आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिसौली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक कुशाग्र सागर को रेप केस में राहत मिली गई है। रेप पीड़िता ने सीओ थर्ड के ऑफिस में पहुंचकर कहा कि वह बीजेपी विधायक पर कार्यवाई नहीं चाहती। पीड़िता का कहना है कि उसे सोचने और समझने के लिए कुछ वक्त दिया जाये। इसलिए वह पांच दिन का समय चाहती है। आखिर क्या कारण है, कि पीड़िता समय माँग रही है?
चुनावी माहौल में ही क्यों भाजपा के विरुद्ध आरोप लगते है?
चुनावी माहौल में भाजपा के किसी भी नेता के विरुद्ध इस तरह के आरोप लगाना, क्या किसी राजनीती षड्यंत्र के तहत होता है? चुनाव संपन्न होते ही आरोपी पीछे हट जाते/जाती है, क्या मतलब है? ऐसे लोगों के विरुद्ध भाजपा शीर्ष नेतृत्व को सख्ती से पेश आना चाहिए। ताकि विरोधी भाजपा के विरुद्ध कोई भी षड्यंत्र रचने से पूर्व और उस आरोप के संलिप्त हज़ार बार सोंचे। यह स्वच्छ राजनीती नहीं, चुनावों से किसानों द्वारा आत्महत्या, दलित हत्या, या मुस्लिम हत्या और चुनाव संपन्न होते ही समस्त समस्याऔ का दफ़न होना। आखिर क्या कारण है कि पीड़िता बलात्कारी भाजपा विधायक के विरुद्ध तुरन्त कार्यवाही नहीं चाहती? इस राज का पर्दाफाश होना चाहिए।
बीजेपी विधायक पर लगाया था आरोप
बीजेपी विधायक पर लगाया था आरोप बदायूं के बिसौली से बीजेपी विधायक कुशाग्र सागर पर घर की नौकरानी की बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगा था। बीते मंगलवार को अपनी मां के साथ एसएसपी के सामने पेश हुई पीड़ित युवती ने आरोप लगाया कि कुशाग्र ने पहली बार उसके साथ करीब पांच साल पहले अपने ग्रीन पार्क स्थित घर में दुष्कर्म किया था। उस वक्त युवती नाबालिग थी और कुशाग्र भी विधायक नहीं थे। उसके विरोध पर कुशाग्र और उनके परिवार वालों ने उसे बालिग होने पर शादी करने का झांसा देकर चुप करा दिया था। इसके बाद भी पांच साल तक कुशाग्र उसका शारीरिक शोषण करते रहा।
पीड़िता ने नहीं कराये थे बयान दर्ज
एसएसपी ने सीओ थर्ड को मामले के जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद युवती के बयान दर्ज करने के लिए सीओ ऑफिस बुलाया गया था। लेकिन पीड़िता बार-बार बुलाने पर भी सीओ थर्ड के ऑफिस नहीं पहुंची। पीड़िता ने बीती दिनों सीओ ऑफिस पहुंची और उसने कहा वह अपने घर पर थी उसे विधायक और उसके परिवार से किसी तरह की कोई धमकी नहीं मिली है। वह अपने रिश्तेदारी में उत्तराखंड गई हुई थी। वहीं, युवती ने सीओ थर्ड के ऑफिस में पहुंचकर कहा कि वह तुरंत कार्रवाई नहीं चाहती। वह चाहती है कि उसे सोचने समझने का वक्त मिले। इसलिए उसे पांच दिन का समय चाहिए। पीड़िता ने कहा कि वह पांच दिन बाद ही एफआईआर और बयान दर्ज कराएगी।
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