पीड़ा की इस घड़ी में भी नेताजी बिपाशा के ठुमकों का लुत्फ ले रहे थे सैफई महोत्सव में 28 दिसंबर को डांस करती बिपाशा बसु
इतनी देर तो कभी नेताजी पार्लियामेन्ट में भी टकटकी लगाकर नहीं बैठते जितनी देर वे बिपाशा बसु, मलायका अरोड़ा और ईशा कोप्पिकर के ठुमके देखने के लिए बैठे रहे। शुक्रवार की शाम से ही बलात्कार पीड़िता के मौत की आशंकाओं के बीच जब सारा देश गमगीन हो चला था तब भी तय कार्यक्रम के अनुसार वे सारे फिल्मी सितारे सैफई पहुंचे। शुक्रवार को शाम 7 बजे से रात 12 बजे के बीच सैफई महोत्सव में लटको झटकों के कई रंगारंग कार्यक्रम हुए। और उन सभी रंगारंग कार्यक्रमों में नेताजी और नेताजी के बेटाजी दोनों पूरे समय मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम में मौजूद एक व्यक्ति से जब हमने जानना चाहा कि क्या नेताजी ने पीड़िता के बारे में भी दो शब्द बोले तो उसने कहा बिल्कुल नहीं। यह नेताजी कोई और नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हैं और बेटा जी यानी उनके बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।
शुक्रवार को सैफई महोत्सव का आखिरी दिन था और इस दिन फिल्म स्टारों की महफिल सजनी थी। पांच विशेष चार्टर्ड विमानों से ढोकर फिल्म स्टारों को सैफई लाया गया जिसमें स्टार ऋत्विक रोशन के अलावा बिपाशा बसु, मलायका अरोड़ा, ईशा कोप्पिकर सहित दर्जनों छोटे बड़े कलाकार शामिल थे। इन कलाकारों के रात में सैफई में रुकने का इंतजाम किया गया था।
शाम सात बजे से ही सैफई महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम शुरू हुआ और रात बारह बजे तक चलता रहा। जो वहां मौजूद थे, उनके मुताबिक नेताजी कमोबेश पूरे समय अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ मौजूद थे। उन्होंने बिपाशा से लेकर मलायका अरोड़ा तक सबके ठुमकों का मजा लिया। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक अकेले आखिरी दिन के आयोजन पर ही करीब 10 करोड़ रूपया खर्च किया गया।
हालांकि बयान देने के नाम पर आज जरूर मुलायम सिंह यादव, उनके भाई प्रो. रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव तीनों ने ही पीड़िता के प्रति सहानुभूति वाले बयान जारी किये हैं। लेकिन जब तक ठुमकों का मजा लेने की बारी थी, किसी को पीड़िता की याद नहीं आई।
अति तो यह है कि आज भले ही टीवी कैमरों के सामने फिल्मी सितारे घड़ियाली आंसू बहाते नजर आ रहे हों लेकिन जहां मुनाफे का सवाल है तो उन्होंने भी अपने कार्यक्रमों में कोई रद्दोबदल नहीं किया। और नही मुलायम सिंह यादव द्वारा इन फिल्मी सितारों को मना किया गया। जब हमने जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की तो पता चला कि इन सितारों को बड़ा भुगतान किया जा चुका था, ऐसे में कार्यक्रम को रोकने की बजाय उसे जारी रखा गया।
ऐसा भी नहीं है कि अब पीड़िता की मौत की खबर के बाद नेताजी की नगरी में जश्न खत्म हो गया हो। शुक्रवार को सैफई महोत्व खत्म हो गया और आज से इटावा महोत्सव धूमधाम से जारी है।
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