पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में बदुरिया और आसपास के क्षेत्रों में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद जून 5 को हालात तनावपूर्ण रहे और हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बना हुआ गतिरोध जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जून 4 को राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर उन्हें धमकाने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि इस अपमान पर उन्होंने पद तक छोड़ने पर विचार किया था।
कल(जून 5) रात रजत शर्मा के द्वारा TV पर बताया गया कि मुर्शिदाबाद में ममता बनर्जी ने जगननाथ जी की रथयात्रा जो प्रत्येक वर्ष निकलती रही है उसे पहली बार नही निकलने दिया क्योंकि वहां मुस्लिम अधिक हो गये हैं और उन्होंने इस यात्रा का विरोध किया। इसका तात्पर्य यह है कि जहां जहां मुस्लिमों की आबादी बढती जायेगी वहां वहां हिन्दूओ के धार्मिक अधिकार नहीं रहेंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने ममता के कदम को सही कहा है। क्या इसी का नाम धर्म-निरपेक्षता है?
राज्यपाल त्रिपाठी के साथ आमने-सामने की लड़ाई में तृणमूल प्रमुख ममता ने आगे आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
https://www.facebook.com/Hindmyjaan/videos/188529378335284/शांतिप्रिय समुदाय द्वारा हिंदुओ की दुकानें तोड़-फोड़ करते हुए,कँहा गई मीडिया और सेक्युलर?? क्या हिंदू अपने ही देश में सुरछित नहीं ?? ये video कबकी है इसकी पुष्टी नहीं हुई है
अवलोकन करिये :--
राज्यपाल ने ममता के इस रवैये और भाषा पर हैरानी जताते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे मुख्यमंत्री को अपमानित, धमकाए जाने जैसा या नीचा दिखाए जाने जैसा महसूस हुआ हो।
बंगाल हिंसा को लेकर नई जानकारियां सामने आ रही हैं। स्थानीय प्रशासन के लोगों ने बताया है कि उन्हें 24 घंटे तक कोई एक्शन न लेने का आदेश था और ममता बनर्जी ने बदला लेने के लिए कठमुल्लों को खुली छूट दे दी थी। पढ़िए पूरी खबर।
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ममता ने राज्य सचिवालय में मीडिया से कहा कि उन्होंने मुझे फोन पर धमकी दी। जिस तरह से उन्होंने भाजपा का पक्ष लेते हुए बात की, उससे मैंने अपमानित महसूस किया। मैंने उनसे कह दिया कि वह मुझसे इस तरह बात नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उन्हें समझना चाहिये कि उन्हें इस पद के लिये मनोनीत किया गया है। ममता ने बताया कि राज्यपाल ने उनसे राज्य में एक सांप्रदायिक घटना के बारे में बात की।
राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्यपाल द्वारा किसी घटना की जानकारी लेने से मुख्यमंत्री ने अपमानित क्यों महसूस किया। उन्होंने कहा कि क्या राज्यपाल यह नहीं पूछ सकते कि घटना की वजह क्या है। राज्यपाल ने जब इस बारे में पूछा तो इसमें अपमानित होने का सवाल कहां से उठता है।
बंगाल में हिन्दुओं पर हमला
बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में कट्टरपंथी मुसलमानों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अब बशीरहाट इलाके में हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आ रही हैं। सोशल मीडिया के जरिए पहुंची तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। कोलकाता से मात्र 60 किलोमीटर दूर इस इलाके में करीब 2000 मुसलमानों की भीड़ ने हिंदुओं की दुकानों और मकानों में आगजनी की और एक पुलिस थाने पर भी हमला बोल दिया। ये हिंसा सोमवार को शुरू हुई। एक नाबालिग हिंदू लड़के की फेसबुक पोस्ट को लेकर ये तमाशा शुरू हुआ। कट्टरपंथियों की शिकायत पर पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मुसलमानों की भीड़ थाने पहुंच गई और मांग करने लगी कि उस लड़के को सौंपा जाए ताकि वो उसे शरिया कानून के मुताबिक सजा दे सकें। जिहादियों की भीड़ ने कस्बे में हिंदुओं के जितने भी मकान, दुकान दिखे सबमें आग लगा दी। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बताया है कि दंगाइयों ने कई जगहों पर बमबाजी की। हिंदू परिवार की कई बेटियों एवं बहनों से दुष्कर्म की भी सूचना मिली हैं। वहां बीजेपी के पांच कार्यालयों में भी आग लगा दी गई।6 घंटे तक चलता रहा साम्प्रदायिकता का नंगा नाच
शुरुआती जानकारी के मुताबिक जून 3 को जब जिहादी हिंसा शुरू हुई तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस काफी देर तक तमाशबीन बनी रही। चश्मदीदों का दावा है कि ऐसा लग रहा था कि उन्हें ऊपर से निर्देश मिले हैं कि कोई कार्रवाई नहीं की जाए। इस दौरान पूरे बशीरहाट में मुसलमानों ने घूम-घूमकर हिंदुओं के मकानों और दुकानों में लूटमार की और उन्हें आग के हवाले किया। इस दौरान हिंदू महिलाओं और लड़कियों के साथ बदसलूकी भी की गई। इस भीड़ की अगुवाई इलाके के कुछ मुस्लिम नेता और मस्जिद का मौलाना कर रहा था। इस भीड़ ने आरोपी लड़के के घर को पूरी तरह तहस-नहस करके उसमें आग लगा दी और उसके बूढ़े मां-बाप, छोटे भाई-बहन, चचेरे भाई और दूसरे रिश्तेदारों को बुरी तरह पीटा। चश्मदीदों के मुताबिक,ऐसा लग रहा था मानो सब करने के लिए करीब 6 से 8 घंटे की खुली छूट दे दी गयी हो। घायलों में कई लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। दंगाइयों ने वहां चल रही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को भी रुकवा दिया और रथ को पूरा तहस-नहस कर दिया। उत्तर 24 परगना जिले के पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी की गाड़ी पर भी हमला किया गया, जिसमें उन्हें चोट आई हैं। हिंसा की आग स्वरूपनगर, बशीरहाट समेत आसपास के कई इलाकों में भी फैल गई।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ
लोकल पुलिस के एक अधिकारी ने माना है कि बांग्लादेश के बॉर्डर से लगा इलाका होने के कारण यहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ होती रही है। इस पूरी हिंसा के पीछे बांग्लादेशियों का ही हाथ बताया जा रहा है। वोट बैंक की खातिर ममता बनर्जी सरकार ने इन्हें खुले तौर पर शह दे रखी है। यहां तक कि हिंसा के बाद लाउडस्पीकरों पर हिंदू इलाकों में चेतावनी दी जा रही है कि लोग घरों में रहें। अगर उन्होंने हिंसा करने की कोशिश की तो सख्ती बरती जाएगी। बंगाल पुलिस का यही रवैया है जिसके कारण बांग्लादेशी और कट्टरपंथी मुसलमानों को बढ़ावा मिल रहा है। बिल्कुल इसी तरीके से पिछले साल बंगाल में कालियाचक और धुलागढ़ में भी इसी तरह हिंदू परिवारों को निशाना बनाया गया था। सैकड़ों मकानें और दुकान जला दी गई थीं।
केंद्र के दबाव के बाद कार्रवाई
बताया जा रहा है कि राज्यपाल और केंद्र सरकार के दबाव के बाद ममता बनर्जी सरकार को बशीरहाट में हालात काबू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।केंद्र सरकार ने ही बीएसएफ की चार टुकड़ियां भेजी हैं। साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने जब हालात की जानकारी के लिए ममता बनर्जी को फोन किया तो उन्होंने जवाब देने के बजाय यह कहना शुरू किया कि राज्यपाल ने फोन करके मेरा अपमान किया है। इतना ही नहीं, ममता ने यहां तक आरोप लगा दिया कि राज्यपाल हिंदुओं का पक्ष ले रहे हैं।
इसे किसने जलाया? |
पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी जिसके बाद केंद्र ने आज 300 अर्द्धसैन्य बलों को वहां भेजा है। बीजेपी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नॉर्थ 24 परगना जिले में 2 हजार से ज्यादा मुस्लिमों ने हिंदू परिवारों पर हमला किया। बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है।
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में एक ‘आपत्तिजनक’ फेसबुक पोस्ट की वजह से सांप्रदायिक तनाव फैल गया। जिसके बाद दो समुदाय आमने सामने हैं, हालात न बिगड़े इसलिए केंद्र ने मंगलवार को वहां अर्धसैलिक बल के 300 जवानों को भेजा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बशीरहाट सब-डिविजन के बादुरिया इलाके में एक ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट की वजह से दो समुदायों के सदस्यों में झड़प हो गई। सीएम ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बीजेपी ने जून 4 को आरोप लगाया कि नॉर्थ 24 परगना जिले में 2 हजार से ज्यादा मुस्लिमों ने हिन्दू परिवारों पर हमला किया। बीजेपी का आरोप है कि तमाम जगहों पर उसके दफ्तरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। राज्य पुलिस पर हालात को नियंत्रण में न कर पाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी के महा सचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मामले में दखल देने की मांग की है। विजयवर्गीय बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी भी हैं।
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कहाँ है mob lynching गैंग ? कहाँ है अवार्ड वापसी गैंग? यह दोनों गैंग अपनी ईमानदारी से बतायें कि ममता
बनर्जी के कार्यकाल में अब तक कितनी बार 24 परगना के हिन्दुओं पर कितनी बार हमले हुए हैं? कितने मंदिर तोड़े जा चुके हैं? छद्दम धर्म-निरपेक्षता का चश्मा फेंक कर वास्तविक धर्म-निरपेक्षता को अपनाना चाहिए। क्योकि बदलते राजनीतिज्ञ परिवेष में छद्दमवाद का दौर ज्यादा नहीं चलने वाला।
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बीजेपी के ही एक और नेता लॉकेट चटर्जी ने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि ममता बनर्जी सरकार को बर्खास्त कर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
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