स्पीडी ट्रायल के लिए जजों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप मामले में आरोपियों की पैरवी करने से वकीलों के इन्कार के बीच दो महिला जजों ने प्रभावी फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्रा ने जहां ऐसे मामलों में कम से कम समय में सुनवाई पूरी करने के लिए साक्ष्य अधिनियम में बदलाव का सुझाव दिया है, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश उषा मेहरा का मानना है कि मामले की सुनवाई करने वाले जज को आरोपियों के लिए वकीलों की सेवा सुनिश्चित करनी चाहिए।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि महिलाओं के लिए इस तरह के जघन्य अपराध के मामले में पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य के आधार पर पीड़ित और आरोपी को आमने-सामने बैठाकर बयान दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को न्यायिक अधिकारी के समक्ष पीडि़त और आरोपी के रिकॉर्डेड बयान पेश करना चाहिए। जस्टिस मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की गवाही कई स्तर पर क्यों हो। इसके कारण सुनवाई में काफी विलंब होता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव लाने की जरूरत है।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि यदि पीड़ित और आरोपी एक बार न्यायिक अधिकारी के सामने बयान दर्ज करा देते हैं तो फिर वकील द्वारा दूसरी बार कोर्ट में बयान दर्ज कराने की क्या आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि एक ही प्रक्रिया को बार-बार विभिन्न स्तर पर दोहराया जाता रहेगा तो फिर फास्ट ट्रैक कोर्ट का मतलब क्या हुआ। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इससे गवाहों को धमकाने, तोड़ने-जोड़ने और किसी-किसी मामले में हत्या जैसे कृत्य होने की आशंका भी बनी रहती है। उन्होंने कहा कि मेरी समझ से कोर्ट का इस्तेमाल केवल मामले में जिरह और तर्क के लिए होना चाहिए।
उधर, गैंगरेप मामले में सरकार द्वारा गठित कमीशन की अध्यक्षता करने वाली पूर्व न्यायाधीश उषा मेहरा ने कहा है कि कई मामलों में वकील केस की पैरवी करने से इन्कार कर देते हैं, हालांकि इसके लिए उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है लेकिन सुनवाई करने वाले जज को आरोपी के लिए वकील की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं : मून
संयुक्त राष्ट्र। दिल्ली में हुए गैंगरेप और इसमें जान गंवा देने वाली मेडिकल छात्रा की मौत पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने भारत सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने और उन्हें सही तरह से लागू करवाने की अपील की है। मून ने कहा है महिलाओं के साथ ऐसे घिनौने कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली गैंगरेप की शिकार युवती की मौत से जहां पूरे भारत में शोक है वहीं विदेश में भी शोक की लहर है। इस खौफनाक वारदात की निंदा पूरी दुनिया में हो रही है। मून ने मांग की है कि दोषियों को सख्स से सख्त सजा मिले। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। बयान में सरकार की तरफ से बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना भी की गई है। मून ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कभी मंजूर नहीं हैं। ना ही बर्दाश्त किए जाएंगे। हर लड़की को इज्जत मिलने का अधिकार है। देश भर में इस खौफनाक वारदात के बाद गुस्सा है, गम है और रोष है।
गैंगरेप पीड़िता को लंदन और अमेरिका में भी श्रद्धांजलि
लंदन/वाशिंगटन। दिल्ली गैंगरेप में हुई पीड़िता की मौत से पूरी दुनिया में बैठे भारतीय सन्न हैं। भारत हो या लंदन या फिर वाशिंगटन सभी जगह इस घटना पर भारतीयों ने जहां अपनी नाराजगी का इजहार किया वहीं पीड़ित को श्रद्धांजलि भी दी।
बलात्कार की शिकार छात्रा की मौत पर भारत में छाए आक्रोश ब्रिटेन की एक संस्था ने भारतीय महिलाओं के अधिकारों की खातिर लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करने का निर्णय किया है। इससे पहले शनिवार को अमेरिका में स्थित भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने वाशिंगटन में पीड़ित को श्रद्धांजलि दी और अपनी नाराजगी का इजहार भी किया। यहां निकाले गए कैंडल मार्च में मौजूद लोगों ने उम्मीद जताई कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। बेहद सर्द मौसम में जिस तरह से वाशिंगटन में लोगों ने इस घटना पर अपनी नाराजगी का इजहार किया वह इस बात का सबूत था कि इस घटना से सभी आहत हुए हैं। यह घटना कहीं न कहीं दुनिया भर बसे भारतीयों के लिए बेहद शर्मसार कर देने वाली रही है।
दिल्ली गैंगरेप की मौत पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया है। ब्रिटेन में महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन द एस्टेल प्रोजेक्ट का कहना है, ब्रिटेन की महिलाएं अपनी भारतीय महिलाओं के साथ खड़ी है। संस्था ने फैसला किया है कि सात जनवरी वह भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करेंगे।
ब्रिटिश पत्रकार एंर्ड्यू नॉर्थ ने ट्वीट कर कहा है कि भारत में यह पहला मौका है जब किसी आम नागरिक की मौत पर ऐसा नजारा दिखाई दिया हो। आज एक अनजानी लड़की सभी के लिए एक पहचान बन गई है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं : मून
संयुक्त राष्ट्र। दिल्ली में हुए गैंगरेप और इसमें जान गंवा देने वाली मेडिकल छात्रा की मौत पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने भारत सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने और उन्हें सही तरह से लागू करवाने की अपील की है। मून ने कहा है महिलाओं के साथ ऐसे घिनौने कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली गैंगरेप की शिकार युवती की मौत से जहां पूरे भारत में शोक है वहीं विदेश में भी शोक की लहर है। इस खौफनाक वारदात की निंदा पूरी दुनिया में हो रही है। मून ने मांग की है कि दोषियों को सख्स से सख्त सजा मिले। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। बयान में सरकार की तरफ से बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना भी की गई है। मून ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कभी मंजूर नहीं हैं। ना ही बर्दाश्त किए जाएंगे। हर लड़की को इज्जत मिलने का अधिकार है। देश भर में इस खौफनाक वारदात के बाद गुस्सा है, गम है और रोष है।
संयुक्त राष्ट्र। दिल्ली में हुए गैंगरेप और इसमें जान गंवा देने वाली मेडिकल छात्रा की मौत पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने भारत सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने और उन्हें सही तरह से लागू करवाने की अपील की है। मून ने कहा है महिलाओं के साथ ऐसे घिनौने कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली गैंगरेप की शिकार युवती की मौत से जहां पूरे भारत में शोक है वहीं विदेश में भी शोक की लहर है। इस खौफनाक वारदात की निंदा पूरी दुनिया में हो रही है। मून ने मांग की है कि दोषियों को सख्स से सख्त सजा मिले। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। बयान में सरकार की तरफ से बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना भी की गई है। मून ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कभी मंजूर नहीं हैं। ना ही बर्दाश्त किए जाएंगे। हर लड़की को इज्जत मिलने का अधिकार है। देश भर में इस खौफनाक वारदात के बाद गुस्सा है, गम है और रोष है।
गैंगरेप पीड़िता को लंदन और अमेरिका में भी श्रद्धांजलि
लंदन/वाशिंगटन। दिल्ली गैंगरेप में हुई पीड़िता की मौत से पूरी दुनिया में बैठे भारतीय सन्न हैं। भारत हो या लंदन या फिर वाशिंगटन सभी जगह इस घटना पर भारतीयों ने जहां अपनी नाराजगी का इजहार किया वहीं पीड़ित को श्रद्धांजलि भी दी।
बलात्कार की शिकार छात्रा की मौत पर भारत में छाए आक्रोश ब्रिटेन की एक संस्था ने भारतीय महिलाओं के अधिकारों की खातिर लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करने का निर्णय किया है। इससे पहले शनिवार को अमेरिका में स्थित भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने वाशिंगटन में पीड़ित को श्रद्धांजलि दी और अपनी नाराजगी का इजहार भी किया। यहां निकाले गए कैंडल मार्च में मौजूद लोगों ने उम्मीद जताई कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। बेहद सर्द मौसम में जिस तरह से वाशिंगटन में लोगों ने इस घटना पर अपनी नाराजगी का इजहार किया वह इस बात का सबूत था कि इस घटना से सभी आहत हुए हैं। यह घटना कहीं न कहीं दुनिया भर बसे भारतीयों के लिए बेहद शर्मसार कर देने वाली रही है।
दिल्ली गैंगरेप की मौत पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया है। ब्रिटेन में महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन द एस्टेल प्रोजेक्ट का कहना है, ब्रिटेन की महिलाएं अपनी भारतीय महिलाओं के साथ खड़ी है। संस्था ने फैसला किया है कि सात जनवरी वह भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करेंगे।
ब्रिटिश पत्रकार एंर्ड्यू नॉर्थ ने ट्वीट कर कहा है कि भारत में यह पहला मौका है जब किसी आम नागरिक की मौत पर ऐसा नजारा दिखाई दिया हो। आज एक अनजानी लड़की सभी के लिए एक पहचान बन गई है।
।। राधे राधे ।।
आपको पता है दामिनी क्यो हार गयी ? क्योंकि बहुत सारे अंग फ़ेल हो गये थेँ...
1) कानुन व्यवस्था फ़ेल.
2) पुलिस फ़ेल
3) राजनीति फ़ेल
4) नेता फ़ेल
5) मानवता फ़ेल
6) सामाजिक व्यवस्था फ़ेल
7) नैतिकता फ़ेल
8) संस्कृति फ़ेल
9) सभ्यता फ़ेल
10) शैक्षिक व्यवस्था फ़ेल
11) आप फ़ेल
12) मैं फ़ेल
13) लोकतंत्र फ़ेल
14) आजादी फ़ेल
पुरे का पुरा सिस्टम फ़ेल.
- Get link
- X
- Other Apps
Comments