ये जिंदगी सुकूँ से गुज़र जाए तो अच्छा । बिगड़ा इन्सान सुधर जाए तो अच्छा ।।
इक प्यार की गंगा को बहाने के वास्ते । तुफान नफरतों का ठहर जाए तो अच्छा ।।
जीस का ज़मीर मर गया वह भी है क्या वशर। बेकार ही जिन्दा है वो मर जाए तो अच्छा ।।
हो जाए न बर्बाद कहीं अपना यह वतन । यह काकुले हालात सँवर जाए तो अच्छा ।।
आज नवम्बर 26 को दिल्ली में चाँदनी चौक सांसद, केंद्रीय मन्त्री डॉ हर्षवर्धन के नेतृत्व में गौरी शंकर मन्दिर से वाया चांदनी चौक, नई सड़क, चावड़ी बाजार होते अजमेरी गेट स्थित ज़िला चाँदनी चौक कार्यालय तक पद-यात्रा कर जनता को विमुद्रीकरण से होने वाले लाभों से अवगत करवाया। जैसे-जैसे डॉ हर्ष का कारवाँ गौरी शंकर मंदिर से आरम्भ हुआ ज़िला कार्यालय पहुँचते-पहुँचते 7/800 लोगों एक विशाल कारवाँ बन गया। डॉ हर्ष ने अपनी यात्रा मंदिर में माथा टेक कर की और थोड़ी ही दुरी पर गुरुद्वारा शीशगंज अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, उसका लाभ उठाते, चांदनी चौक के दुकानकारों से नोटबंदी के कारण होने वाली परेशानियों के बारे में बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि "यदि सरकार ने प्रारम्भ से ही स्याही का प्रयोग किया होता, किसी को कोई परेशानी नहीं होती। लगभग हर बैंक में लगने वाली लाइनों में 30/40 लोग नेताओं के ही होते थे, जो आपस में झगड़ा कर एक दूसरे के पीछे लग जाते, जिस कारण आम जनता नोट बदलवाने से वंचित हो गयी। कोई बात नहीं, देशहित में सबने ख़ुशी-ख़ुशी इस तकलीफ की परवाह तक नहीं की। मोदी ने बहुत देर से साहसिक कदम उठाया।"जीस का ज़मीर मर गया वह भी है क्या वशर। बेकार ही जिन्दा है वो मर जाए तो अच्छा ।।
हो जाए न बर्बाद कहीं अपना यह वतन । यह काकुले हालात सँवर जाए तो अच्छा ।।
दुकानदारों ने आगे बताया कि "नोटबंदी होते ही कश्मीर में पत्थरबाज कहाँ गायब हो गए? इससे बड़ा राष्ट्र को और नोटबंदी के विरोधियों को और क्या प्रमाण मिल सकता है।" शीशगंज के बाहर लगभग बीसियों दुकानदारों ने यह भी स्पष्ट किया "यदि 28 तारीख को बंद दौरान विरोधियों ने गुंडागर्दी नहीं की तो चांदनी चौक रोज़ की तरह खुलेगा।"
एक दुकानकार ने कहा "प्रधानमंत्री को अभी एक और साहसिक काम करना होगा, तभी इसको सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा सकेगा। आधार कार्ड पर बदले गए नोट वालों की भी जाँच जरुरी है, लोगों ने कालेधन को सफ़ेद करने में हज़ारों रूपए कमाएं हैं।"
इस पदयात्रा की विशेषता यह थी कि दिल्ली पुलिस मात्र यातायात तक सीमित रही और हर्षवर्धन का कारवाँ नारेबाजी करते जन-जन तक अपना सन्देश पहुंचाते अपनी मंज़िल की ओर प्रस्थान करता रहा।
डॉ हर्ष के शीशगंज में रहते शालीमार पार्षद सुश्री रेखा गुप्ता ने बताया कि "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा काले धन को समाप्त करने के उद्देश्य के लिए 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के फैसले के समर्थन में एक विशाल समर्थन रैली निकाली गई है। जिसमें पूरी दिल्ली के भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा आम जनता बढ़चढ़ कर अपना सहयोग प्रदान कर संसद में विरोध कर रहे विपक्ष को करारा जवाब दिया।
पहाड़ गंज से भाजपा नेता सोढ़ी ने बताया कि संसद में शोर मचाने वाले बेनकाब हो रहे हैं। जबकि अन्य नेता महेंद्र नागपाल ने कहा की कालेधन ने देश की छवि को विश्व में धूमिल हुई है। जिसे हमारे प्रधानमंत्रीजी सुधारने में कड़ा परिश्रम कर रहे हैं। नोटबंदी के माध्यम से देश से कालाधन नहीं बल्कि विकास अवरोधक समाप्त करने का प्रयत्न किया है।
सीताराम बाजार से भाजपा नेता सतीश गुप्ता ने बताया कि उनके मंडल ने बैंकों की लाइनों में लगी जनता को चाय एवं पानी आदि की व्यवस्था कर प्रधानमन्त्री के हाथ मजबूत करने में मात्र एक आहुति देने का प्रयास किया। घर-घर जाकर जनता को इससे होने वाले फायदों और देश को लूटने वालों को जगजाहिर कर रहे हैं।प्रधानमंत्री के इस कदम से जाली नोट, आतंकवाद और कालाधन संचय करने वालों पर कुठाराघात हुआ है, जिस कारण देश की अर्थयवस्था चरमरा रही थी।
गौरी शंकर मंदिर से अजमेरी गेट तक चली पदयात्रा में सम्मिलित समस्त महिला-पुरुष नारों-- जो संसद को रोक रहे हैं, कालेधन के रखवाले हैं, मोदी तुम संघर्ष करो, देश तुम्हारे साथ है,भारतमाता की जय, वन्देमातरम आदि -- के माध्यम से मोदी सन्देश जन-जन तक पहुँचा रहे थे।
कतारें थककर भी खामोश हैं ,नजारे बोल रहे हैं।
नदी बहकर भी चुप है मगर किनारे बोल रहे हैं।
ये कैसा जलजला आया है दुनियाँ में इन दिनों ,
झोंपडी मेरी खडी है और महल उनके डोल रहे हैं।
परिंदों को तो रोज कहीं से गिरे हुए दाने जुटाने थे।
पर वे क्यों परेशान हैं जिनके घरों में भरे हुए तहखाने थे ll
अजमेरी गेट पर पद-यात्रा के समापन पर डॉ हर्षवर्धन ने जनता को प्रधानमन्त्री मोदी की नीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "नोटबंदी से किसी को बिल्कुल भी चिंतित होने की जरुरत नहीं। प्रधानमंत्री के इस साहसिक कदम के जो सुखद परिणाम कुछ ही दिनों में आने शुरू होंगे, उस अनंत प्रभाव होगा और हमारी और आपकी भावी पीढ़ियां आज के अल्पकालीन संकट का लाभ उठाएंगी। प्रधानमंत्री का सपना डिजिटल भारत बनाने का है। कैशलेस मुद्रा चलन का है। रोज-रोज बैंकों के चक्कर काटने की बजाय अपने मोबाइल को ही अपना बैंक बनाएं। घर-घर जाकर जनता को इस विमुद्रीकरण से होने वाले फायदों की जानकारी देकर प्रधानमंत्री के सपनो को साकार करने में योगदान करें। आज के इस कदम से भारत का भविष्य उज्जवल होगा। प्रधानमंत्री मोदी को इससे कुछ नहीं मिलने वाला, सब जनता को ही मिलेगा। वर्षों से पनपे पूंजीवाद से देश मुक्त होगा, उसका भी लाभ आप जनता को ही होगा। जिस उद्देश्य से आपने मोदीजी को अपना प्रधानमंत्री चुना है, उस उद्देश्य की पूर्ति की ओर प्रधानमंत्री मोदी पहले ही दिन से सक्रिय थे, हमारे और आप सब से कहीं अधिक मंथन करते थे और आज उसी का परिणाम है की देश उस दिशा की और चल पड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक निर्णयों से जिन लोगों को परेशानी हो रही है वही लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं।
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