गुजरात ने DIPP-वर्ल्ड बैंक की राज्यों की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग की मेथडोलॉजी पर सवाल खड़े किए हैं। गुजरात के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले पर डिपार्टमेंट से क्लैरिफिकेशन मांगेगी।
सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग की लिस्ट में इस बार गुजरात दो पायदान खिसककर 5वें नंबर पर आ गया। इस लिस्ट को वर्ल्ड बैंक डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) द्वारा तैयार किया गया है।
रैंकिंग और गणना के तरीके से गुजरात निराश
गुजरात सरकार के अधिकारी ने कहा, ‘हम रैंकिंग और उनके द्वारा की गई गणना के तरीके से खासे निराश हैं। हम इस मुद्दे पर डीआईपीपी से क्लैरिफिकेशन मांगेंगे।’ अधिकारी ने संकेत दिया कि हरियाणा (82.9 फीसदी) की तुलना में 83.64 फीसदी और रिफॉर्म के मामले में अच्छा स्कोर (99.73 फीसदी) मिलने के बावजूद गुजरात दो पायदान नीचे खिसक गया।
अवलोकन करें :--
2015 में पहले नंबर पर था गुजरात
रैंकिंग रिफॉर्म और फीडबैक के स्कोर मिलाकर तैयार स्कोर के आधार पर तैयार की गई है। गुजरात वर्ष 2015 में पहले नंबर पर था, लेकिन 2016 में फिसलकर तीसरे और 2017 की रैंकिंग में 5वें नंबर पर आ गया। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य भी है।
अच्छे फीडबैक स्कोर के बावजूद छत्तीसगढ़ से पीछे मप्र
इसी प्रकार 79.73 फीसदी के अच्छे फीडबैक स्कोर के बावजूद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से पीछे रह गया। ये दोनों राज्य लिस्ट में क्रमशः छठे और सातवें नंबर पर रहे। वहीं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश लगातार दूसरे साल टॉप पर रहा।
तेलंगाना दूसरे, हरियाणा तीसरे नंबर पर
हाल में जारी बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) इंडेक्स के मुताबिक तेलंगाना और हरियाणा क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे।
सीआईआई प्रेसिडेंट राकेश भारती मित्तल ने कहा कि रैंकिंग में सुधार खासा उत्साहजनक है, क्योंकि यह समान ग्रोथ सुनिश्चित करने वास्ते सभी राज्यों में अनुकूल निवेश परिदृश्य तैयार करने के लिहाज से खासा अहम है।
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