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Showing posts from July, 2025

डियर निब्बा-निब्बी! रोना-धोना छोड़ खुद को मेच्योर बनाओ, क्योंकि जीवन ‘सैयारा’ है…

                                                                                         फिल्म सैयारा का एक सीन (फोटो साभार: Indianexpress)                                      सैयारा मैं सैयारा, सैयारा तू सैयारा                                       सितारों के जहाँ में मिलेंगे अब यारा वैसे तो ऊपर की पंक्तियाँ सलमान खान और कटरीना कैफ की फिल्म ‘एक था टाइगर’ के एक गाने की हैं। यह फिल्म 2012 में रिलीज हुई थी। 13 साल बाद एक बार फिर अरबी भाषा का शब्द ‘सैयारा’ चर्चा में है। मोटे तौर पर सैयारा का अर्थ गतिमान या सफर होता है। पर जब यह शायरी का लिबास ओढ़ती है तो इसका उपयोग प्रेम/आकर्षण के ...

सूने दिलों में धड़कन जगाने आया भोलेनाथ का सावन का महीना और वीणा के तारों को चार चाँद लगाते फिल्मों के गीत 'सावन का महीना पवन करे सोर(शोर) से लेकर ‘मोहब्बत बरसा देना’

सावन का महीना जिसे भोलेनाथ शिव के नाम से अधिक जाना जाता है लेकिन भोलेनाथ सिर्फ स्वयं आनन्दित होते समस्त सृष्टि को भी आनन्दित कर देते हैं।  सावन महीना इतना ऊर्जावान होता है कि बच्चों से लेकर वृद्ध तक में नवचेतना दौड़ने लगती है। प्रकृति भी इससे अछूती नहीं रहती। वर्षा ऋतु से चारों ओर हरियाली होने से उपवनों में खिलते पुष्प भी प्रकृति को नवजीवन प्रदान करती है। आकाश पर इंद्रधनुष मन को लुभाते हैं। ऐसे में गीतकार क्यों चूंके। फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीतों की हुई रचना से समस्त सृष्टि ख़ुशी में झूम जाती है। कई गाने तो इतने चर्चित होते हैं कि पूरी की पूरी फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर धूम मचवा देते हैं।    विक्रम संवत 2082, मास – श्रावण। श्रावण, जिसे लोकभाषा में सावन कहते हैं, अपने साथ कितना कुछ लेकर आता है ।   सावन सिर्फ़ झमाझम बारिश, चारों तरफ पसरी हरियाली और खा-खाकर अघाए शाकाहारी पशुओं का ही महीना नहीं है – बल्कि ये रचनात्मकता का शिखर छूने वालों के लिए भी एक आदर्श महीना है। इतिहास तो यही कहता है। बॉलीवुड के गीतकारों ने इसी महीने के ऊपर एक से बढ़कर एक गीत लिखे हैं, जिन पर फिल्...

मीलॉर्ड और हिन्दू विरोधी कपिल सिबल जवाब दो कन्हैया लाल की हत्या से क्या मोहब्बत के फूल बरसे थे? उदयपुर फाइल्स पर रोक लगवाने में सफल हुआ जमीयत, ‘ईशनिंदा’ का बनाया बहाना: दावा – मुस्लिमों को बनाया जा सकता है निशाना, आतंकियों का भी बचाव करता है ये इस्लामी संगठन

       मीलॉर्ड दर्जी कन्हैया का क्या कसूर था? क्या उसकी हत्या से मोहब्बत के फूल बरसे थे? सच्चाई को बाहर आने से क्यों रोका?    राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। ये फिल्म शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को रिलीज होनी थी। इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया अरशद मदनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद को केंद्र सरकार के पास जाकर फिल्म के सीन और उसके सर्टिफिकेशन में बदलाव करने की बात कही है। केंद्र के पास सिनेमेटोग्राफी एक्ट के सेक्शन-6 के तहत फिल्म में बदलाव करने का अधिकार होता है। कोर्ट ने उलेमा-ए-हिंद को जरूरी बदलाव करने के लिए 10 जुलाई 2025 तक का समय दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बदलाव किए जाने वाली याचिका पर जब तक निर्णय नहीं ले लिया ज...

कन्हैया लाल का गला कैमरे पर रेतने वाले अब कह रहे उस पर बनी ‘उदयपुर फाइल्स’ मत दिखलाओ: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कबूल नहीं की याचिका? कपिल सिबल जवाब दो कन्हैया का गला रेता गया था या नहीं? तब कन्हैया के पक्ष में क्यों नहीं कोर्ट गए? हिन्दुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए रहे अत्याचारों का बचाव करना छोड़ो

                                                                                                            साभार: Bookmyshow सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैयालाल की हत्या पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज के खिलाफ याचिका सुनने से इनकार कर दिया है। यह फिल्म 11 जुलाई, 2025 को रिलीज होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे रिलीज हो जाने दिया जाए। वहीं इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सुनवाई की है। बुधवार (9 जून, 2025) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एक याचिका की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कन्हैयालाल की हत्या में शामिल जावेद ने दायर की थी। जावेद का दावा था कि अगर या फिल्म रिलीज हुई तो उसे ‘निष्पक्ष सुनवाई‘ का मौक़ा नहीं मिलेगा। इस याचिका को लेकर सुनवाई कर रही जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमलय बागची की बेंच...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)