आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कैराना और नूरपुर उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद विपक्ष तो विपक्ष अब अपने भी बेगाने हो गए हैं. हरदोई के गोपामऊ से बीजेपी विधायक श्यामप्रकाश ने अब अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. विधायक ने सोशल साइट पर एक कविता पोस्ट करके अपनी ही सरकार, संघ से जुड़े लोगों और सरकारी अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा हैं. बीजेपी विधायक का काव्य रूप में शेयर किया गया इस पोस्ट पर लोग खूब चुटकी ले रहे हैं. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक श्यामप्रकाश एक बार फिर से सुर्खियों में छा गए हैं.
हरदोई से भाजपा विधायक श्यामप्रकाश ने नूरपुर विधानसभा और कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की हार को लेकर सोशल मीडिया पर एक बार फिर सरकार और संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
विधायक श्यामप्रकाश जैसे और भी
प्रधानमन्त्री मोदी और मुख्यमन्त्री योगी पर साधा निशाना
हरदोई से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कैराना और नूरपुर उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अपने फेसबुक पेज पर इस कविता को शेयर किया. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा है. कविता के माध्यम से उन्होंने संघ, संगठन और अधिकारीयों पर भी हमला किया. विधायक ने ये भी लिखा है कि समझदार को इशारा ही काफी है।
क्या लिखी है कविता
विधायक ने लिखा है, कि पहले गोरखपुर, फूलपुर और अब कैराना, नूपपुर में बीजेपी की हार का हमें दुख हैं, किंतु वर्तमान हकीकत में ये पांच लाइनें...
मोदी नाम पर पा गए राज।
कर ना सके जनता का मन काज।।
कर ना सके जनता का मन काज।।
संघ,संगठन हाथ लगाम।
मुख्यमंत्री भी असहाय।।
मुख्यमंत्री भी असहाय।।
जनता और विधायक त्रस्त।
अधिकारी,अध्यक्ष भी भ्रष्ट।।
अधिकारी,अध्यक्ष भी भ्रष्ट।।
उतर गई पटरी से रेल।
फेल हुआ, अधिकारी राज।।
फेल हुआ, अधिकारी राज।।
समझदार को है ये इशारा।
आगे है अधिकार तुम्हारा।।
आगे है अधिकार तुम्हारा।।
इसके बाद उन्होंने लिखा है कि किंतु वर्तमान हकीकत की पांच लाइनें। फिर दस लाइन पोस्ट की गई हैं। इसमें मुख्यमंत्री को फिर से असहाय बताया गया है। विधायक श्यामप्रकाश ने जो कविता पोस्ट की है उसका तात्पर्य यह है कि मोदी के नाम पर राज तो मिल गया, लेकिन जनता के मन का काज फिर भी न कर सके। संघ और संघटन के हाथ में लगाम होने के चलते मुख्यमंत्री के भी असहाय होने की बात कही गई है। अधिकारी और अध्यक्ष को भ्रष्ट बताते हुए कहा गया है कि उतर गई पटरी से रेल, फेल हुआ अधिकारी राज। फिर दो पंक्तियों के माध्यम से विधायक ने कहा है कि समझदार को इशारा काफी है और आगे अधिकार मतदाताओं को है।
अधिकारी सरकार के कंट्रोल में नहीं: श्यामप्रकाश
ज़ी न्यूज से बातचीत करते हुए हरदोई के विधायक श्यामप्रकाश ने कहा कि सरकार काम कर रही है, लेकिन अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद अधिकारी लोगों की समस्याओं को नहीं सुनते, जिसकी वजह से प्रदेश की जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकार के कंट्रोल में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है.
ज़ी न्यूज से बातचीत करते हुए हरदोई के विधायक श्यामप्रकाश ने कहा कि सरकार काम कर रही है, लेकिन अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद अधिकारी लोगों की समस्याओं को नहीं सुनते, जिसकी वजह से प्रदेश की जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकार के कंट्रोल में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है.
दिल्ली
दिल्ली में भी लगभग यही हाल है। जिस केजरीवाल सरकार के विरुद्ध भाजपा आरोप लगाने का कोई मौका नहीं चूक रही, इन्हे महावीर एन्क्लेव, पालम में जाकर काम देखना चाहिए। काफी समय से वहां की जनता बिजली, पानी और सीवर लाइन न होने के कारण परेशान थे, आज वहाँ सीवर लाइन का काम जोरशोर से चल रहा है। अब आने वाले चुनाव में लोग कांग्रेस और भाजपा को वोट देंगे या आम आदमी पार्टी को? जनता को चाहिए काम, आखिर मोदी-मोदी कर कब तक जनता को मूर्ख बनाया जाता रहेगा? और सिर्फ नारेबाजी कर "हर हर मोदी, घर घर मोदी" वाले नेता, केवल मोदी ही नहीं बल्कि पार्टी के लिए भी अहितकारी हैं। जबकि विश्वास नगर में कितने वर्षो से गन्दा नाला बह रहा है, और उसी के किनारे स्वर्ण सिनेमा वर्तमान सुप्रीम चल रहा है। इतना ही नहीं, नाले के किनारे पूरी कॉलोनी बसी हुई है। लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा, किसी को चिन्ता नहीं। यही स्थिति सीलमपुर की भी है। भीकम सिंह कॉलोनी, विश्वास नगर में कब नालों में गन्दा पानी आ जाये,पता नहीं। क्या निगम पार्षद से लेकर सांसद को इस की जानकारी है, यदि नहीं, क्यों? क्या कर रहे है, उस क्षेत्र के कार्यकर्ता? क्या विश्वास नगर में बहते खुले गन्दे नाले के किनारे रहने वाले वोट नहीं देते? कितने पोलिंग हैं, इस क्षेत्र में और कुल कितनी वोट हैं, इस क्षेत्र में?
फिर दिल्ली में कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहाँ बिजली और पानी की खूब चोरी हो रही है। अधिकारियों को भी मालूम है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं। हर तीसरे-चौथे महीने दीवारों पर पोस्टर लग जाते हैं "बिजली चोरी, मीटर टेंपरिंग के कारण बिलों में भारी कटौती के लिए कैंप में आकर मुसीबत से निजात पाएं", जो स्पष्ट प्रमाणित करता है कि "ये सब काम नेताओं के संरक्षण में ही होते हैं", जिसका लाभ अधिकारी भी लेते हैं और मरता ईमानदारी से प्रयोग करने वाला उपभोक्ता।
लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर विपक्ष की तुलना आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से की। सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि, 'माओवादी, जातिवादी, सामन्तवादी और ओसामावादी सभी राष्ट्रवादी गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। लेकिन विकास की अविरल गंगा में बहते हुए एनडीए की नाव नियत गति से 2019 का पड़ाव अवश्य पार करेगी।' उनसे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी विपक्ष पर निशाना साधा था और हाफिज सईद से तुलना की थी। बता दें हाल ही में उपचुनाव के नतीजे आए हैं। इसमें भाजपा को करारा झटका लगा है, जिसके बाद से विपक्ष की एकजुटता पर भाजपा के हमले तेज हो गए हैं।
भाजपा ने विपक्ष की एकजुटतातुलना आतंकी से की
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया पर विपक्ष की एकजुटता की तुलना आतंकी हाफिज सईद से की।
उन्होंने जून 3 को ट्विटर पर लिखा, 'इसमें कोई नई बात नहीं है कि विपक्ष 2019 में मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहता है। ऐसे कई अन्य लोग भी हैं, जो यही चाहते हैं। हाफिज सईद खुलेआम नरेंद्र मोदी का खून बहाने की बात कर रहा है।' हालांकि, उन्होंने बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि ये कोई तुलना नहीं है।
दिल्ली में भी लगभग यही हाल है। जिस केजरीवाल सरकार के विरुद्ध भाजपा आरोप लगाने का कोई मौका नहीं चूक रही, इन्हे महावीर एन्क्लेव, पालम में जाकर काम देखना चाहिए। काफी समय से वहां की जनता बिजली, पानी और सीवर लाइन न होने के कारण परेशान थे, आज वहाँ सीवर लाइन का काम जोरशोर से चल रहा है। अब आने वाले चुनाव में लोग कांग्रेस और भाजपा को वोट देंगे या आम आदमी पार्टी को? जनता को चाहिए काम, आखिर मोदी-मोदी कर कब तक जनता को मूर्ख बनाया जाता रहेगा? और सिर्फ नारेबाजी कर "हर हर मोदी, घर घर मोदी" वाले नेता, केवल मोदी ही नहीं बल्कि पार्टी के लिए भी अहितकारी हैं। जबकि विश्वास नगर में कितने वर्षो से गन्दा नाला बह रहा है, और उसी के किनारे स्वर्ण सिनेमा वर्तमान सुप्रीम चल रहा है। इतना ही नहीं, नाले के किनारे पूरी कॉलोनी बसी हुई है। लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा, किसी को चिन्ता नहीं। यही स्थिति सीलमपुर की भी है। भीकम सिंह कॉलोनी, विश्वास नगर में कब नालों में गन्दा पानी आ जाये,पता नहीं। क्या निगम पार्षद से लेकर सांसद को इस की जानकारी है, यदि नहीं, क्यों? क्या कर रहे है, उस क्षेत्र के कार्यकर्ता? क्या विश्वास नगर में बहते खुले गन्दे नाले के किनारे रहने वाले वोट नहीं देते? कितने पोलिंग हैं, इस क्षेत्र में और कुल कितनी वोट हैं, इस क्षेत्र में?
फिर दिल्ली में कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहाँ बिजली और पानी की खूब चोरी हो रही है। अधिकारियों को भी मालूम है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं। हर तीसरे-चौथे महीने दीवारों पर पोस्टर लग जाते हैं "बिजली चोरी, मीटर टेंपरिंग के कारण बिलों में भारी कटौती के लिए कैंप में आकर मुसीबत से निजात पाएं", जो स्पष्ट प्रमाणित करता है कि "ये सब काम नेताओं के संरक्षण में ही होते हैं", जिसका लाभ अधिकारी भी लेते हैं और मरता ईमानदारी से प्रयोग करने वाला उपभोक्ता।
लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर विपक्ष की तुलना आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से की। सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि, 'माओवादी, जातिवादी, सामन्तवादी और ओसामावादी सभी राष्ट्रवादी गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। लेकिन विकास की अविरल गंगा में बहते हुए एनडीए की नाव नियत गति से 2019 का पड़ाव अवश्य पार करेगी।' उनसे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी विपक्ष पर निशाना साधा था और हाफिज सईद से तुलना की थी। बता दें हाल ही में उपचुनाव के नतीजे आए हैं। इसमें भाजपा को करारा झटका लगा है, जिसके बाद से विपक्ष की एकजुटता पर भाजपा के हमले तेज हो गए हैं।
भाजपा ने विपक्ष की एकजुटतातुलना आतंकी से की
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया पर विपक्ष की एकजुटता की तुलना आतंकी हाफिज सईद से की।
उन्होंने जून 3 को ट्विटर पर लिखा, 'इसमें कोई नई बात नहीं है कि विपक्ष 2019 में मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहता है। ऐसे कई अन्य लोग भी हैं, जो यही चाहते हैं। हाफिज सईद खुलेआम नरेंद्र मोदी का खून बहाने की बात कर रहा है।' हालांकि, उन्होंने बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि ये कोई तुलना नहीं है।
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