आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कुर्सी की भूख क्या अजीब होती है, जो तुष्टिकरण के आगे नतमस्तक होकर अपने ही देवी-देवताओं को दरकिनार कर देती है। यादव वंश जिसे श्रीकृष्ण का वंशज कहा जाता है, वही यादव वंश पुरुषोत्तम श्रीराम के विरुद्ध उल्टा-सीधा बोलता रहता है। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री रहते निहत्ते रामभक्तों पर गोलियाँ चलवा देते हैं, तो अब यादव वंश के एक और अपने आपको हिन्दू कहने वाले शरद यादव श्रीराम के विरुद्ध बयानबाज़ी कर चुनावी माहौल में रामजन्मभूमि मुद्दे को जीवित कर दिया है।
लोकतांत्रिक जनता दल(एलजेडी) नेता शरद यादव ने राम जन्मभूमि को लेकर विवादित बयान दिया है। शरद यादव ने राम जन्मभूमि को लेकर कहा कि उनकी राम जन्मभूमि में कोई श्रद्धा नहीं है। और वह जिंदा आदमी को पूजते हैं। शरद जब ज़िन्दा आदमी को पूजते हैं, तो शायद पितृपक्ष(श्राद्ध) भी मानते हो, सन्देह होता है, क्योंकि यह मृतक पूर्वजों के लिए होते हैं। अगर मानते है, तो मात्र अपने पेट की खातिर कुर्सी बने रहने के लिए दिया बयान, जिसका इन्हे और इनके समर्थकों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उनके इस विवादित बयान से ध्रुवीकरण का श्रीगणेश हो गया।
शरद यादव ने अपने इस बयान से उनके हिन्दू होने पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। उनको यह भी स्मरण करना चाहिए कि कांग्रेस द्वारा चंद्रशेखर सरकार रामजन्मभूमि विवाद हल करने के कारण ही गिरायी गयी थी। जो साहसिक कदम चंद्रशेखर ने उठाया था, उस जैसा कदम नरेन्द्र मोदी भी उठाने में अब तक असफल ही हैं, जो घर बुलाकर न्यायधीश बुलाकर यह कहने का साहस कर सके कि "रामजन्मभूमि विवाद पर तारीख नहीं, निर्णय चाहिए।"
शरद यादव ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी विवादित बयान दिया। जिसमें उन्हें कहा कि योगी का काम केवल घंटा बजाना है। सविंधान से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
शरद यादव ने कुछ ही दिन पहले जेडीयू से अलग होकर अपनी एक नई पार्टी बनाई है। जिसका नाम लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) है। इससे पहले शरद यादव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
बतौर एलजेडी नेता शरद यादव ने यूपी के बाराबंकी में पत्रकारों से बात करते हुए राम मंदिर को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि अंदिर-मंदिर से हमारा कोई वास्ता नहीं है। न ही संविधान का वास्ता है।
वहीं दूसरी तरफ शरद यादव ने सीएम योगी को लेकर कहा कि योगी जी है, वह घंटा बजाएं। पूजा पाठ का काम तो बाबाओं का हैं। इनका संविधान से क्या नाता। योगी का संविधान की बातों से कोई लेना-देना नहीं है।
शरद यादव ने महागठबंधन को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ही सरकार बनेगी। महागठबंधन में मौजूद सभी पार्टियां एक-जुट होकर केंद्र की बीजेपी सरकार को बुरी तरह से हराकर सत्ता से उखाड़कर बाहर कर देगी।
कुर्सी की भूख क्या अजीब होती है, जो तुष्टिकरण के आगे नतमस्तक होकर अपने ही देवी-देवताओं को दरकिनार कर देती है। यादव वंश जिसे श्रीकृष्ण का वंशज कहा जाता है, वही यादव वंश पुरुषोत्तम श्रीराम के विरुद्ध उल्टा-सीधा बोलता रहता है। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री रहते निहत्ते रामभक्तों पर गोलियाँ चलवा देते हैं, तो अब यादव वंश के एक और अपने आपको हिन्दू कहने वाले शरद यादव श्रीराम के विरुद्ध बयानबाज़ी कर चुनावी माहौल में रामजन्मभूमि मुद्दे को जीवित कर दिया है।
लोकतांत्रिक जनता दल(एलजेडी) नेता शरद यादव ने राम जन्मभूमि को लेकर विवादित बयान दिया है। शरद यादव ने राम जन्मभूमि को लेकर कहा कि उनकी राम जन्मभूमि में कोई श्रद्धा नहीं है। और वह जिंदा आदमी को पूजते हैं। शरद जब ज़िन्दा आदमी को पूजते हैं, तो शायद पितृपक्ष(श्राद्ध) भी मानते हो, सन्देह होता है, क्योंकि यह मृतक पूर्वजों के लिए होते हैं। अगर मानते है, तो मात्र अपने पेट की खातिर कुर्सी बने रहने के लिए दिया बयान, जिसका इन्हे और इनके समर्थकों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उनके इस विवादित बयान से ध्रुवीकरण का श्रीगणेश हो गया।
ऐसा प्रतीत होता है कि सांसद रहते हुए संविधान तक नहीं देखा, जिसमे पुरुषोत्तम श्रीराम का चित्र प्रकाशित है। |
शरद यादव ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी विवादित बयान दिया। जिसमें उन्हें कहा कि योगी का काम केवल घंटा बजाना है। सविंधान से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
शरद यादव ने कुछ ही दिन पहले जेडीयू से अलग होकर अपनी एक नई पार्टी बनाई है। जिसका नाम लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) है। इससे पहले शरद यादव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
बतौर एलजेडी नेता शरद यादव ने यूपी के बाराबंकी में पत्रकारों से बात करते हुए राम मंदिर को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि अंदिर-मंदिर से हमारा कोई वास्ता नहीं है। न ही संविधान का वास्ता है।
अवलोकन करिए :--
वहीं दूसरी तरफ शरद यादव ने सीएम योगी को लेकर कहा कि योगी जी है, वह घंटा बजाएं। पूजा पाठ का काम तो बाबाओं का हैं। इनका संविधान से क्या नाता। योगी का संविधान की बातों से कोई लेना-देना नहीं है।
शरद यादव ने महागठबंधन को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ही सरकार बनेगी। महागठबंधन में मौजूद सभी पार्टियां एक-जुट होकर केंद्र की बीजेपी सरकार को बुरी तरह से हराकर सत्ता से उखाड़कर बाहर कर देगी।
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