मुस्लिम वोटों के सौदागर शाही इमाम बरकती |
टाइम्स नाउ द्वारा किए गए स्टिंग के ऑपरेशन के दौरान जब बरकती से पूछा गया, 'मुस्लिम वोटर कभी दूसरे पार्टी को वोट नहीं करेंगे क्या, ये भी आपसे कहलवाया गया था?' इस प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'सब बात पॉलिटिकली कही गई है। जो सख्त बोलता है वो दिल का साफ होता है.. सब यहीं आए थे...बीजेपी के पास माल-पानी बहुत है, सब रुपया लाए, फकीरों को दे, खिलाया जाएगा सब गरीबों को. फिर देखिए कैसे मुस्लिम वोट भाजपा के पक्ष में जाता है।'
यही नहीं बरकती ने कहा 'बीजेपी के सामने मेरी कुछ शर्तें रहेंगी। बीजेपी पैसा दे तो हम चार-पांच लाख लोगों की रैली निकाल सकते हैं। ये सारे लोग बीजेपी के वोट में तब्दील हो जाएंगे... पैसा नहीं रहेगा तो पॉलिटिक्स कैसे होगी। मुस्लिम वोट शेयर पैसे से बदल जाएगा। बंगाल के अंदर बहुत सेंटीमेट बदला हुआ है। यहां मुस्लिम अंदर ही अंदर ही बीजेपी को प्यार कर रहे हैं।'
स्टिंग मामले में जब सन्डे एक्सप्रेस ने बात की तो बरकती ने अपना पुराना स्टैंड दोहराया। उन्होंने कहा "सबसे बड़ा इमाम पैसा है। भाजपा के पास पैसा है। अगर वो बंगाल में पैसा खर्च करते हैं तो आप देखेंगे कि किस तरह मुस्लिम भाजपा के पक्ष में आते हैं। कुछ भी मुफ्त में नहीं आता।"
बरकती ने यह भी भविष्यवाणी की कि "2019 में भाजपा को 10 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिलेगा। अगर बंगाल का समस्त 30 प्रतिशत वोट चाहिए तो भाजपा को पैसा खर्च करना होगा। मै भाजपा के पक्ष में रैली करूँगा और आसानी से लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए प्रभावित कर सकता हूँ।"
कुछ समय पूर्व, प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध फतवा देने वाले बरकती ने आगे कहा कि "अब बंगाल में लोगों की भावनाएं बदल रही हैं। बंगाल में अब मुस्लिम भाजपा विरोधी नहीं रहा। वह सिर्फ अपने नेताओं का इंतज़ार कर रहे हैं कि जो उन्हें बताएँ की मुस्लिम को किसे वोट देना चाहिए। मै एक फतवा भी जारी कर सकता हूँ कि 2019 में मुस्लिम किसे वोट दें। जैसाकि मैंने 2011 चुनाव से पहले ममता के लिए दिया था।" जो इस बात को सिद्ध करता है कि उनके सारे फतवे पैसे के दम पर दिए गए थे, जब तक जो पार्टी इनकी तिजोरी भरती रहेगी, उसके पक्ष में बोलते रहेंगे और उस पार्टी के विरोधियों के विरुद्ध फतवे देते रहेंगे।
दूसरे, बरकती समस्त मुस्लिम समाज को एक बिकाऊ वोट बैंक सिद्ध कर रहे हैं। सरकार को चाहिए की फतवा देने वालों के बैंक खातों आदि की गम्भीरता से जाँच कर, इनको बेनकाब करना चाहिए। ऐसे लोग ही समाज में द्धेष भावना फैला रहे हैं। खैर, एक बात तो बरकती के सौदेबाज़ी से मुखरित हो गयी कि तत्कालीन भारतीय जनसंघ यानि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध मुसलमानों में जहर फ़ैलाने का षड्यंत्र भाजपा विरोधियों द्वारा इमामों को धन देकर करवाया गया था। अगर अभी भी मुस्लिम जनमानस इन बिकाऊ इमामों और इनके फतवों पर अमल करता है तो उससे बड़ा कोई मूर्ख नहीं।
इमाम ने आगे कहा, 'बीजेपी का जो दावा है कि वह 22 सीटें जीतेगी, लेकिन मैं बता रहा हूं कि वो 28 सीटें पा जाएंगे क्योंकि हालात ऐसे हैं। पिछले चुनाव में अगर मुस्लिमों ने ममता को वोट नहीं दिया होता तो वह क्या करती? भाजपा अगर पैसा देती है तो मैं मुस्लिमों की रैली निकालूंगा।
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