दारुल उलूम ने कहा- शिया मुस्लिमों की पार्टी में ना जाएं सुन्नी मुसलमान
पिछले दिनों दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया जिसमें कहा गया था कि शिया मुसलमानों की इफ्तार पार्टी में सुन्नी मुसलमान नहीं जा सकते। देवबंद के फतवा का बरेलवी उलेमाओं ने भी समर्थन दिया था. ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव और दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना शहाबुद्दीन ने इस मुद्दे पर कहा कि शरीयत के अनुसार किसी भी गैर मजहब के शादी या इफ्तार में सुन्नी मुसलमानों को नहीं जाना चाहिए।
बुक्कल नवाब हनुमान मंदिर में भी पूजा करते हैं
पिछले महीने बुक्कल नवाब द्वारा बजरंग बली की पूजा करने और घंटा चढ़ाने पर देवबंदी उलेमाओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी थी। देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि बुक्कल इस्लाम में रहने लायक नहीं है। उलेमाओं के इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने ऐतराज जताते हुए उलेमाओं को धर्म का ठेकेदार बताया, तो मुफ्ती अहमद ने कहा कि अगर आजम खान भी दूसरे मजहब की पूजा करेंगे तो वो भी इस्लाम से खारिज हो जाएंगे। आपको बता दें, एमएलसी बुक्कल नवाब ने 16 अप्रैल को बीजेपी से एमएलसी की तरफ से विधानपरिषद के उम्मीदवार का नामांकन भरने के बाद, 17 अप्रैल को लखनऊ स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पहुंचे और 20 किलो का पीतल का घंटा चढ़ाया और जय श्रीराम के जयकारे भी लगाए थे।
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