जब कश्मीर का भारत में विलय हुआ था तब सरदार पटेल के विरोध के बाद भी धारा 370 को संविधान में जोड़ा गया।
कश्मीर में आज भी बहुत से भारत के कानून पूर्ण रूप से लागु नहीं होते । धारा 370 भारतीय अखंडता के लिए एक नासूर की तरह है । जब तक इसे हटाया नहीं जाता तब तक कश्मीरी आतंकवाद से छुटकारा नहीं मिल सकता ।
एक देश एक कानून और 370 के खिलाफ लड़ते हुए कश्मीर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 23 जून 1953 को मृत्यु हो गयी थी । जिसे बीजेपी बलिदान दिवस के रूप में मनाती है। बीजेपी और संघ शुरुआत से ही 370 के खिलाफ रहे है । अब जब बीजेपी ने पीडीपी को तलाक दे ही दिया है तो अब ये क़यास लगाये जा रहे है की बीजेपी 23 जून बलिदान दिवस के मौके पर धारा 370 को ख़त्म कर सकती है। जिसे तुष्टिकरण के आगे नतमस्तक होती कोई भी सरकार समाप्त करने का साहस नहीं कर पायी। यदि ऐसा होता है, देश की डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिस कारण जेल में बन्द कर मृत्यु के आगोश में भेज दिया गया था।
अवलोकन करें:--
बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और वकील जो संविधान के जानकार भी है उन्होंने ट्वीट कर ये कहा की धारा 370 को हटाने के लिए संसद में कानून बनाने कीआवश्यकता नही है । इस धारा को बस राष्ट्रपति एक नोटिफिकेशन जारी करके ही ख़त्म कर सकते हैं।
-- आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
-- आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
Comments