ना होना पड़े।
गुरमेहर कौर को इसलिए हलके में नहीं किया गया क्योंकि वह वामपंथी संगठन की छात्रा है और यह संगठन कोई भी काण्ड करता है तो उसकी एक वजह होती है। यही सोचकर हरियाणा के लोगों का खून खौल उठा और एक एक बाद एक आकर देशद्रोहियों के खिलाफ खड़े हो गए।
गुरमेहर कौर को सबसे पहला जवाब वीरेंद्र सेहवाग ने दिया, उन्होने कहा कि 'दो बार ट्रिपल सेंचुरी मैंने नहीं मारी है बल्कि मेरे बैट ने मारी है।' सहवाग की बात को फिल्म कलाकार रणदीप हुड्डा ने रि-ट्वीट किया।
दोनों के मैदान में आते ही एंटी-नेशनल खेमे में बवाल मच गया, वामपंथी मीडिया चैनलों में हाहाकार मच गया, सेहवाग को आरएसएस का एजेंट, मोदी का एजेंट, बज का एजेंट, अति-राष्ट्रवादी, पता नहीं क्या क्या कहा जाने लगा, वामपंथियों ने उन पर अपशब्दों की बौछार कर दी।
इसके बाद हरियाणा के सभी खिलाडी सहवाग के साथ खड़े हो गए और एंटी-नेशनल लोगों की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी, पहले गीता फोगट मैदान में आयीं। उसके बाद योगेश्वर दत्त भी मैदान में आ गए।
अब तक इस लड़ाई में अगर हस्तियों की बात की जाए तो केवल हरियाणा के लोग आये हैं, सभी एक तरफ से एंटी-नेशनल लोगों के खिलाफ खड़े हो गए हैं, इन्हें किसी की परवाह नहीं है, सिर्फ देश की परवाह है, देशभक्ति का जज्बा है।
मुझे लगता है इतने तमाचे लगने के बाद तो आपको समझ में आ ही गया होगा हरियाणा वाले क्या हैं#proudharyanvi #proudindian twitter.com/ranaayyub/stat …
अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है, जब लगभग हर चैनल ने जेएनयू में देशद्रोही नारो को अपने-अपने चैनल पर दिखाया, उसके बावजूद दिल्ली सरकार से लेकर केन्द्र सरकार ने कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या किसी अन्य देश में ऐसा संभव था/है/या हो सकता है? आखिर कब तक तुष्टिकरण की राजनीति खिलती रहेगी? पिछली सरकारों और वर्तमान सरकार में क्या कोई अंतर है ?
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