एक तरफ जहाँ देश आतंकवादी मुद्दे पर लड़ रहा है तो दूसरी तरफ मुस्लिम संगठन सरकार और जनता का ध्यान बाँटने का जो प्रयास किया जा रहा है , अच्छे संकेत नहीं हैं। प्रश्न उत्पन्न होता है कि वर्तमान हालात को देखते हुए, इंडो-पाक युद्ध हो जाने की स्थिति में इनका क्या रुझान होगा?
सितम्बर 30 को लखनऊ के रिफाह -ए-आम क्लब के ऐतिहासिक मैदान से मुसलमानों के दो मसलकों देवबंदी और बरेलवी की अहम हस्तियों ने आपसी मतभेद भुलाकर मिल्ली मसायल एकजुट से हल करने का आह्वान किया। इस मौके पर जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने हुकूमतों को चेतावनी देते हुए कहा, मुसलमान अब अपना हक खुद हासिल करेंगे। वफादारी और संविधान का पालन करते हुए अपना संवैधानिक अधिकार लेकर रहेंगे।
इस दौरान मौलाना मदनी ने मौलाना तौकीर रजा खां की इसके लिए तारीफ की कि उनके प्रयासों से मुसलमानों के मसले पर दो मसलकों के उलेमा एक मंच पर आए हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि हर मुसलमान अपने अकीदे और मसलक पर कायम रहते हुए मिल्ली मसायल पर एक जुटत रहे । यह वक्त की जरूरत है। इसके लिए मौलाना तौकीर रजा खानने जो कदम उठाया है, हमें उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए। उन्होंने जलसे में मौजूद लोगों का आह्वान किया कि उनकी इस कोशिश को कामयाब बनाने में उनका साथ दें।
बरेली के मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि मसलक का इख्तिलाफ़ घर का मामला है । हम मसलकी ऐतबार से मुत्तहिद नही हो सकते तो मिल्ली मसायल पर तो हो ही सकते हैं। हम एकजुट नहीं हुए और फिरकों में बटे रहे तो दुश्मन ताकतें मुसलमान पर जुल्म करती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि आज हम जिस तरह आपस में लड़ रहें हैं शायद कोई और कौम इस तरह लड़ती है । वे अपने साथ हो रहे नइन्साफी, जुल्म और हक के लिए सारा विरोध भूल कर एक जुट हो जाते हैं । मौलाना ने अपने देवबंद दौरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, वहां पहुचने पर देवबंद के जिम्मेदारो ने मुझे गले लगाया। उन को भी इस बात की फिक्र थी कि आज सारे इख्लाफात के बंधन टूटने चाहिये। उन्होंने देवबंद के लोगों को बरेली आने की दावत दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता नदवतुल उलमा के मोहतमिम मौलाना सईदुर्रहमान आज़मी ने की। इस मौके पर
मौलाना मतीनुल हक़ उसामा कासमी शहर काज़ी कानपूर ने मुसलमानों को अपनी डिकशनरी से मायूसी का लफ्ज़ निकाल ने की अपील की। अलीगढ़ के प्रोफेसर शकील समदानी ने तालीम और आरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने मुसलमानों को कम से कम 9% रिजर्वेशन देने की वकालत की।
मौलाना सईद अत़हर कासमी ने समाजवादी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताया। रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट शुएब,डा नदीम अशरफ़.मौलाना कौसर नदवी,मौलाना सुहैब नदवी,मौलाना जहांगीर आलम कासमी ने भी अपने विचार रखे।
सितम्बर 30 को लखनऊ के रिफाह -ए-आम क्लब के ऐतिहासिक मैदान से मुसलमानों के दो मसलकों देवबंदी और बरेलवी की अहम हस्तियों ने आपसी मतभेद भुलाकर मिल्ली मसायल एकजुट से हल करने का आह्वान किया। इस मौके पर जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने हुकूमतों को चेतावनी देते हुए कहा, मुसलमान अब अपना हक खुद हासिल करेंगे। वफादारी और संविधान का पालन करते हुए अपना संवैधानिक अधिकार लेकर रहेंगे।
इस दौरान मौलाना मदनी ने मौलाना तौकीर रजा खां की इसके लिए तारीफ की कि उनके प्रयासों से मुसलमानों के मसले पर दो मसलकों के उलेमा एक मंच पर आए हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि हर मुसलमान अपने अकीदे और मसलक पर कायम रहते हुए मिल्ली मसायल पर एक जुटत रहे । यह वक्त की जरूरत है। इसके लिए मौलाना तौकीर रजा खानने जो कदम उठाया है, हमें उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए। उन्होंने जलसे में मौजूद लोगों का आह्वान किया कि उनकी इस कोशिश को कामयाब बनाने में उनका साथ दें।
बरेली के मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि मसलक का इख्तिलाफ़ घर का मामला है । हम मसलकी ऐतबार से मुत्तहिद नही हो सकते तो मिल्ली मसायल पर तो हो ही सकते हैं। हम एकजुट नहीं हुए और फिरकों में बटे रहे तो दुश्मन ताकतें मुसलमान पर जुल्म करती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि आज हम जिस तरह आपस में लड़ रहें हैं शायद कोई और कौम इस तरह लड़ती है । वे अपने साथ हो रहे नइन्साफी, जुल्म और हक के लिए सारा विरोध भूल कर एक जुट हो जाते हैं । मौलाना ने अपने देवबंद दौरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, वहां पहुचने पर देवबंद के जिम्मेदारो ने मुझे गले लगाया। उन को भी इस बात की फिक्र थी कि आज सारे इख्लाफात के बंधन टूटने चाहिये। उन्होंने देवबंद के लोगों को बरेली आने की दावत दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता नदवतुल उलमा के मोहतमिम मौलाना सईदुर्रहमान आज़मी ने की। इस मौके पर
मौलाना मतीनुल हक़ उसामा कासमी शहर काज़ी कानपूर ने मुसलमानों को अपनी डिकशनरी से मायूसी का लफ्ज़ निकाल ने की अपील की। अलीगढ़ के प्रोफेसर शकील समदानी ने तालीम और आरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने मुसलमानों को कम से कम 9% रिजर्वेशन देने की वकालत की।
मौलाना सईद अत़हर कासमी ने समाजवादी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताया। रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट शुएब,डा नदीम अशरफ़.मौलाना कौसर नदवी,मौलाना सुहैब नदवी,मौलाना जहांगीर आलम कासमी ने भी अपने विचार रखे।
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