मनमोहन सिंह सरकार के समय बैंकों से लिए करोड़ों रुपये लेकर विदेश भागने वाला विजय माल्या अचानक बेहद बेचैन हो उठा है। माल्या ने ऑफर किया है कि वो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से ली पूरी रकम लौटाने को तैयार है। सवाल उठ रहा है कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि विजय माल्या पैसे लौटाने की बात कहने लगा। इसके पीछे की पूरी कहानी बेहद मजेदार है। जो सबसे बड़ी वजह है वो ये कि विजय माल्या को भारत को सौंपने को लेकर ब्रिटिश कोर्ट में चल रही कार्रवाई आखिरी चरण में है और ज्यादा उम्मीद है कि वहां की अदालत माल्या को भारत सरकार को सौंप देगी। माल्या को यह एहसास होने के बाद उसने 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखी अपनी वो चिट्ठी जारी की है जिसमें उसने पैसे लौटाने की बात कही है। लेकिन माल्या का ये प्रस्ताव भारत सरकार बार-बार खारिज करती रही है।
माल्या से पैसे क्यों नहीं ले रही सरकार?
सरकार के पास इस बात के पक्की जानकारी है कि विजय माल्या कांग्रेस के इशारे पर विदेश भागा था। ये वो दांव था, जिससे काले धन के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती को सवालों के दायरे में खड़ा किया जा सकता था। माल्या की आर्थिक हालत खराब थी और उसके पास भी भागने के सिवा कोई रास्ता नहीं था। यही कारण है कि अब सरकार चाहती है कि माल्या को किसी भी तरह भारत लाया जाए। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने हमें बताया कि जहां तक रकम की बात है सरकार उसे लेकर निश्चिंत है क्योंकि जांच एजेंसिया लोन ली गई रकम से ज्यादा पहले ही जब्त कर चुकी हैं। अब अगर फैसला माल्या के खिलाफ चला गया तो वो पूरी तरह से कंगाल हो जाएगा।
माल्या पर कितनी रकम बकाया?
माल्या पर बकाया रकम कितनी है इसे लेकर मीडिया ने पिछले कुछ समय में काफी भ्रम फैलाने की कोशिश की है। दरअसल माल्या के लोन का प्रिंसिपल अमाउंट 4800 करोड़ रुपये ही है। इस पर बैंकों ने 3200 करोड़ रुपये ब्याज जोड़ा है। इस तरह से कुल रकम 8000 करोड़ रुपये के आसपास बैठती है। जबकि मोदी सरकार 10000 करोड़ से अधिक की रकम अब तक जब्त कर चुकी है। इसमें माल्या की शराब कंपनी यूनाइटेड ब्रुअरीज़ के 30 फीसदी शेयर भी शामिल हैं। हेनकेन नाम की कंपनी इन शेयरों को 20 फीसदी प्रीमियम पर खरीदने को भी तैयार है। इसके अलावा इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कुल 4000 करोड़ की रकम जब्त कर रखी है। जबकि बाकी जायदाद लोन देने वाले सरकारी बैंकों के कब्जे में है। अब अगर माल्या से किसी तरह का समझौता किया जाता है और वो देश लौट आए तो सरकारी खजाने का नुकसान होगा। जबकि विजय माल्या को फिर से अपना धंधा फैलाने की छूट मिल जाएगी। इसीलिए सरकार कोर्ट से बाहर किसी तरह की सुलह को तैयार नहीं है।
मीडिया की भूमिका बेहद संदिग्ध
माल्या के मामले में अब तक चैनलों और अखबारों की भूमिका ठीक नहीं रही है। दरअसल माल्या का तमाम मीडिया समूहों पर काफी एहसान रहा है। कई संपादक माल्या की पार्टियों में शराब पीने के लिए जाया करते थे। इसके अलावा किंगफिशर एयरलाइंस के फ्री पास भी कइयों को दिए गए थे। सोनिया गांधी भी किंगफिशर एयरलाइंस पर ही सबसे ज्यादा यकीन किया करती थीं। बताते हैं कि उनको भी माल्या ने अनलिमिटेड फ्री पास दे रखा था। माल्या की कैलेंडर गर्ल और उसकी आईपीएल टीम की ब्रांड एंबेसडर रही अभिनेत्री दिव्यास्पंदना उर्फ रम्या अब कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया की हेड है। ये वो बाते हैं जिसे अखबारों और चैनलों ने हमेशा छिपाने की कोशिश की। ऐसे में विजय माल्या की ताजा बेचैनी का रहस्य भी मीडिया लोगों को पता लगने देगी इस बात पर संदेह है।
विजय माल्या से लक्सरी प्लेन टिकट लेती थी सोनिया गाँधी, खूब मलाई खाई
विजय माल्या जो भारत में 9000 करोड़ का घोटाला कर तब फरार हो गया जब भारत में मोदी सरकार आयी, इस से पहले की मोदी सरकार जांच शुरू करे, विजय माल्या लंदन भाग गया और तब से वहीँ है, कई बार उसे हिरासत में लिया गया है, पर लंदन की अदालत उसे जमानत दे देती है, भारत की सरकार विजय माल्या को लगातार भारत लाने की कोशिश कर रही है
विजय माल्या ने भारत में 2014 से पहले जब सोनिया गाँधी की सरकार थी, 9000 करोड़ रुपए का घोटाला किया, भारतीय बैंको से 9000 करोड़ रुपए का लोन लिया, ऐश किया, सरकारों को मैनेज किया, राज्यसभा का सांसद भी बन गया, पूरी सरकार ही विजय माल्या पर मेहरबान थी
मोदी सरकार आयी माल्या ने इस सरकार को भी मैनेज करने की कोशिश की पर असफल रहा, इस से पहले की सरकार जांच शुरू करती भाग गया, पर पिछली सरकार को माल्या कैसे मैनेज करता था, ये ABP नामक सेक्युलर न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट में देखिये, किसी हिंदूवादी संगठन की नहीं बल्कि ये आनंद बाजार पत्रिका नामक वामपंथी मीडिया हाउस के चैनल ABP न्यूज़ की रिपोर्ट है, ध्यान दीजिये
श्रीमती #SoniaGandhi को @abpnewstv के इस खुलासे पर स्वयं ज़वाब देना चाहिये नहीं तो हमारे यहाँ कहा जाता है...
"मौनं स्वीकृति लक्षणं"
विजय माल्या कैसे 9000 करोड़ रुपए का घोटाला कर पाया, वो सरकारों, भ्रष्ट्र अधिकारीयों को कैसे मैनेज करता था ये आप समझ चुके होंगे, माल्या सोनिया गाँधी और उनके परिवार के लोगों को भी लक्सरी किंगफ़िशर प्लेन की टिकट दिया करता था, साथ ही भ्रष्ट्र सरकारी अधिकारीयों को भोग विलास उपलब्ध करवाता था, और इसी के बदले 9000 करोड़ का घोटाला करने में माल्या कामयाब रहा
पूरी सोनिया सरकार ही इसी तरह चला करती थी, लूटो, मलाई खिलाओ और लुटते रहो, अगर 2014 में मोदी सरकार भारत में ना आती तो माल्या और भी कई करिश्मे कर लेता, 9000 क्या अबतक 18000 करोड़ का घोटाला करके बैठा होता, सोनिया गाँधी माल्या से लक्सरी टिकट लेकर उड़ती थी, खुलासे के बाद सभी कॉंग्रेसियों की जबान भी बंद है
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